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शर्मनाक:- खाकी का नया कारनामा, मृतक का चालान कर जारी किया वारंट - Raibareli News

रायबरेली में पुलिस विभाग की शर्मनाक लापरवाही उजागर हुई है. जहां पुलिस ने मृत व्यक्ति का शांतिभंग में चालान काट दिया है. मामला उपजिलाधिकारी के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने इस लापरवाही के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी है.

खाकी का नया कारनामा मृत का किया शांतिभंग में चालान
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Published : Mar 6, 2019, 12:13 PM IST

रायबरेली : सूबे की पुलिस का लापरवाही बरतना कोई नई बात नहीं है. ऐसा ही एक मामला जिले के भदोखर थाना क्षेत्र में सामने आया है, जहां पर एक मृत व्यक्ति का शांतिभंग में चालान कर दिया गया. जब मृतक के नाम वारंट जारी हुआ तो परिजनों को मामले की जानकारी हुई. परिजनों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी लेकिन लापरवाही की हद तो तब हो गई जब पुलिस ने मामले की जानकारी अपने आलाधिकारियों को नहीं दी और मृतक के नाम पर वारंट जारी होते रहे. आखिरकार थक-हारकर परिजनों ने एसडीएम से गुहार लगाई तब जाकर मामला आलाधिकारियों के संज्ञान में आया.

खाकी का नया कारनामा मृत का किया शांतिभंग में चालान
रायबरेली के भदोखर थाना क्षेत्र के पलिया गांव के रहने वाले रामप्रकाश की मृत्यु 5 अक्टूबर 2018 में हो गई थी. भदोखर पुलिस ने उसके खिलाफ 107/116 का चालानी रिपोर्ट बनाकर उपजिलाधिकारी से उसे पाबन्द करने का निवेदन किया. चालानी रिपोर्ट पर एसडीएम ने 5 नवम्बर 2018,27 दिसम्बर,18 जनवरी व 6 फरवरी को वारंट जारी कर दिया, जबकि परिजन वारंट लाने वाले पुलिस कर्मियों को इसकी लगातार जानकारी देते रहे कि रामप्रकाश की मौत हो चुकी है, लेकिन खाकी के नशे में खोई पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी. थक-हारकर जब उन्होंने अपने वकील के द्वारा मामले को एसडीएम के सामने पहुंचाया. तब जाकर मामला लोगों की जानकारी में आया और खाकी की कार्यशैली लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बन गई.
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खाकी का नया कारनामा मृत का किया शांतिभंग में चालान
मामले पर पुलिस ने तो चुप्पी साध ली है लेकिन उपजिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे मामले पुलिस की लापरवाही से होते हैं, हांलाकि इस पूरी लापरवाही के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है.
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रायबरेली : सूबे की पुलिस का लापरवाही बरतना कोई नई बात नहीं है. ऐसा ही एक मामला जिले के भदोखर थाना क्षेत्र में सामने आया है, जहां पर एक मृत व्यक्ति का शांतिभंग में चालान कर दिया गया. जब मृतक के नाम वारंट जारी हुआ तो परिजनों को मामले की जानकारी हुई. परिजनों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी लेकिन लापरवाही की हद तो तब हो गई जब पुलिस ने मामले की जानकारी अपने आलाधिकारियों को नहीं दी और मृतक के नाम पर वारंट जारी होते रहे. आखिरकार थक-हारकर परिजनों ने एसडीएम से गुहार लगाई तब जाकर मामला आलाधिकारियों के संज्ञान में आया.

खाकी का नया कारनामा मृत का किया शांतिभंग में चालान
रायबरेली के भदोखर थाना क्षेत्र के पलिया गांव के रहने वाले रामप्रकाश की मृत्यु 5 अक्टूबर 2018 में हो गई थी. भदोखर पुलिस ने उसके खिलाफ 107/116 का चालानी रिपोर्ट बनाकर उपजिलाधिकारी से उसे पाबन्द करने का निवेदन किया. चालानी रिपोर्ट पर एसडीएम ने 5 नवम्बर 2018,27 दिसम्बर,18 जनवरी व 6 फरवरी को वारंट जारी कर दिया, जबकि परिजन वारंट लाने वाले पुलिस कर्मियों को इसकी लगातार जानकारी देते रहे कि रामप्रकाश की मौत हो चुकी है, लेकिन खाकी के नशे में खोई पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी. थक-हारकर जब उन्होंने अपने वकील के द्वारा मामले को एसडीएम के सामने पहुंचाया. तब जाकर मामला लोगों की जानकारी में आया और खाकी की कार्यशैली लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बन गई.
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खाकी का नया कारनामा मृत का किया शांतिभंग में चालान
मामले पर पुलिस ने तो चुप्पी साध ली है लेकिन उपजिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे मामले पुलिस की लापरवाही से होते हैं, हांलाकि इस पूरी लापरवाही के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है.
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Intro:प्रदेश की खाकी के द्वारा लापरवाही करना कोई नई बात नही है।वो अपने कारनामो से विभाग की किरकिरी कराने में चूकती नही है।ताजा मामला जिले के भदोखर थाना क्षेत्र का है जंहा पर एक मृत व्यक्ति का शांति भंग में चालान कर दिया।परिजनों को इसकी भनक तक नही लगी जब मृतक के नाम वारंट जारी हुआ तो परिजनों को मामले की जानकारी हुई।उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी लेकिन लापरवाही की हद करते हुए पुलिस ने मामले की जानकारी आलाधिकारियों को नही दी और मृतक के नाम पर वारंट जारी होते रहे।थक हार कर परिजनों ने एसडीएम से गुहार लगाई टैब जाकर मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया।


Body:दरअसल रायबरेली के भदोखर थाना क्षेत्र के पलिया गांव के रहने वाले रामप्रकाश की मृत्यु 5 अक्टूबर 2018 में हो गई थी।भदोखर पुलिस ने उसके खिलाफ 107/116 की चालानी रिपोर्ट बनाकर उपजिलाधिकारी से उसे पाबन्द करने का निवेदन किया।चालानी रिपोर्ट पर एसडीएम ने 5 नवम्बर 2018,27 दिसम्बर,18 जनवरी व 6 फरवरी को वारंट जारी किया गया।जबकि परिजन वारंट लाने वाले पुलिस कर्मियों को इसकी लगातार जानकारी देते रहे कि रामप्रकाश की मौत हो चुकी है।लेकिन खाकी के नशे में खोए पुलिस ने उनकी नही सुनी।थक हार कर उन्होंने अपने वकील के द्वारा मामले को एसडीएम के सामने पहुचाया।तब मामला लोगो की जानकारी में आया और खाकी की कार्यशैली लोगो के बीच चर्चा का केंद्र बन गई।

बाईट-अरविंद (पीड़ित)

मामले पर पुलिस ने तो चुप्पी साध ली लेकिन उपजिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे मामले पुलिस के द्वारा लाये जाते है।उनकी लापरवाही के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है।

बाईट-शशांक त्रिपाठी (एसडीएम सदर)


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