लखनऊ: करीब 1400 साल पहले मस्जिदें कूफा में नमाज के दौरान हजरत अली को तलवार मारकर 19 रमजान को घायल कर दिया गया था, जिसके 2 दिन बाद यानी 21 रमजान को शिया समुदाय के पहले इमाम हजरत अली का देहांत हो गया था.
- बीते कई सालों से लखनऊ में हजरत अली की याद में आज भी शिया समुदाय गम मनाता आ रहा है.
- इसी के चलते यह ऐतिहासिक जुलूस निकाला जाता है.
- 21वीं रमजान का जुलूस पुराने लखनऊ के थाना सहादतगंज इलाके स्तिथ नजफ से फज्र की नमाज के बाद शुरू होकर लगभग 10 किलोमीटर का सफर तय करते हुए थाना तालकटोरा स्तिथ करबला पर समाप्त होता है.
- इस दौरान हजारों की संख्या में लखनऊ और आस-पास के इलाकों से शिया समुदाय के लोग इस जुलूस में हिस्सा लेने पहुंचते हैं.
- इस दौरान सभी हजरत अली का नम आंखों से गम मनाते हैं.
- जुलूस के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरों के साथ ड्रोन कैमरे से पूरे इलाके पर नजर रखी गई.
कई कंपनियां आरएएफ, पीएसी के साथ लखनऊ पुलिस बल जुलूस के रास्ते पर तैनात हैं. इसके साथ ही जुलूस के रास्तों पर पड़ने वाले घरों से भी रूफटॉप एटीएस नजर बनाए हुए हैं. कड़ी निगरानी के बीच जुलूस तालकटोरा स्तिथ कर्बला पर सकुशल सम्पन्न हुआ.
कलानिधि नैथानी, एसएसपी लखनऊ.