हरदोई: स्वच्छ भारत मिशन को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार भले ही कितनी भी गंभीर क्यों न हों. लेकिन हरदोई में प्रधानमंत्री की प्राथमिकता वाला यह अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है. यहां जिले को खुले में शौच मुक्त यानीओडीएफ तो घोषित कर दिया गया है. लेकिन यहां कुछ ऐसे भी इलाके हैं जहां एक भी शौचालय नहीं है. जिससे यहां के लोगों को शौच के लिए खुले में जाना पड़ रहा है. आलम यह है कि हर तरफ गंदगी का माहौल है.
दरअसल, बीते 26 जनवरी को हरदोई जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. यानी जिले के सभी गांव खुले में शौच मुक्त हो चुके है. लेकिन विकासखंड बावन के भीखपुर गांव की तस्वीरें प्रशासनिक दावों की हवा निकालने के लिए काफी हैं. कागजों में भले ही पूरे जिले को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया हो. लेकिन 1200 की आबादी वाले इस गांव में एक भी शौचालय नहीं है. लिहाजा गांव के बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.
गांव के अन्य मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो गांव में सफाईकर्मी भी तैनात है. लेकिन यहां सफाईकर्मी के कभी कभार आने से गांव में नालियां गंदगी से जाम हो चुकी है. गांव में हर तरफ कूड़े का ढ़ेर लगा हुआ है. जिससे गांव के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों से भी की. लेकिन हालात अभी भी जस के तस बने हुए हैं.
वहीं जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार सिंह का कहना है कि शौचालय का बेसलाइन सर्वे 2012 की जनगणना के अनुसार हुआ था. जिसमें सभी परिवारों को शौचालय बनाने के लिए शासन से जितनी संख्या में शौचालय मांगे गए थे उसके सापेक्ष शौचालय नहीं मिले और केंद्र सरकार की वेबसाइट लॉक कर दी गई है. लिहाजा वेबसाइट के खुलने के बाद ही शेष बचे लोगों को भी शौचालय निर्माण की राशि दी जा सकेगी.