मऊ: सरयू नदी का जलस्तर अब धीरे-धीरे घटता जा रहा है. नदी का जलस्तर इस वर्ष 7 बार उफान पर आ चुका है. जलस्तर घटने के बाद भी खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर ऊपर है. जलस्तर सोमवार को 10 सेंटीमीटर घटा था. इससे कटान की आशंका बढ़ती जा रही है. नदी दोहरीघाट में जानकी घाट पर काफी दबाव बना चुकी है. वहीं गौरी शंकर घाट और रामघाट क्षत-विक्षत हो गए हैं. घाट के नाम पर मात्र कुछ अवशेष ही बचे हैं. वहीं नगर क्षेत्र में अभी जलभराव की स्थिति है.
दोहरीघाट और मधुबन क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति अभी भी जारी है. गांव में नाव चल रही हैं. साथ ही मौके पर प्रशासन की टीम पहुंचकर लोगों की सहायता में जुटी हुई है. प्रशासन की ओर से प्रतिदिन भोजन किट बांटा जा रहा है. वहीं राशन सामग्री भी दी जा रही है. दवा और अन्य जरूरत के लिए लोगों को नाव से ही आना-जाना पड़ रहा है. कई गांव में नाव चल रही हैं. छोटी सरजू में बाढ़ का पानी जाम होने से लोगों की क्षेत्र में दुश्वारियां बढ़ गई हैं.
स्कूल-कॉलेज कई प्राथमिक विद्यालय जूनियर हाई स्कूल और इंटर कॉलेज पानी में डूब चुके हैं, जिनके घरों में पानी घुसा हुआ है. वह दूसरे जगह शरण लेने को मजबूर हैं. लोग जहां कोरोना महामारी से परेशान थे, वहीं इस वर्ष सरयू का जलस्तर काफी ऊपर आ जाने से फसल पूरी नष्ट हो गई है. किसानों का कहना है कि अभी वे लोग कोरोना से ही परेशान थे, लेकिन इस वर्ष बाढ़ के कहर से वे लोग पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं. वहीं प्रशासन की ओर से मदद के नाम पर केवल राशन मुहैया कराई गई है. फसलों की मुआवजा के लिए प्रशासन सर्वे कराकर के लोगों को मुआवजा देने की बात कर रहा है.