कानपुर: जिले में लॉकडाउन के बाद से दवाओं के रेट 25 फीसदी से अधिक बढ़ चुके हैं. कोरोना के साथ डेंगू समेत अन्य बीमारियां आम आदमी की जेब खाली कर रही हैं. प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में आमजन को सस्ते में दवा उपलब्ध कराने के लिए जेनरिक दवाओं के स्टोर खोले गए थे, जो अब अनदेखी का शिकार हो गए हैं. लगातार दवाओं की कमी होने की वजह से आमजन को दवाएं नहीं मिल रही हैं. जिसकी वजह से उन्हें बाहर से दवा लेनी पड़ रही है. ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ रही है.
बता दें कि कानपुर महानगर में 4 जन औषधि केंद्र खोले गए थे. जिसमें शुरुआत में तो कंपनी ने दवा मुहैया करवाई. लेकिन अब आए दिन यहां दवा की कमी होने की वजह से लोगों को बाहर महंगे दामों में दवा खरीदनी पड़ रही है. औषधि केंद्र के फार्मासिस्ट का कहना है कि दवा लखनऊ से आती है, लेकिन कई बार कहने के बाद भी दवाई उपलब्ध नहीं हो रही है.
रोज लौट रहे हैं मरीज
फार्मासिस्ट धर्मेंद्र ने बताया कि दवा न होने की वजह से रोज यहां से 50 से अधिक मरीज लौट रहे हैं. क्योंकि दवा न होने की वजह से मरीजों को दिक्कत हो रही है और लोगों को बाहर से दवा लेनी पड़ रही है. फार्मासिस्ट धर्मेंद्र ने बताया कि दवाओं की कमी को लेकर कंपनी को बहुत पहले ही बता चुका हूं, लेकिन अभी तक ऑर्डर सिर्फ डिस्पेच होने की बात कही जा रही है, लेकिन अभी तक ऑर्डर आया नहीं है. जिस वजह से अब परेशानी होने लगी है.
800 में से सिर्फ 250 हैं मौजूद
फार्मासिस्ट धर्मेंद्र ने बताया कि स्टोर में 800 प्रोडक्ट उपलब्ध होने चाहिए, लेकिन अब सिर्फ 250 प्रोडक्ट ही मेडिकल स्टोर में मौजूद हैं. इसको लेकर कई बार कंपनी से कहा जा चुका है, लेकिन अभी तक दवाई उपलब्ध नहीं कराई गई है.