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कुशीनगर : चालू नहीं हुई पडरौना चीनी मिल, पीएम ने की थी रैली में घोषणा

जिले की लोकसभा सीट पर मतदान 19 मई को होना है और चुनाव नजदीक आते ही जिला मुख्यालय पडरौना की चीनी मिल का मुद्दा फिर से गरमा गया है. जो वर्षों से बंद पड़ी है. चीनी मिल मजदूर संघ के नेता ओम प्रकाश लाल ने ईटीवी भारत से कहा कि 2014 में पीएम मोदी ने जनसभा कर चीनी मिल चालू करवाने की बात कहीं थी, लेकिन चीनी मिल चालू नहीं हुई है.

बंद चीनी मिल पर शुरू हुई राजनीति
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Published : May 10, 2019, 7:01 PM IST

कुशीनगर : जिले की लोकसभा सीट पर मतदान आखिरी चरण यानी 19 मई को है. इस कारण दिन प्रति दिन चुनाव की सरगर्मी तेज होती दिख रही हैं. राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों के साथ-साथ अब स्थानीय मुद्दे भी चुनावी बहस के केन्द्र बनते दिख रहे हैं. ऐसा ही एक मुद्दा जिला मुख्यालय पडरौना की चीनी मिल का सामने आया है जो वर्षों से बंद पड़ी है. वहां के स्थानीय लोगों को चीनी मिल के मजदूरों को मिल शुरू होने की आस है.

संवाददाता ने मजदूर संघ के नेता ओम प्रकाश लाल से की बातचीत.

चीनी मिल शुरू नहीं होने से मजदूरों में आक्रोश

  • भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाली कानपुर सुगर वर्क्स लि. की पडरौना चीनी मिल वर्षों से बंद पड़ी है.
  • लगभग आठ वर्ष पहले की प्रदेश की सरकार ने इसे एक निजी कम्पनी के हाथों में सौंपा था, लेकिन एक दो सत्र चलने के बाद उक्त कम्पनी यहां से अचानक गायब हो गई.
  • वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में चीनी मिल के मुद्दे को प्रचार के आखिरी दिन तत्कालीन भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी ने सरकार बनने पर 100 दिन में चलवाने की घोषणा करके अचानक हवा के रुख को अपनी ओर मोड़ लिया था.
  • केंद्र में भाजपा सरकार के गठन के बाद चीनी मिल को चलाने के लिए केंद्र से आईं टीमों ने यहां का दौरा भी किया.
  • स्थानीय प्रशासन ने चीनी मिल की पूरी सम्पत्ति का आंकलन जल्दबाजी में इस कदर किया कि मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच गया.
  • कोर्ट के निर्देश पर पुनः संशोधित आंकलन हुआ तो चीनी मिल की परिसम्पत्ति कई गुना बढ़ गई.
  • तभी से पडरौना तहसील प्रशासन दो दर्जन से अधिक बार नीलामी की तारीख तय कर चुका, लेकिन कोई खरीददार सामने नहीं आया.
  • चीनी मिल का मुद्दा पुनः इस चुनाव में गर्म हो रहा है.
  • चीनी मिल मजदूर संघ के नेता ओम प्रकाश लाल ने ईटीवी भारत से कहा कि हम लोगों को काफी आशा मोदी जी और योगी जी से थी, लेकिन सब सपना ही रह गया.

उम्मीदवार भी जीता, बहुमत की सरकार भी बनी, लेकिन चीनी मिल नहीं चली. ये किसान के साथ धोखा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों से झूठ बोलकर वोट लेने का काम किया. उन्होंने बंद मिल को सौ दिन में चलवाने की बात कही थी, लेकिन हुआ कुछ नहीं.

-राम अवध यादव, एमएलसी, सपा

कुशीनगर : जिले की लोकसभा सीट पर मतदान आखिरी चरण यानी 19 मई को है. इस कारण दिन प्रति दिन चुनाव की सरगर्मी तेज होती दिख रही हैं. राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों के साथ-साथ अब स्थानीय मुद्दे भी चुनावी बहस के केन्द्र बनते दिख रहे हैं. ऐसा ही एक मुद्दा जिला मुख्यालय पडरौना की चीनी मिल का सामने आया है जो वर्षों से बंद पड़ी है. वहां के स्थानीय लोगों को चीनी मिल के मजदूरों को मिल शुरू होने की आस है.

संवाददाता ने मजदूर संघ के नेता ओम प्रकाश लाल से की बातचीत.

चीनी मिल शुरू नहीं होने से मजदूरों में आक्रोश

  • भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाली कानपुर सुगर वर्क्स लि. की पडरौना चीनी मिल वर्षों से बंद पड़ी है.
  • लगभग आठ वर्ष पहले की प्रदेश की सरकार ने इसे एक निजी कम्पनी के हाथों में सौंपा था, लेकिन एक दो सत्र चलने के बाद उक्त कम्पनी यहां से अचानक गायब हो गई.
  • वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में चीनी मिल के मुद्दे को प्रचार के आखिरी दिन तत्कालीन भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी ने सरकार बनने पर 100 दिन में चलवाने की घोषणा करके अचानक हवा के रुख को अपनी ओर मोड़ लिया था.
  • केंद्र में भाजपा सरकार के गठन के बाद चीनी मिल को चलाने के लिए केंद्र से आईं टीमों ने यहां का दौरा भी किया.
  • स्थानीय प्रशासन ने चीनी मिल की पूरी सम्पत्ति का आंकलन जल्दबाजी में इस कदर किया कि मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच गया.
  • कोर्ट के निर्देश पर पुनः संशोधित आंकलन हुआ तो चीनी मिल की परिसम्पत्ति कई गुना बढ़ गई.
  • तभी से पडरौना तहसील प्रशासन दो दर्जन से अधिक बार नीलामी की तारीख तय कर चुका, लेकिन कोई खरीददार सामने नहीं आया.
  • चीनी मिल का मुद्दा पुनः इस चुनाव में गर्म हो रहा है.
  • चीनी मिल मजदूर संघ के नेता ओम प्रकाश लाल ने ईटीवी भारत से कहा कि हम लोगों को काफी आशा मोदी जी और योगी जी से थी, लेकिन सब सपना ही रह गया.

उम्मीदवार भी जीता, बहुमत की सरकार भी बनी, लेकिन चीनी मिल नहीं चली. ये किसान के साथ धोखा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों से झूठ बोलकर वोट लेने का काम किया. उन्होंने बंद मिल को सौ दिन में चलवाने की बात कही थी, लेकिन हुआ कुछ नहीं.

-राम अवध यादव, एमएलसी, सपा

Intro:INTRO - कुशीनगर लोकसभा सीट पर मतदान आखिरी चरण यानी 19 मई को है. इस कारण दिन प्रति दिन चुनाव की सरगर्मी तेज होती दिख रही है. राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों के साथ साथ अब स्थानीय मुद्दे भी चुनावी बहस के केन्द्र बनते दिख रहे हैं. ऐसा ही एक मुद्दा जिला मुख्यालय पडरौना की वर्षों से बन्द पड़ी चीनी मिल का है. बता दें कि जिले की दस चीनी मिलों और गन्ने की उपज को देखते हुए कभी इस क्षेत्र को चीनी का कटोरा कहा जाता था.


Body:VO भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाली कानपुर सुगर वर्क्स लि. की पडरौना चीनी मिल वर्षों से बन्द पड़ी है, सात आठ वर्ष पूर्व सरकारों की पहल पर ही इसे एक निजी कम्पनी के हाथों सौंपा गया था लेकिन एक दो सत्र चलने के बाद उक्त कम्पनी यहाँ से अचानक गायब हो गयी.

2014 के लोकसभा चुनाव में इस बन्द चीनी मिल के मुद्दे को प्रचार के आखिरी दिन तत्कालीन भाजपा के स्टार प्रचारक नरेन्द्र मोदी ने सरकार बनने पर 100 दिन में चलवाने की घोषणा करके अचानक हवा के रुख को अपनी ओर मोड़ लिया था.

केन्द्र में भाजपा सरकार के गठन के बाद चीनी मिल को चलाने के लिए दो तीन टीमों ने यहाँ का दौरा भी किया. स्थानीय प्रशासन ने चीनी मिल की पूरी सम्पत्ति का आँकलन जल्दबाजी में इस कदर किया कि मामला उच्च न्यायालय तक पहुँच गया. कोर्ट के निर्देश पर पुनः संशोधित आंकलन हुआ तो चीनी मिल की परिसम्पत्ति कई गुना बढ़ गयी. तभी से पडरौना तहसील प्रशासन दो दर्जन से अधिक बार नीलामी की तारीख तय कर चुका लेकिन कोई खरीददार अभी तक सामने नही आया.

कानूनी पेचीदगियों के बीच चीनी मिल का मुद्दा पुनः इस चुनाव में गर्म हो रहा है. चीनी मिल मजदूर संघ के नेता ओम प्रकाश लाल श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से कहा कि हमलोगों को काफी आशा मोदी जी और योगी जी से थी लेकिन सब सपना ही रह गया.

बाइट - ओम प्रकाश लाल, नेता, मजदूर संघ

विपक्ष दल समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को गरम कर माहौल को अपनी ओर मोड़ने की कोशिश कर रही है. कुशीनगर - देवरिया क्षेत्र से एमएलसी राम अवध यादव ने ईटीवी भारत से अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों और मजदूरों से झूठ बोलकर वोट लेने का काम किया. उन्होंने बन्द मिल को सौ दिन मे चलवाने की बात कही थी लेकिन हुआ कुछ नही. जनता सारी चीजों को देख और समझ रही है.

बाइट - राम अवध यादव, एमएलसी, सपा


Conclusion:2014 के चुनाव में बन्द पड़ी चीनी मिल को चलवाने की बात कहकर हवा को अपनी ओर मोड़ने का फायदा भाजपा को सीधे तौर पर मिला था. कानूनी पचड़ों में फंस चुकी ये मिल तो चल नही पायी लेकिन बन्द चीनी मिल का भूत एक बार फिर वर्तमान चुनाव में सामने आ गया है. चुनाव परिणाम सामने आने के बाद ही पता चल सकेगा कि ये मुद्दा प्रभावी होता है या नही.

पीटूसी

सूर्य प्रकाश राय
कुशीनगर
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