ETV Bharat / briefs

अलीगढ़: प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए कार्यशाला का आयोजन, विशेषज्ञों ने दिए बचाव के उपाय

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें विशेषज्ञों ने लोगों को प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए कई उपाय बताएं.

कार्यशाला
author img

By

Published : Apr 26, 2019, 9:12 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में भूकंप, साइक्लोन, बाढ़, हीट वेव आदि का जनजीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को कैसे रोका जाए इस पर विशेषज्ञों ने चर्चा की. कार्यशाला में IIT दिल्ली, रुड़की, मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय आपदा प्रबंध संस्थान के वैज्ञानिक और इंजीनियरों ने प्राकृतिक आपदाओं और उसके निवारण पर अपने विचार रखें.

कार्यशाला का आयोजन.


कार्यशाला के माध्यम से लोगों को बताए गए प्राकृतिक आपदा से बचने के गुर-

  • प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए कार्यशाला का आयोजन.
  • लोगों को बताए गए आधुनिक तकनीकी से बचाव करने के तरीके.
  • कार्यशाला में IIT दिल्ली, रुड़की, मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय आपदा प्रबंध संस्थान के वैज्ञानिक हुए शामिल.
  • शोधकर्ताओं ने अपने नए शोध, समाधान और चुनौतियों के पहलुओं पर की चर्चा.
  • एक्सपर्ट्स ने इससे बचाव के लिए रखें अपने विचार.

''देश में साइक्लोन, बाढ़ और भूकंप के खतरे रहते हैं. आज लोगों को जानकारी है कि हमें कहां मकान बनाना चाहिए और कहां नहीं बनाना चाहिए. मौसम विभाग के माध्यम से साइक्लोन के आने के पूर्वानुमान का सही समय बताया जा रहा है. जिससे लोगों की जान को बचाई जा रही है. मौसम के पूर्वानुमान में आधुनिक तकनीकी किस तरह की आ रही है. इस पर हो रहे शोध को लोगों को बताया जा रहा है. टेक्नोलॉजी एडवांस हो चुकी है. लेकिन भूकंप के बारे में अभी सही पूर्वानुमान नहीं लगा सकते लेकिन भूकंप आने पर पहले से ही सुरक्षा के उपाय करना जरूरी है.''
आनंद शर्मा, वैज्ञानिक,भारतीय मौसम विज्ञान विभाग


''कंप आने से पहले सही पूर्वानुमान लगाने पर रिसर्च चल रही है. उन्होंने बताया कि भूकंप से बचने के लिए मकानों को भूकंपरोधी बनाना जरूरी है और सरकार की तरफ से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. लेकिन सरकार अकेले इस काम को नहीं कर सकती है. डॉक्टर पाल ने बताया कि सन 2021 में 4.5 मिलियन घर बन जाएंगे. ऐसे में भूकंप रोधी मकान बनाना संभव नहीं है.''
डॉ. डी.के पॉल, वैज्ञानिक, आईआईटी रुड़की

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में भूकंप, साइक्लोन, बाढ़, हीट वेव आदि का जनजीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को कैसे रोका जाए इस पर विशेषज्ञों ने चर्चा की. कार्यशाला में IIT दिल्ली, रुड़की, मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय आपदा प्रबंध संस्थान के वैज्ञानिक और इंजीनियरों ने प्राकृतिक आपदाओं और उसके निवारण पर अपने विचार रखें.

कार्यशाला का आयोजन.


कार्यशाला के माध्यम से लोगों को बताए गए प्राकृतिक आपदा से बचने के गुर-

  • प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए कार्यशाला का आयोजन.
  • लोगों को बताए गए आधुनिक तकनीकी से बचाव करने के तरीके.
  • कार्यशाला में IIT दिल्ली, रुड़की, मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय आपदा प्रबंध संस्थान के वैज्ञानिक हुए शामिल.
  • शोधकर्ताओं ने अपने नए शोध, समाधान और चुनौतियों के पहलुओं पर की चर्चा.
  • एक्सपर्ट्स ने इससे बचाव के लिए रखें अपने विचार.

''देश में साइक्लोन, बाढ़ और भूकंप के खतरे रहते हैं. आज लोगों को जानकारी है कि हमें कहां मकान बनाना चाहिए और कहां नहीं बनाना चाहिए. मौसम विभाग के माध्यम से साइक्लोन के आने के पूर्वानुमान का सही समय बताया जा रहा है. जिससे लोगों की जान को बचाई जा रही है. मौसम के पूर्वानुमान में आधुनिक तकनीकी किस तरह की आ रही है. इस पर हो रहे शोध को लोगों को बताया जा रहा है. टेक्नोलॉजी एडवांस हो चुकी है. लेकिन भूकंप के बारे में अभी सही पूर्वानुमान नहीं लगा सकते लेकिन भूकंप आने पर पहले से ही सुरक्षा के उपाय करना जरूरी है.''
आनंद शर्मा, वैज्ञानिक,भारतीय मौसम विज्ञान विभाग


''कंप आने से पहले सही पूर्वानुमान लगाने पर रिसर्च चल रही है. उन्होंने बताया कि भूकंप से बचने के लिए मकानों को भूकंपरोधी बनाना जरूरी है और सरकार की तरफ से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. लेकिन सरकार अकेले इस काम को नहीं कर सकती है. डॉक्टर पाल ने बताया कि सन 2021 में 4.5 मिलियन घर बन जाएंगे. ऐसे में भूकंप रोधी मकान बनाना संभव नहीं है.''
डॉ. डी.के पॉल, वैज्ञानिक, आईआईटी रुड़की

Intro:अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में प्राकृतिक आपदा से बचाव विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में भूकंप, साइक्लोन ,बाढ़, हीट वेव आदि का जनजीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को कैसे रोका जाए . इस पर विशेषज्ञों ने चर्चा की. इस कार्यशाला में आईआईटी दिल्ली और रुड़की, भारत मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय आपदा प्रबंध संस्थान के वैज्ञानिक और इंजीनियरों ने प्राकृतिक आपदाओं और उसके निवारण पर अपने विचार रखें . इस कार्यक्रम में प्राकृतिक आपदा के आने से पहले लोगों को आधुनिक तकनीकी के द्वारा कैसे बचाव किया जाए और उसकी जानकारी कितनी जल्दी लोगों तक पहुंचाई जाए. इस पर चर्चा की गई.


Body:इस कार्यक्रम में शोधकर्ताओं ने अपने नए शोध, समाधान और चुनौतियों के पहलुओं पर चर्चा की. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक आनंद शर्मा ने बताया कि देश में साइक्लोन, बाढ़ और भूकंप के खतरे रहते हैं. यहां एक्सपर्ट लोगों ने इससे बचाव के लिए अपने विचार रखें. उन्होंने कहा कि आज लोगों को जानकारी है कि हमें कहां मकान बनाना चाहिए और कहां नहीं बनाना चाहिए. वहीं उन्होंने बताया कि मौसम विभाग द्वारा साइक्लोन के आने के पूर्वानुमान का सही समय बताया जा रहा है. जिससे लोगों की जान को बचाई जा रही है. उन्होंने कहा कि आज अच्छी टेक्नोलॉजी आ रही है . इसी पर विशेषज्ञ चर्चा कर रहे हैं . उन्होंने बताया कि मौसम के पूर्वानुमान में आधुनिक तकनीकी किस तरह की आ रही है. इस पर हो रहे शोध को लोगों को बताया जा रहा है. आज टेक्नोलॉजी एडवांस हो चुकी है. लेकिन उन्होंने कहा कि भूकंप के बारे में अभी सही पूर्वानुमान नहीं लगा सकते. लेकिन भूकंप आने पर पहले से ही सुरक्षा के उपाय करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के साथ ही कम्युनिकेशन सिस्टम को भी एडवांस किया गया है . ताकि आखरी आदमी तक सही समय पर जानकारी पहुंच सके . डॉक्टर आनंद शर्मा ने बताया कि आधुनिक तकनीकी के साथ ट्रेडिशनल टेक्नोलॉजी का भी प्रयोग कर प्राकृतिक आपदा से बचाव किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पुराने समय में जब कोई खतरा होता था तो लोग ड्रम बजाते थे.


Conclusion:आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिक डॉ डी के पॉल ने बताया कि भूकंप आने से पहले सही पूर्वानुमान लगाने पर रिसर्च चल रही है. उन्होंने बताया कि भूकंप से बचने के लिए मकानों को भूकंपरोधी बनाना जरूरी है और सरकार की तरफ से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. लेकिन सरकार अकेले इस काम को नहीं कर सकती है. डॉक्टर पाल ने बताया कि सन 2021 में 4.5 मिलियन घर बन जाएंगे. ऐसे में भूकंप रोधी मकान बनाना संभव नहीं है.

बाइट- आनंद शर्मा ,वैज्ञानिक, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग
बाइट - प्रोफेसर डीके पॉल, वैज्ञानिक, आईआईटी रुड़की

आलोक सिंह, अलीगढ़
98378 30535
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.