बलिया: एनडीए से अलग होने के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने पिछड़ों की अनदेखी को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही उन्होंने अनुप्रिया पटेल के साथ ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले इन दोनों नेताओं की बोलती बंद हो गई थी. अब सरकार में हिस्सेदारी न मिलने पर उन्हें अक्ल आ रही है.
क्या बोले सुभासपा अध्यक्ष
- आजादी के बाद से ही पिछड़ों की उपेक्षा होती रही है और यह सिलसिला आज भी जारी है.
- पिछड़ा वर्ग के नेता इस बात को समझ नहीं रहे हैं, अभी भी वे पिछलग्गू बनकर घूम रहे हैं.
- समय रहते इनकी बोलती बंद हो जाती है और वक्त गुजर जाने के बाद इन्हें अक्ल आती है.
- अनुप्रिया पटेल और नीतीश कुमार को भाजपा के साथ सरकार में पहले ही अपनी हिस्सेदारी तय करनी चाहिए थी.
- अब जब उन्हें सरकार में साझीदार नहीं बनाया गया, तब उन्हें अपने ठगे जाने का ख्याल आ रहा है.
- यह इस बात की मिसाल है कि देश में पिछड़ों के साथ किसी भी राजनीतिक दल ने न्याय नहीं किया.
- वर्तमान केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी ऐसी ही बदहाल स्थिति है. देश में कुल 54 फ़ीसदी पिछड़ों की आबादी के हिसाब से उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है.
- आबादी के अनुपात में मंत्री बनाए गए होते तो 54 फीसदी मंत्री पिछड़े और 22.5 फीसदी मंत्री दलितों के होते.
- इसके बावजूद खुद को पिछड़ों का नेता बताने वाले नेता पिछलग्गू बनकर घूमते हैं, उनकी जुबान पर ताला लगा हुआ है.