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अंधियारे में है शहीद का गांव, 20 साल से है बिजली का इंतजार

जब सरकार ने सौभाग्य योजना चालू की तो लगा कि अब कोई भी गांव बिजली से अछूता नहीं रहेगा, लेकिन जौनपुर के भकुरा गांव में 20 सालों से बिजली नहीं है. यह सौभाग्य योजना पर बड़े सवाल खड़े कर रही है.

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Published : Mar 9, 2019, 12:34 PM IST

शहीद का गांव

जौनपुर: सौभाग्य योजना के तहत पूरे देश में सभी गरीब परिवारों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है. सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के माध्यम से मार्च 2019 तक हर घर में बिजली पहुंचाई जाए. जौनपुर जिले में भी बिजली विभाग ने बड़ी संख्या में विद्युतीकरण किया है, लेकिन उरी हमले में शहीद जवान के गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंची है और गांव वाले पिछले 20 सालों से बिजली का इंतजार कर रहे हैं.

अभी तक नहीं पहुंची भकुरा गांव में बिजली.


जौनपुर में बिजली विभाग ने करीब 15 हजार मुहल्लों में बिजली पहुंचाने का काम किया है. वहीं आज भी कुछ मुहल्ले छूटे हुए हैं, जहां बिजली नहीं पहुंच सकी है. जिनमें शहीद का गांव भी शामिल है, जहां अभी भी अंधियारा है.


जौनपुर का भकुरा गांव उरी हमले में शहीद राजेश सिंह का है. इस गांव के रहने वाले विनोद का परिवार आज 20 सालों से बिजली का इंतजार कर रहा है. सौभाग्य योजना चली तो उन्हें बड़ी उम्मीद थी कि उनके घरों में बिजली की रोशनी से उजियारा होगा, लेकिन आज भी अंधियारा छाया हुआ है.


विनोद कुमार बताते हैं कि उनके घर में 20 सालों से बिजली नहीं है, घर के पास विभाग ने खंभे तो लगा दिए हैं लेकिन तार नहीं हैं. बिजली कब आएगी उन्हें इसका पता नहीं है. उन्होंने बताया कि बच्चे दिए की रोशनी में पढ़ने को मजबूर हैं.


जौनपुर में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के उप महाप्रबंधक ए के गुप्ता ने बताया कि शहीद के गांव में बिजली नहीं है, उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. सांसद, विधायक या गांव के किसी व्यक्ति से अगर जानकारी मिलती है, तो निश्चित रूप से बिजली पहुंचाने का काम किया जाएगा.

जौनपुर: सौभाग्य योजना के तहत पूरे देश में सभी गरीब परिवारों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है. सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के माध्यम से मार्च 2019 तक हर घर में बिजली पहुंचाई जाए. जौनपुर जिले में भी बिजली विभाग ने बड़ी संख्या में विद्युतीकरण किया है, लेकिन उरी हमले में शहीद जवान के गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंची है और गांव वाले पिछले 20 सालों से बिजली का इंतजार कर रहे हैं.

अभी तक नहीं पहुंची भकुरा गांव में बिजली.


जौनपुर में बिजली विभाग ने करीब 15 हजार मुहल्लों में बिजली पहुंचाने का काम किया है. वहीं आज भी कुछ मुहल्ले छूटे हुए हैं, जहां बिजली नहीं पहुंच सकी है. जिनमें शहीद का गांव भी शामिल है, जहां अभी भी अंधियारा है.


जौनपुर का भकुरा गांव उरी हमले में शहीद राजेश सिंह का है. इस गांव के रहने वाले विनोद का परिवार आज 20 सालों से बिजली का इंतजार कर रहा है. सौभाग्य योजना चली तो उन्हें बड़ी उम्मीद थी कि उनके घरों में बिजली की रोशनी से उजियारा होगा, लेकिन आज भी अंधियारा छाया हुआ है.


विनोद कुमार बताते हैं कि उनके घर में 20 सालों से बिजली नहीं है, घर के पास विभाग ने खंभे तो लगा दिए हैं लेकिन तार नहीं हैं. बिजली कब आएगी उन्हें इसका पता नहीं है. उन्होंने बताया कि बच्चे दिए की रोशनी में पढ़ने को मजबूर हैं.


जौनपुर में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के उप महाप्रबंधक ए के गुप्ता ने बताया कि शहीद के गांव में बिजली नहीं है, उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. सांसद, विधायक या गांव के किसी व्यक्ति से अगर जानकारी मिलती है, तो निश्चित रूप से बिजली पहुंचाने का काम किया जाएगा.

Intro:जौनपुर।।1मार्च।। सौभाग्य योजना के तहत पूरे देश में सभी गरीब परिवारों को मुफ्त में बिजली कलेक्शन दिया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के माध्यम से मार्च 2019 तक हर घर तक बिजली पहुंचाई जाए ।जौनपुर जिले में भी बिजली विभाग ने बड़ी संख्या में मजरों का विद्युतीकरण किया है। लेकिन उरी हमले में शहीद परिवार के गांव के एक मजरे में आज तक बिजली नहीं पहुंची है। परिवार को 20 सालों से बिजली का इंतजार है लेकिन उनके घर में अभी भी अंधियारा है। गांव में चारों तरफ बिजली का उजियारा तो दिखता है लेकिन कुछ घरों में इस अंधियारे के कारण वह अपनी किस्मत को ही कोसते हैं। जबकि अधिकारी कहते हैं कि जिले के सभी मजरों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है।


Body:वीओ- सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2019 में चुनाव से पहले देश के सभी घरों तक बिजली पहुंचाने का काम पूरा कर लिया जाए। जौनपुर में भी बिजली विभाग ने करीब 15000 मजरो में बिजली पहुंचाने का काम किया है। वही आज भी कुछ मजरे छूटे हुए हैं जहां बिजली नहीं पहुंच सकी है। इन मजरों में शहीद गांव का मजरा भी शामिल है। जिले के भकुरा गांव को शहीद गांव कहा जाता है। इस गांव के राजेश सिंह उरी हमले में शहीद हुए थे। गांव के ही एक मजरे में रहने वाले विनोद का परिवार आज 20 सालों से बिजली का इंतजार कर रहा है। सौभाग्य योजना चली तो उन्हें बड़ी उम्मीद थी कि उनके घरों में बिजली की रोशनी से उजियारा होगा लेकिन आज भी अंधियारा कायम है। उनके घर के पास तक बिजली के खंभे पहुंचा दिए गए हैं लेकिन इन बिजली के खंभों में तार तक नही लटके हैं ।आज भी विनोद के बच्चे दीए की रोशनी में पढ़ते हैं। गांव में चारों तरफ रात को बिजली का उजियारा देखकर उनके बच्चे यही पूछते हैं कि पापा बिजली कब आएगी जिसका उनके पास कोई जवाब नहीं है।


Conclusion:शहीद गांव भाकुरा के रहने वाले विनोद कुमार बताते हैं कि उनके घर में 20 साल से बिजली नहीं है। उनके घर के पास विभाग ने खंभे तो लगा दिए हैं लेकिन तार नहीं है। बिजली कब आएगी उन्हें इसका पता नहीं है। बच्चे दिए की रोशनी में पढ़ते हैं।


बाइट-विनोद कुमार -ग्रामीण

जौनपुर में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के उप महाप्रबंधक ए के गुप्ता ने बताया किस शहीद गांव में बिजली नहीं है उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। सांसद ,विधायक या गांव के किसी व्यक्ति से अगर जानकारी मिलती है तो निश्चित रूप से बिजली पहुंचाने का काम किया जाएगा और अभी काम जारी है ।

बाइट- ए के गुप्ता -उप महाप्रबंधक बिजली विभाग जौनपुर

पीटीसी+voice over


Dharmendra singh
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