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वाराणसी: नीति आयोग सदस्यों ने व्यवहार में बदलाव का दिया प्रशिक्षण - वाराणसी में आंगनवाड़ी सेवादल के वालंटियर का प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में नीति आयोग के नेतृत्व में मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित किया गया. वहीं इस दौरान गर्भवती महिला और नवजात शिशु के पोषण और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी गई.

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नीति आयोग के सदस्यों ने दिया प्रशिक्षण.
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Published : Oct 30, 2020, 4:04 PM IST

Updated : Oct 30, 2020, 4:13 PM IST

वाराणसी: जिले के सेवापुरी स्थानीय विकासखंड के सभागार में गुरुवार को व्यवहार परिवर्तन को लेकर योगिता कौल निदेशक व्यवहार परिवर्तन नीति आयोग के नेतृत्व में मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित किया गया, जहां आशा संगिनी आंगनवाड़ी सेवादल के वालंटियर, सुपरवाइजर और बाल विकास परियोजना की महिलाओं ने मौजूद रहीं. प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य और पोषण क्षेत्र की जानकारी दी गई. साथ ही नीति आयोग के सदस्यों ने व्यवहार बदलने का भी प्रशिक्षण दिया.

प्रशिक्षण में बताया गया कि एक मां की जिम्मेदारी गर्भधारण के साथ ही शुरू होती है, जो कि बच्चे के जन्म के कुछ दिनों बाद तक जारी रहती है. साथ ही गर्भवती महिला और नवजात के पोषण संबंधी जानकारी भी दी गई.

तय कार्यक्रम के मुताबिक प्रशिक्षण के बाद आंगनवाड़ी सेवादल के वालंटियर इस संबंध में ग्रामीणों को जागरूक करेंगे. टीकाकरण बच्चों की नियमित जांच के साथ अन्य स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं के बारे में ग्रामीणों को जागरूक करेंगे. महिलाओं एवं परिवार के अन्य सदस्यों को नवजात शिशु की देखभाल की भी जानकारी दी जाएगी.

प्रशिक्षण में बताया गया कि 6 माह की उम्र तक बच्चों के लिए मां का दूध अति लाभकारी होता है. 6 माह के अधिक उम्र के बच्चों को मां के दूध के साथ घर पर बना खाना भी खिलाना चाहिए. निदेशक योगिता कौल ने बताया कि मास्टर ट्रेनर समूह की स्थापना करें और उसी के माध्यम से गांव के लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने का प्रयास करें. इस कार्यक्रम में सेंटर फॉर सोशल चेंज एंड बिहेवियर की श्रेया सिंह, साक्षी यादव, सोनिका सिंह, वैभव कुमार गुप्ता और अखिलेश ने भी प्रशिक्षण दिया.

वाराणसी: जिले के सेवापुरी स्थानीय विकासखंड के सभागार में गुरुवार को व्यवहार परिवर्तन को लेकर योगिता कौल निदेशक व्यवहार परिवर्तन नीति आयोग के नेतृत्व में मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित किया गया, जहां आशा संगिनी आंगनवाड़ी सेवादल के वालंटियर, सुपरवाइजर और बाल विकास परियोजना की महिलाओं ने मौजूद रहीं. प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य और पोषण क्षेत्र की जानकारी दी गई. साथ ही नीति आयोग के सदस्यों ने व्यवहार बदलने का भी प्रशिक्षण दिया.

प्रशिक्षण में बताया गया कि एक मां की जिम्मेदारी गर्भधारण के साथ ही शुरू होती है, जो कि बच्चे के जन्म के कुछ दिनों बाद तक जारी रहती है. साथ ही गर्भवती महिला और नवजात के पोषण संबंधी जानकारी भी दी गई.

तय कार्यक्रम के मुताबिक प्रशिक्षण के बाद आंगनवाड़ी सेवादल के वालंटियर इस संबंध में ग्रामीणों को जागरूक करेंगे. टीकाकरण बच्चों की नियमित जांच के साथ अन्य स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं के बारे में ग्रामीणों को जागरूक करेंगे. महिलाओं एवं परिवार के अन्य सदस्यों को नवजात शिशु की देखभाल की भी जानकारी दी जाएगी.

प्रशिक्षण में बताया गया कि 6 माह की उम्र तक बच्चों के लिए मां का दूध अति लाभकारी होता है. 6 माह के अधिक उम्र के बच्चों को मां के दूध के साथ घर पर बना खाना भी खिलाना चाहिए. निदेशक योगिता कौल ने बताया कि मास्टर ट्रेनर समूह की स्थापना करें और उसी के माध्यम से गांव के लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने का प्रयास करें. इस कार्यक्रम में सेंटर फॉर सोशल चेंज एंड बिहेवियर की श्रेया सिंह, साक्षी यादव, सोनिका सिंह, वैभव कुमार गुप्ता और अखिलेश ने भी प्रशिक्षण दिया.

Last Updated : Oct 30, 2020, 4:13 PM IST
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