भदोही: महागठबंधन को छोड़कर आए संजय निषाद की पार्टी की बीजेपी में शामिल होने की खबरें जोरों पर है. ऐसा माना जा रहा है कि, निषाद पार्टी बीजेपी के साथ मिलकर आम चुनाव लड़ने वाली है. जानकारी के मुताबिकभदोही और जौनपुर की दो सीटें निषाद पार्टी के खाते में आने वाली हैं. वहीं बीजेपी जातिगत समीकरण को साधने के लिए निषाद पार्टी को भदोही लोकसभा सीट का टिकट देने में ज्यादा परेशान नहीं होगी.
कुछ ही दिनों पहले मिर्जापुर की विधानसभा सीट माधवा से तीन बार के विधायक रहे रमेश बिंद ने बीएसपी का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामा था, तब ऐसा मान जा रहा था कि कहीं बीजेपी रमेश बिंद को भदोही से टिकट ना दे दे, क्योंकि 17 लाख जनसंख्या वाली भदोही लोकसभा सीट पर बिंद समाज की बहुलता है.
2014 के आम चुनाव में मोदी लहर पर सवार होकर वीरेंद्र सिंह मस्त भदोही से चुनकर संसद तक पहुंचे थे. लेकिन 5 सालों में वह जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे, जिसकी वजह से उनका टिकट काट दिया गया. 2017 के विधानसभा चुनाव में 5 सीटों पर बीजेपी के 2 प्रत्याशी जीते थे, जिनमें से दीनानाथ भास्कर और रविंद्र त्रिपाठी शामिल थे. दोनों ही प्रत्याशी बहुजन समाज पार्टी का दामन छोड़कर ठीक चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थामा था. ऐसे में बीजेपी के पास कोई ऐसा स्थानीय प्रत्याशी नहीं है, जो मजबूती से भदोही लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ सके.
अगर भदोही लोकसभा सीट निषाद पार्टी के खाते मेंजाती है, तो जातिगत समीकरण को साधने में बीजेपी काफी सफल होगी. निषाद पार्टी अगर किसी ब्राह्मण प्रत्याशी को यहां से चुनाव मैदान में उतारती है, तो वह जातिगत आंकड़े को साधने में सफल होगी, क्योंकि यहां 7:30 लाख वोटर बिंद और ब्राह्मण जाति से आते हैं.