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नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव में एमएलसी के नाम पर फर्जी वोट, चुनाव स्थगित - gorakhpur nagar nigam election

मतगणना के जो भी नतीजे सामने आएंगे इसके बाद बोर्ड में बहुमत के आधार पर ही उप सभापति के चुनाव को लेकर तस्वीर साफ होगी.

नगर निगम कार्यक्ररणी के चुनाव में एमएलसी के नाम पर फर्जी वोट, चुनाव स्थगित
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Published : Mar 1, 2019, 11:01 PM IST

गोरखपुर:सदन छोटा हो या बड़ा संविधान सभी के लिए एक है, सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा तमाम उपाय किए जाते हैं. जिले में नियम-कानून और सदन की गरिमा को तार-तार करते हुए सत्ताधारी दल और नगर-निगम प्रशासन पर फर्जी मतदान कराने का आरोप लगा है.

गोरखपुर नगर निगम कार्यकारिणी के छह खाली पदों के लिए शुक्रवार को सात प्रत्याशियों ने पर्चे भरे. शाम पांच बजे तक वोटिंग हुई. हालांकि इस दौरान एमएलसी देवेन्‍द्र प्रताप सिंह का वोट किसी और ने डाल दिया. इस पर पार्षदों ने कड़ा एतराज जताया. बाद में मेयर सीताराम जायसवाल ने कहा कि वह क्रॉस वोटिंग में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर कराएंगे. इस आरोप पर मतदान रद कर दिया गया है. अब शनिवार को दोबारा मतदान होगा.

शुक्रवार को हुए चुनाव में कार्यकारिणी के लिए भाजपा से अजय राय, राजेश तिवारी, रामभुआल कुशवाहा और अभिषेक निषाद ने पर्चा भरा था. विधायक ग्रामीण विपिन सिंह, नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल और सांसद प्रवीण निषाद समेत 70 पार्षदों ने इन पदों के लिए अपने-अपने वोट डाले, जबकि एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर वोट किसी ने डाल दिया. पार्षदों ने इसका कड़ा विरोध किया. मतदान के दौरान ही नगर निगम के बाहर कांग्रेसियों ने पाकिस्तान से अभिनंदन की रिहाई की खुशी मनाई.

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नगर निगम कार्यक्ररणी के चुनाव में एमएलसी के नाम पर फर्जी वोट, चुनाव स्थगित

मौके पर मौजूद सपा के पार्षद और कार्यकारिणी सदस्य शाहब अंसारी ने बताया कि नगर निगम के इतिहास में पहली बार इस तरह का कृत्य भाजपा प्रत्याशियों द्वारा किया गया है. नियम-कानून की धज्जियां उड़ाई गई हैं. अपने ही एमएलसी के नाम पर फर्जी मतदान कराया गया. जिसको लेकर हम लोगों ने नगर आयुक्त से मुलाकात की है और यह मांग की है कि इस कृत्य में जो भी संलिप्त हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए.

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प्रत्याशी और पार्षद अमरनाथ यादव ने बताया कि भाजपा की शुरू से ही चुनाव कराने की मंशा नहीं थी, क्योंकि भाजपा के ही महापौर सदन के मुखिया हैं. हम लोगों के विरोध और संविधान की गरिमा को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने आज चुनाव सुनिश्चित किया था. ऐसे में सदन की गरिमा का मखौल उड़ाते हुए भाजपा प्रत्याशी ने फर्जी मतदान कराया, जो सदन में आया ही नहीं उनके नाम पर वोट डाला गया.

हम लोगों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया है. प्रत्याशी और कांग्रेस के पार्षद संजीव सिंह सोनू ने बताया कि पिछले 18 सालों से मैं पार्षद हूं और उसके पूर्व में भी मैंने कभी ऐसा कृत्य न देखा और न ही सुना था. भाजपा कार्यकारिणी में अपने सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए ऐसा कृत्य किया है. मैंने इसका विरोध चुनाव अधिकारी और महापौर से भी किया था, लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी कर दी थी.

बोर्ड में बहुमत के आधार पर होगा उप सभापति का चुनाव
मतगणना के जो भी नतीजे सामने आएंगे इसके बाद बोर्ड में बहुमत के आधार पर ही उप सभापति के चुनाव को लेकर तस्वीर साफ होगी. उप सभापति के लिए जोड़-तोड़ नगर निगम बोर्ड में भाजपा के 27, समाजवादी पार्टी के 18, बसपा के पांच, कांग्रेस के दो पार्षद हैं. निर्दल पार्षदों की संख्या 18 है. निर्दल पार्षदों में रिंकी देवी, छठी लाल और एहतेराम हुसैन का समर्थन घोषित तौर पर भाजपा को है. इसके अलावा कई अन्य निर्दल पार्षदों का समर्थन भी भाजपा को है. संख्या बल के हिसाब से इस बार भी भाजपा के तीन पार्षदों का कार्यकारिणी सदस्य चुना जाना तय माना जा रहा है. ऐसे में कार्यकारिणी सदस्यों में भाजपा की संख्या फिर से सात हो जाएगी और अगला उप सभापति भाजपा से ही चुना जाएगा.

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छह सदस्य हो गए थे लाटरी से बाहर
बीते दिसम्बर महीने में हुए चुनाव में उप सभापति समेत छह पार्षद बाहर हुए थे. बाहर होने वालों में जितेंद्र कुमार सैनी, देवेन्द्र कुमार गौड़ और ऋषिमोहन वर्मा शामिल थे. सपा के अशोक यादव, विश्वजीत त्रिपाठी तो बसपा की रीता देवी लाटरी में बाहर हो गई थीं. वर्तमान में भाजपा की तरफ से संजय श्रीवास्तव, राधेश्याम रावत, बृजेश सिंह छोटू और चंद्रशेखर सिंह तो सपा की तरफ से संजय यादव, शहाब अंसारी बचे हुए हैं.

गोरखपुर:सदन छोटा हो या बड़ा संविधान सभी के लिए एक है, सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा तमाम उपाय किए जाते हैं. जिले में नियम-कानून और सदन की गरिमा को तार-तार करते हुए सत्ताधारी दल और नगर-निगम प्रशासन पर फर्जी मतदान कराने का आरोप लगा है.

गोरखपुर नगर निगम कार्यकारिणी के छह खाली पदों के लिए शुक्रवार को सात प्रत्याशियों ने पर्चे भरे. शाम पांच बजे तक वोटिंग हुई. हालांकि इस दौरान एमएलसी देवेन्‍द्र प्रताप सिंह का वोट किसी और ने डाल दिया. इस पर पार्षदों ने कड़ा एतराज जताया. बाद में मेयर सीताराम जायसवाल ने कहा कि वह क्रॉस वोटिंग में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर कराएंगे. इस आरोप पर मतदान रद कर दिया गया है. अब शनिवार को दोबारा मतदान होगा.

शुक्रवार को हुए चुनाव में कार्यकारिणी के लिए भाजपा से अजय राय, राजेश तिवारी, रामभुआल कुशवाहा और अभिषेक निषाद ने पर्चा भरा था. विधायक ग्रामीण विपिन सिंह, नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल और सांसद प्रवीण निषाद समेत 70 पार्षदों ने इन पदों के लिए अपने-अपने वोट डाले, जबकि एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर वोट किसी ने डाल दिया. पार्षदों ने इसका कड़ा विरोध किया. मतदान के दौरान ही नगर निगम के बाहर कांग्रेसियों ने पाकिस्तान से अभिनंदन की रिहाई की खुशी मनाई.

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नगर निगम कार्यक्ररणी के चुनाव में एमएलसी के नाम पर फर्जी वोट, चुनाव स्थगित

मौके पर मौजूद सपा के पार्षद और कार्यकारिणी सदस्य शाहब अंसारी ने बताया कि नगर निगम के इतिहास में पहली बार इस तरह का कृत्य भाजपा प्रत्याशियों द्वारा किया गया है. नियम-कानून की धज्जियां उड़ाई गई हैं. अपने ही एमएलसी के नाम पर फर्जी मतदान कराया गया. जिसको लेकर हम लोगों ने नगर आयुक्त से मुलाकात की है और यह मांग की है कि इस कृत्य में जो भी संलिप्त हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए.

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प्रत्याशी और पार्षद अमरनाथ यादव ने बताया कि भाजपा की शुरू से ही चुनाव कराने की मंशा नहीं थी, क्योंकि भाजपा के ही महापौर सदन के मुखिया हैं. हम लोगों के विरोध और संविधान की गरिमा को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने आज चुनाव सुनिश्चित किया था. ऐसे में सदन की गरिमा का मखौल उड़ाते हुए भाजपा प्रत्याशी ने फर्जी मतदान कराया, जो सदन में आया ही नहीं उनके नाम पर वोट डाला गया.

हम लोगों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया है. प्रत्याशी और कांग्रेस के पार्षद संजीव सिंह सोनू ने बताया कि पिछले 18 सालों से मैं पार्षद हूं और उसके पूर्व में भी मैंने कभी ऐसा कृत्य न देखा और न ही सुना था. भाजपा कार्यकारिणी में अपने सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए ऐसा कृत्य किया है. मैंने इसका विरोध चुनाव अधिकारी और महापौर से भी किया था, लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी कर दी थी.

बोर्ड में बहुमत के आधार पर होगा उप सभापति का चुनाव
मतगणना के जो भी नतीजे सामने आएंगे इसके बाद बोर्ड में बहुमत के आधार पर ही उप सभापति के चुनाव को लेकर तस्वीर साफ होगी. उप सभापति के लिए जोड़-तोड़ नगर निगम बोर्ड में भाजपा के 27, समाजवादी पार्टी के 18, बसपा के पांच, कांग्रेस के दो पार्षद हैं. निर्दल पार्षदों की संख्या 18 है. निर्दल पार्षदों में रिंकी देवी, छठी लाल और एहतेराम हुसैन का समर्थन घोषित तौर पर भाजपा को है. इसके अलावा कई अन्य निर्दल पार्षदों का समर्थन भी भाजपा को है. संख्या बल के हिसाब से इस बार भी भाजपा के तीन पार्षदों का कार्यकारिणी सदस्य चुना जाना तय माना जा रहा है. ऐसे में कार्यकारिणी सदस्यों में भाजपा की संख्या फिर से सात हो जाएगी और अगला उप सभापति भाजपा से ही चुना जाएगा.

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छह सदस्य हो गए थे लाटरी से बाहर
बीते दिसम्बर महीने में हुए चुनाव में उप सभापति समेत छह पार्षद बाहर हुए थे. बाहर होने वालों में जितेंद्र कुमार सैनी, देवेन्द्र कुमार गौड़ और ऋषिमोहन वर्मा शामिल थे. सपा के अशोक यादव, विश्वजीत त्रिपाठी तो बसपा की रीता देवी लाटरी में बाहर हो गई थीं. वर्तमान में भाजपा की तरफ से संजय श्रीवास्तव, राधेश्याम रावत, बृजेश सिंह छोटू और चंद्रशेखर सिंह तो सपा की तरफ से संजय यादव, शहाब अंसारी बचे हुए हैं.

Intro:गोरखपुर। सदन छोटा हो या बड़ा संविधान सभी के लिए एक है, सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा तमाम उपाय किए जाते हैं, वही लाखो खर्च किये जाते है। ऐसे में नियम और कानून व सदन की गरिमा को तार तार करते हुए सत्ताधारी दल व नगर निगम प्रसाशन पर फर्जी मतदान कराने का आरोप नगर निगम के सदन में देखने को मिली है, विधान परिषद सदस्य का फर्जी मतदान करने का लगा आरोप।


Body:आज नगर निगम के रिक्त चल रहे कार्यकारणी के 6 सदस्यों का चुनाव होना था, जिसको लेकर नगर निगम पूरी तरह से तैयारी कर चुका था। ऐसे में प्रत्याशी और मतदाता दोनों ही नगर निगम के सदन में मौजूद थे, सत्ताधारी दल भाजपा पर विपक्षी सपा, बसपा, कांग्रेस और निर्दलीयो ने आरोप लगाया है कि भाजपा के एमएलसी के नाम पर फर्जी वोटिंग कर अपने सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए भाजपा के साथ नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से संविधान को ताख पर रखकर फर्जी वोटिंग कराई गई।

नगर निगम सदन में आज कुल सदस्यों की संख्या 73 सदस्य मौजूद थे, इन्हीं में से प्रत्याशी और मतदाता दोनों की ही भूमिका इन सदस्यों को निभानी थी। मतदान के पश्चात मतगणना के समय 73 की जगह 74 मत होने की सूचना मिलते ही सदन में शोर शराबा, हो हल्ला शुरू हो गया। जब 74 वे वोट की पर्ची खोली गई तो उसमें भाजपा के ही विधान परिषद सदस्य देवेंद्र सिंह का मत मिला। वहीं वहां मौजूद पार्षदों और उम्मीदवारों ने नगर निगम और भाजपा प्रत्याशियों पर आरोप लगाए कि जब एमएलसी सदन में आए ही नहीं तो उनका वोट कैसे पड़ गया। जिसके बाद आनन फानन में चुनाव को स्थगित कर दिया गया।

जिसके बाद सपा, कांग्रेस, बसपा और निर्दलीय उम्मीदवारों द्वारा चुनाव का बहिष्कार कर दिया गया। आनन फानन में नगर निगम प्रसाशन और महापौर ने चुनाव को स्थगित करते हुए पुनः कल कराने की घोषणा की है।

बता दें कि आज कार्यकारिणी के 6 सदस्यों का चुनाव होना था, इसके अगले दिन उप सभापति चुने जाने थे। चुनाव को लेकर मिले संकेतों के बाद भाजपा के साथ ही सपा के पार्षद कार्यकारिणी में प्रवेश के लिए जोर आजमाइश में जुट गए थे।

भाजपा और विपक्ष की तरफ से तीन तीन सदस्यों का चुनाव तय माना जा रहा था, उपसभापति चुनाव के लिए पार्षद जोड़-तोड़ की गणित में जुट गए थे। बीते दिसंबर महीने में 1 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद लॉटरी के जरिए 6 सदस्य कार्यकारिणी से बाहर हो गए थे, जिसमें उपसभापति जितेंद्र सैनी समेत तीन सदस्य भाजपा के थे तो वहीं तीन पार्षद विपक्ष के थे।


Conclusion:मौके पर मौजूद सपा के पार्षद व कार्यकारिणी सदस्य शाहब अंसारी ने बताया कि नगर निगम के इतिहास में पहली बार इस तरह का कृत्य भाजपा प्रत्याशियों द्वारा किया गया है। नियम और कानून धज्जियां उड़ाई गई है, अपने ही एमएलसी के नाम पर फर्जी मतदान कराया गया। जिसको लेकर हम लोगों ने नगर आयुक्त से मुलाकात की है और यह मांग की है कि इस कृत्य में जो भी संलिप्त हैं, उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा कठोर कार्रवाई की जाए।

बाइट - शाहब अंसारी, पार्षद

प्रत्याशी व पार्षद अमरनाथ यादव ने बताया कि भाजपा की शुरू से ही मंशा नहीं थी चुनाव कराने की, क्योंकि भाजपा के ही महापौर सदन के मुखिया हैं। हम लोगों के विरोध और संविधान की गरिमा को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने आज चुनाव सुनिश्चित किया था। ऐसे में सदन की गरिमा का मखौल उड़ाते हुए भाजपा प्रत्याशी ने फर्जी मतदान कराया, जो सदन में आया ही नहीं उनके नाम पर वोट डाला गया। हम लोगों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया है।

बाइट - अमरनाथ यादव, प्रत्यासी/पार्षद

वही प्रत्याशी और कांग्रेस के पार्षद संजीव सिंह सोनू ने बताया कि पिछले 18 सालों से मैं पार्षद हूं और उसके पूर्व में भी मैंने कभी ऐसा कृत्य ना देखा था और ना ही सुना था। लेकिन भाजपा कार्यकारिणी में अपने सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए ऐसा कृत्य किया है, मैंने इसका विरोध चुनाव अधिकारी और महापौर से भी किया था, लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी कर दी थी।

बाइट - संजीव सिंह, सोनू प्रत्यासी/पार्षद


नोट - इस संबंध में नगर निगम का कोई भी संबंधित अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है, वही महापौर भी मौके से चले गए हैं और मोबाइल उनका बंद आ रहा है।



निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
9453623738

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