लखनऊ: बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री डॉक्टर सतीश चंद्र द्विवेदी ने बृहस्पतिवार को विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को दो-दो घंटे का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिलाया जाए, जिससे बुनियादी शिक्षा की अवधारणा को साकार किया जा सके. प्राथमिक विद्यालयों में ई-पाठशाला के तहत दूरदर्शन और अन्य संचार माध्यमों की मदद से बच्चों को शिक्षा दिलाई जाए. ऑनलाइन प्रशिक्षण की प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू कर दी जाए.
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना कार्यालय में विभागीय समीक्षा बैठक की. इस दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी शिक्षक और शिक्षा अनुदेशकों की सेवा संबंधी समस्याओं का तत्काल समाधान कराया जाए.
पीएफएमएस प्रणाली लागू कराने के दिए निर्देश
उन्होंने कहा कि मिशन प्रेरणा के तहत शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के संबंध में राज्य स्तर पर जो विद्यार्थी अधिगम परीक्षाएं कराई गई थीं, उनके रिपोर्ट कार्ड अभिभावकों के पास पहुंचा दिये जाएं. उन्होंने लखनऊ के सरोजनी नगर विकास खंड में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पीएफएमएस प्रणाली को लागू करने का निर्देश दिया.
स्कूलों में हो मूलभूत सुविधाएं
स्कूलों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि वह ऑपरेशन कायाकल्प के तहत सभी विद्यालयों को आवश्यक सुविधाओं से युक्त कर दें. अधिकारियों ने बताया कि दीक्षा एप पर 75 प्रशिक्षण कोर्स अपलोड किए जा चुके हैं, जिनका शिक्षक समुदाय लाभ प्राप्त कर रहा है.
एक जुलाई से शुरु हो शिक्षकों का प्रशिक्षण
समीक्षा बैठक में अधिकारियों से मिली जानकारी के आधार पर शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों के प्रशिक्षण का काम एक जुलाई से शुरु करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को हर रोज दो-दो घंटे का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाए. एक बैच में 25 शिक्षकों को शामिल किया जाए.
20,000 से अधिक शिक्षण योजनाएं तैयार
बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि मार्च महीने से शुरू हुए देशव्यापी तालाबंदी के दौरान ऐसे शिक्षा विभाग ने स्कूलों को फिर से खोलने से पहले शिक्षण अधिगम संसाधनों को तैयार और मजबूत करना जरूरी है. इसके लिए अपने विभाग के सशक्त राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा अभियान और स्टेट काउंसिल आफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग के मार्गदर्शन में शिक्षण योजनाएं तैयार की हैं. इस कार्य में 225 स्टेट रिसोर्स समूह और लगभग 2250 अकादमी रिसोर्स पर्सन ने सभी शिक्षकों के सहज अध्यापन और कक्षा शिक्षण की सुगमता के लिए 20,000 से अधिक शिक्षण योजनाएं तैयार की हैं.