लखनऊ: राजधानी लखनऊ के मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सूर्यपाल गंगवार इन दिनों ग्रामीण इलाकों के दौरे कर रहे हैं. इस दौरान वह ग्रामीणों को समय पर बिजली के बिल जमा करने के लिए प्रेरित करते हैं. उन्होंने अपने दौरे के दौरान कई गांवों में लाइन लॉस कम करने के लिए कनेक्शन भी कटवाए, साथ ही बकायेदारों से बिजली का बिल भी वसूल किया.
राजधानी लखनऊ के बड़ागांव फीडर में सबसे ज्यादा लाइन लॉस है. इसे कम करने के लिए एमडी अब तक इस इलाके का पांच बार दौरा कर चुके हैं. इसके साथ ही वह लाइन लॉस कम करने के लिए बख्शी का तालाब और पुराने लखनऊ के भी कई इलाकों का दौरा कर चुके हैं.
अब तक सैकड़ों बिजली चोरों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है. वे अब तक सैकड़ों बिजली चोरों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करा चुके हैं. ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ताओं को समय पर बिजली बिल जमा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
बड़ागांव फीडर से 22 गांवों मेें होती है बिजली आपूर्ति
बड़ागांव फीडर से 22 गांवों को बिजली की आपूर्ति होती है. इन गांवों में ऐसे बहुत से उपभोक्ता हैं, जिन्होंने बिजली कनेक्शन लेने के बाद अब तक बिल जमा नहीं किया है. जलिया मऊ गांव में शिविर लगाकर बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं के गलत बिल का संशोधन किया था. इसके बाद भी उपभोक्ताओं ने बकाया बिल नहीं जमा किया है. एमडी सूर्यपाल गंगवार का कहना है कि हर हाल में लाइन लॉस को 15 फीसदी से कम पर लाना है. बकायेदारों से बिल जमा कराकर राजस्व में बढ़ोत्तरी भी करनी है.
पुराने शहर पर भी विभाग की नजर
बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तमाम ऐसे इलाके हैं, जहां पर बिजली चोरी हो रही है. हालांकि, इस समय बिजली विभाग लगातार बिजली चोरों के खिलाफ अभियान चला रहा है. सैकड़ों उपभोक्ताओं को बिजली चोरी करते हुए पकड़ा भी गया है. ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज कराए गए हैं.
पुराने लखनऊ में भी हो रही चोरी
खासकर पुराना लखनऊ ऐसा इलाका है, जहां पर संकरी गलियां हैं और यहां पर बिजली विभाग के अधिकारियों को बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाने में काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है. बावजूद इसके इस समय मॉर्निंग रेड कर अधिकारी लगातार बिजली चोरों पर शिकंजा कस रहे हैं. इसका असर भी दिखने लगा है. लोग अब बिजली चोरी करने से डरने लगे हैं. अभी लाइन लॉस उतना कम नहीं हुआ है, जितना विभाग को अभियान चलाने के बाद उम्मीद थी. लाइन लॉस कम करने और राजस्व बढ़ाने की जिम्मेदारी अब विभाग के सीनियर अधिकारियों ने उठा ली है.