रायबरेली: रेलवे बोर्ड द्वारा भारतीय रेल की निर्माण इकाइयों के निगमीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ संघर्ष समिति ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. प्रदर्शन के समय एमसीएफ परिसर में काफी संख्या में महिला कर्मचारी भी एकत्रित रही. जहां कुछ महिलाएं मॉडर्न कोच फैक्ट्री में कार्यरत हैं. वहीं कुछ ऐसी भी हैं जिनके परिवार के सदस्य या पति इस कारखाने में काम करते हैं पर जब इकाई के अस्तित्व पर संकट मंडराया तो घर छोड़कर पति का साथ देने फैक्ट्री परिसर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन में नारा बुलंद किया.
क्या था मामला
- 18 जून को चेयरमैन रेलवे बोर्ड द्वारा निगमीकरण को लेकर एक खाका तैयार किया गया था.
- इसकी शुरुआत रायबरेली के मॉडर्न कोच फैक्ट्री से किए जाने का निर्णय भी रेलवे बोर्ड द्वारा लिया गया था.
निगमीकरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
ओमकरिणी कसौधन, महिला कर्मचारीजब एमसीएफ में तय लक्ष्य से ज्यादा डिब्बे निर्मित हो रहे हैं, तो आखिर क्यों ऐसा निर्णय लिया गया है. जब तक इस निर्णय को वापस नहीं लिया जाता एमसीएफ से किसी भी रुप में जुड़ी महिलाएं चैन की सांस नही लेंगी. आने वाले दिनों में और मुखर प्रदर्शन देखने को मिलेगा.
ललितेश, ओ.एस. मॉडर्न कोच फैक्ट्रीहजारों की संख्या में लोग इस फैक्ट्री पर निर्भर हैं और जल्दबाजी में लिए गए इस निर्णय के विपरीत परिणाम देखने को मिल सकते हैं. इसीलिए इस विरोध प्रदर्शन में हम शामिल हैं और हर परिस्थितियों में अपने परिजनों के साथ आंदोलन करने को तैयार हैं.
निर्मला कुमारी, महिला कर्मचारीपीएम मोदी ने फैक्ट्री कर्मचारियों व श्रमिकों के हितों के विरुद्ध निर्णय लिया है. निगमीकरण के बाद कुछ ही दिनों में एमसीएफ के निजीकरण होने की भी प्रबल संभावना रहेगी और यही कारण है कि हम सब एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
रंजना, महिला कर्मचारी