वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एवं संबंध महाविद्यालयों में समस्त परीक्षण शुल्क में की गई वृद्धि के विरोध में बीते दिनों छात्रों द्वारा लगातार प्रदर्शन किया जा रहा था. इसको लेकर के एबीवीपी एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कुलपति को जहां ज्ञापन सौंपा था, तो वहीं दूसरी ओर हरिश्चंद्र महाविद्यालय के छात्रसंघ पदाधिकारियों ने 27 घंटे तक अनशन पर बैठकर बढ़े हुए शुल्क का विरोध किया था. इसके बाद विद्यापीठ विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा शुल्क में की गई वृद्धि के निर्णय को वापस ले लिया है.
बता दें कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीसरी बार शुल्क वृद्धि को वापस लिया है. पहले स्नातक, स्नाकोत्तर और फिर व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में किए गए शुल्क वृद्धि को वापस लिया गया है. इसके साथ ही सेमेस्टर परीक्षा के बढ़े हुए शुल्क को भी वापस लेने का निर्णय लिया गया है. इससे वाराणसी, मिर्जापुर, चंदौली, सोनभद्र, भदोही के चार लाख से अधिक विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा.
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विदित हो कि वर्तमान में स्नातक के विद्यार्थियों को 1250 रुपये, स्नाकोत्तर के विद्यार्थियों 1500 रुपये, बीएड, एलएलबी, बीपीएड, के विद्यार्थियों को 875 रुपये और एमएड, एलएलएम, एमपीएड के विद्यार्थियों को 2000 रुपये शुल्क देय होगा.