लखनऊ: एलयू के वरिष्ठ शिक्षक और शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ नीरज जैन का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया है. उनके नाम एक अनोखे कीर्तिमान के लिए इस रिकॉर्ड बुक में शामिल किया गया है. डॉ नीरज जैन देश के एकमात्र ऐसे शिक्षकों में हैं, जिसने अपने विश्वविद्यालय में छात्र संघ से लेकर शिक्षक संघ तक की कमान संभाली है. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स डॉ नीरज जैन का नाम दर्ज होने के बाद बुधवार को कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने उन्हें मेडल पहनाकर और प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया. इसके पहले डॉ. नीरज जैन को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और बेस्ट ऑफ इंडिया रिकॉर्ड द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है. डॉ. जैन शारीरिक शिक्षा विभाग में सहायक आचार्य हैं और 30 जून को अधिवर्षिता आयु पूरी कर सेवानिवृत हो रहे हैं.
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अधिकारियों ने दी बधाई
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि डॉ. नीरज जैन एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ और शिक्षक संघ दोनों में महामंत्री और अध्यक्ष के पदों को सुशोभित किया है. कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय और विश्वविद्यालय के तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने डॉ. जैन को उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है.
1975 में एलयू में रखा था कदम
लखनऊ विश्वविद्यालय में डॉ. नीरज जैन के सफर की शुरुआत वर्ष 1975 में हुई. वह बतौर छात्र यहां आए थे. उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में बीकॉम में दाखिला लिया. एमकॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद एलएलबी कर के कानून की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद कम कम्पोजिट हिस्ट्री में एम.ए सोशल वर्क के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से पीएचडी भी पूरी की. पीएचडी के दौरान ही उन्होंने फ्रेंच, जर्मन और रशियन भाषा में प्रोफिशिएंसी कोर्स भी किए.
ऐसा रहा उनका सफर
- 1982 से लेकर 84 तक वह लखनऊ विश्वविद्यालय में सॉफ्टबॉल टीम के कप्तान भी रहे. 1984 में वाराणसी में हुए यूपी ओलंपिक चैंपियनशिप में उन्हें स्टेट चैंपियन चुना गया.
- 1986- 87 में नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया. उन्हें विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ खेल पुरस्कार 'कलर' से भी सम्मानित किया जा चुका.
- वर्ष 1999-2000 में बेसबॉल में उत्तर प्रदेश की कप्तानी भी की.
- वर्ष 1985 में लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के महामंत्री पद का चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. दूसरे प्रयास में 23 दिसंबर 1986 को वह छात्र संघ के महामंत्री बने. 21 दिसंबर 1989 को उन्हें छात्र संघ का अध्यक्ष चुना गया. छात्र राजनीति को एक नई दिशा देने में उनका बड़ा योगदान रहा.
- 1 जुलाई 2005 को उनकी नियुक्ति लखनऊ विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग में बतौर शिक्षक हुई. वह विश्वविद्यालय की विभिन्न समितियों के सदस्य रहे.
- विश्वविद्यालय के सॉफ्टबॉल, बेसबॉल, क्रिकेट, समेत अन्य खेलों के क्लब प्रेसिडेंट रहे. बाद में उन्होंने विश्वविद्यालय एथलेटिक एसोसिएशन के अध्यक्ष पद की भी जिम्मेदारी संभाली.
- जुलाई 2012 में उन्हें लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महामंत्री के रूप में चुना गया. 2019 में उन्होंने शिक्षक संघ के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली.