लखनऊ: लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की 260 में से ज्यादातर सिटी बसें लगभग कंडम हो चुकी हैं. सड़क पर जो डेढ़ सौ बसें संचालित हो रही हैं उनकी भी हालत काफी खस्ता है. ऐसे में सिटी बस प्रबंधन ने पूर्व में 40 इलेक्ट्रिक बसें फ्लीट में शामिल की थीं और जल्द ही 100 ई-बसें और भी बस बेड़े में शामिल होने वाली थी. कुल मिलाकर 140 इलेक्ट्रिक सिटी बसें चलनी थी. कोरोना ने 100 इलेक्ट्रिक बसों के आने पर ग्रहण लगा दिया है. अभी तक बसों की फ्लीट में सिर्फ 44 बसें ही पहुंच पाई हैं. 100 इलेक्ट्रिक बसें आती तो शहरवासियों को आवागमन की सुविधा मिलती, लेकिन दो दिन पहले सिर्फ चार बसें आई हैं. अधिकारी बताते हैं कि कोरोना ने सबकुछ गड़बड़ करके रख दिया है.
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मई में अब नई ई-बसें शामिल हो पाना मुश्किल
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पल्लव कुमार बोस बताते हैं कि अगले माह मई में 100 इलेक्ट्रिक बसें सिटी बस बड़े में शामिल होनी थीं, लेकिन अभी जिस तरह की कोरोना की दहशत बरकरार है, उससे इसकी उम्मीद काफी कम बची है. अभी ऐसा लगता नहीं है कि बस बेड़े में और भी इलेक्ट्रिक बसें शामिल हो पाएं. फिलहाल चार इलेक्ट्रिक बसें दो दिन पहले ही सिटी बस बेड़े में शामिल हुई हैं. अब कुल इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 44 हो गई है, जबकि कुल मिलाकर 140 इलेक्ट्रिक बसें सिटी बस बेड़े में शामिल होनी हैं.
कंडम बसों की मरम्मत पर हो रहा है ज्यादा खर्च
उन्होंने बताया कि वर्तमान में शहर में जो सिटी बसें संचालित हो रही हैं वे काफी पुरानी हो चुकी हैं. आए दिन बसों में खराबी बनी रहती है. ऐसे में उनकी मरम्मत पर काफी खर्च भी आ रहा है. यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इसीलिए इलेक्ट्रिक बसें मंगाई जा रही है. जिससे सीएनजी का खर्चा बच सके और नई बसों से यात्री आरामदायक यात्रा कर सकें.
नगरीय परिवहन निदेशालय से मिलनी हैं बसें
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड को नगरीय परिवहन निदेशालय की तरफ से शहर में संचालित होने के लिए 140 इलेक्ट्रिक बसें मिलनी हैं. इनमें से अब तक 44 बसें आ चुकी हैं. 96 बसें और भी आनी है. जब यह बसें आएंगी तो कंडम बसों की भरपाई हो सकेगी. साथ ही शहरवासियों को सिटी बस की सुविधा मिल सकेगी.
एयर कंडीशन हैं इलेक्ट्रिक बसें
गर्मी में इलेक्ट्रिक बसों से यात्री सफर करना काफी पसंद कर रहे हैं. वजह है कि ये सभी एयरकंडिशन बसें हैं. सिटी बस प्रबंधन ने गर्मी में जल्द से जल्द इलेक्ट्रिक बसों को मंगाने के प्रयास तेज कर दिए थे, लेकिन कोरोना के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया. बजट के अभाव में 100 की जगह सिर्फ चार ही बसें आ पाई. जिससे शहरवासियों को अभी यात्रा के लिए सिर्फ 40 इलेक्ट्रिक बस ही उपलब्ध हैं. जो चार नई इलेक्ट्रिक बसें आई हैं अभी उनका ट्रायल होगा. इसके बाद ही उनका संचालन शुरू होगा. इसकी अवधि भी अभी सिटी बस प्रबंधन ने तय नहीं की है.
इन 10 रूटों पर होगा चार ई-बसों का ट्रायल
- इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, गुडंबा, टेढ़ी पुलिया, पॉलीटेक्निक, 1090, लॉरेटो कांवेंट, आलमबाग बस स्टेशन, अवध हॉस्पिटल और दुबग्गा
- विराजखंड, लोहिया अस्पताल, पॉलीटेक्निक, बादशाहनगर, सिंकदरबाग, चारबाग, आलमबाग, पराग डेयरी, आंबेडकर यूनिवर्सिटी.
- दुबग्गा, अवध हॉस्पिटल, ट्रांसपोर्टनगर, नगरीय परिवहन निदेशालय, अवध बस स्टेशन, शहीद पथ.
- दुबग्गा, बालागंज, चौक चौराहा, मेडिकल कालेज, डालीगंज पुल, हनुमान सेतु, निशातगंज, पाॅलीटेक्निक, अवध बस स्टेशन, चिनहट मोड़
- दुबग्गा, सीतापुर बाई पास, खदरा, पक्का पुल, डालीगंज पुल, स्वास्थ्य भवन, लखनऊ यूनिवर्सिटी, निशातगंज, एचएएल, लोहिया अस्पताल विराजखंड.
- मड़ियांव, इंजीनियरिंग कॉलेज, पुरनिया, कपूरथला, सिकंदरबाग, जीपीओ, चारबाग बस स्टेशन, आलमबाग चौराहा.
- दुबग्गा, चौक, पक्का पुल, डालीगंज क्रासिंग, इंजीनियरिंग कॉलेज, लखनऊ विश्वविद्यालय न्यू कैंपस, अटल चौराहा, एकेयू यूनिवर्सिटी.
- विराजखंड, हुसड़िया चौराहा, पत्रकारपुरम, आंबेडकर स्मारक, फन रिपब्लिक, बालू अड्डा, सिकंदरबाग जीपीओ, कमांड हॉस्पिटल, लोको मोड़, टेढ़ी पुलिया, आलमबाग चौराहा.
- दुबग्गा, अवध हॉस्पिटल चौराहा, चारबाग, हजरतगंज, अर्जुनगंज, दिलकुशा गार्डन, शहीद पथ, आंबेडकर यूनिवर्सिटी.
- गुडंबा, गायत्री टेंपेल, टेढ़ी पुलिया, विकासनगर, वायरलेस चौराहा, महानगर ब्वायज, बादशाहनगर, निशातगंज, सिंकदरबाग, बंदरिया बाग, लॉरेटो, छप्पन भोग चौराहा, तेलीबाग, एसजीपीजीआई.