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लखनऊ के लोहिया अस्पताल में जल संकट से मरीज हलकान

लखनऊ के लोहिया अस्पताल में पानी की समस्या लगातार बनी हुई है. ऐसा महीनों से चल रहा है. मोटर पंप खराब पड़े हैं ऐसे में पानी की समस्या होना तय है. जिम्मेदार अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. इसकी वजह से उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

लोहिया अस्पताल में जल संकट, मरीज परेशान
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Published : Jun 27, 2019, 1:13 PM IST

लखनऊ: राजधानी के लोहिया अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज पीने के पानी के लिए परेशान हैं. भीषण गर्मी के बावजूद यहां प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं है. इसकी वजह से यहां पर वॉटर कूलर के पास पानी के लिए मरीज और तीमारदार की लंबी कतार लगी रहती है.

लोहिया अस्पताल में जल संकट, मरीज परेशान

पहली और दूसरी मंजिल पर नहीं आ रहा पानी

अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर सिर्फ दो वाटर कूलर रखें हैं जिसमें से एक पूरी तरह से खराब है. इसकी वजह से सिर्फ एक वॉटर कूलर पर ही पूरा ओपीडी और इमरजेंसी का स्टाफ,तीमारदार पानी पीने के लिए जाते हैं. इसकी वजह से इस वाटर कूलर पर लंबी कतार पानी पीने और भरने वालों की लगी रहती है. इसकी वजह से मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

तीमारदार से लेकर अस्पताल स्टाफ तक है परेशान

  • गर्मी की वजह से लोहिया अस्पताल में सुबह से ही मरीजों की भीड़ हो जाती है.
  • काफी वक्त दवा के लिए कतार में लगने के बाद उन्हें प्यास लगती है तो वहां भी उन्हें एक लंबी कतार दिख जाती है.
  • ऐसे में वे बाहर से बोतल खरीदने के लिए मजबूर हो जाते हैं.
  • ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, बल्कि पिछले साल भी लोहिया अस्पताल में गर्मी में यही हाल था.
  • यहां आने वाला हर मरीज अब घर से ही पानी ज्यादातर लेकर आते हैं,
  • अस्पलाल में कुछ मरीज ऐसे हैं, जिनके तीमारदार यहां के वाटर कुलरों में लाइन लगाकर पानी भरने को मजबूर रहते हैं.


हालांकि, पूरे अस्पताल में दो पीने के वॉटर कूलर लगे हुए हैं, लेकिन ग्राउंड फ्लोर पर सबसे ज्यादा ओपीडी, इमरजेंसी आदि की सेवाएं उपलब्ध हैं. इसकी वजह से सबसे ज्यादा भीड़ इसी तल पर होती है. इस तल पर सिर्फ एक वाटर कूलर चलने की वजह से यहां आने वाली भीड़ को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसमें सुबह 10:00 बजे से 11:00 बजे तक पानी, वाटर कूलर में खत्म हो जाता है और दूसरी, तीसरी मंजिल पर लगे वॉटर कुलरों में लोगों को 1:00 बजे के बाद जाने की अनुमति भी नहीं होती है.

इस पर जब हमने लोहिया अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी से बातचीत किया तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आ गया है और व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा.

लखनऊ: राजधानी के लोहिया अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज पीने के पानी के लिए परेशान हैं. भीषण गर्मी के बावजूद यहां प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं है. इसकी वजह से यहां पर वॉटर कूलर के पास पानी के लिए मरीज और तीमारदार की लंबी कतार लगी रहती है.

लोहिया अस्पताल में जल संकट, मरीज परेशान

पहली और दूसरी मंजिल पर नहीं आ रहा पानी

अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर सिर्फ दो वाटर कूलर रखें हैं जिसमें से एक पूरी तरह से खराब है. इसकी वजह से सिर्फ एक वॉटर कूलर पर ही पूरा ओपीडी और इमरजेंसी का स्टाफ,तीमारदार पानी पीने के लिए जाते हैं. इसकी वजह से इस वाटर कूलर पर लंबी कतार पानी पीने और भरने वालों की लगी रहती है. इसकी वजह से मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

तीमारदार से लेकर अस्पताल स्टाफ तक है परेशान

  • गर्मी की वजह से लोहिया अस्पताल में सुबह से ही मरीजों की भीड़ हो जाती है.
  • काफी वक्त दवा के लिए कतार में लगने के बाद उन्हें प्यास लगती है तो वहां भी उन्हें एक लंबी कतार दिख जाती है.
  • ऐसे में वे बाहर से बोतल खरीदने के लिए मजबूर हो जाते हैं.
  • ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, बल्कि पिछले साल भी लोहिया अस्पताल में गर्मी में यही हाल था.
  • यहां आने वाला हर मरीज अब घर से ही पानी ज्यादातर लेकर आते हैं,
  • अस्पलाल में कुछ मरीज ऐसे हैं, जिनके तीमारदार यहां के वाटर कुलरों में लाइन लगाकर पानी भरने को मजबूर रहते हैं.


हालांकि, पूरे अस्पताल में दो पीने के वॉटर कूलर लगे हुए हैं, लेकिन ग्राउंड फ्लोर पर सबसे ज्यादा ओपीडी, इमरजेंसी आदि की सेवाएं उपलब्ध हैं. इसकी वजह से सबसे ज्यादा भीड़ इसी तल पर होती है. इस तल पर सिर्फ एक वाटर कूलर चलने की वजह से यहां आने वाली भीड़ को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसमें सुबह 10:00 बजे से 11:00 बजे तक पानी, वाटर कूलर में खत्म हो जाता है और दूसरी, तीसरी मंजिल पर लगे वॉटर कुलरों में लोगों को 1:00 बजे के बाद जाने की अनुमति भी नहीं होती है.

इस पर जब हमने लोहिया अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी से बातचीत किया तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आ गया है और व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा.

Intro:लखनऊ के लोहिया अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज पीने के पानी के लिए परेशान हैं। भीषण गर्मी के बावजूद यहां प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं है। जिसकी वजह से यहां पर वॉटर कूलर के पास लंबी कतार पानी पीने वालों की व भरने वालों की लगी रहती है। इसकी वजह से उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


Body:राजधानी लखनऊ के लोहिया अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज पीने के पानी के लिए परेशान है। भीषण गर्मी के बावजूद यहां प्यास बुझाने के लिए पानी पीने के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर सिर्फ दो वाटर कूलर रखें। जिसमें से एक पूरी तरह से खराब है इसकी वजह से सिर्फ एक वॉटर कुलर पर ही पूरा ओपीडी व इमरजेंसी का स्टाफ,तीमारदार पानी पीने के लिए जाते हैं इसकी वजह से इस वाटर कूलर पर लंबी कतार पानी पीने व भरने वालों की लगी रहती है। इसकी वजह से मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

गर्मी की वजह से जिला अस्पताल में सुबह से ही मरीजों की भीड़ हो जाती है। काफी वक्त कतार में लगने के बाद उन्हें प्यास लगती है तो वहां भी उन्हें एक लंबी कतार दिख जाती है। ऐसे में वे पीने के पानी के लिए तलाश में लग जाते हैं। लेकिन कहीं और पानी नहीं मिल पाता। ऐसे में वे बाहर से बोतल खरीदने के लिए मजबूर हो जाते हैं। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है लोहिया अस्पताल में पिछले साल भी गर्मी के यही हाल थे। यहां आने वाला हर मरीज अब घर से ही पानी ज्यादातर लेकर आते हैं। लेकिन कुछ मरीज जो ऐसे होते हैं जिनके मरीज यहां पर भर्ती होते हैं। उनके उनके तीमारदार यहां के वाटर कुलरों में लाइन लगाकर पानी भरने को मजबूर रहते हैं।

हालांकि पूरे अस्पताल में हड़ताल पर लगभग दो पीने के वॉटर कुलर लगे हुए हैं। लेकिन ग्राउंड फ्लोर पर सबसे ज्यादा ओपीडी इमरजेंसी आदि की सेवाएं उपलब्ध हैं। जिसकी वजह से सबसे ज्यादा भीड़ इसी तल पर होती है। लेकिन इसी तल पर सिर्फ एक वाटर कूलर चलने की वजह से यहां आने वाली भील को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसमें सुबह 10:00 बजे से 11:00 बजे तक पानी वाटर कूलर में खत्म हो जाता है और दूसरी और तीसरी मंजिल पर लगी वॉटर कुलर ओं में लोगों को 1:00 बजे के बाद जाने की अनुमति भी नहीं होती।

इस पर जब हमने लोल अस्पताल के निदेशक डॉ डीएस नेगी से बातचीत करी तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आ गया है व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा।

बाइट- तीमारदार
बाइट-तीमारदार
बाइट- डॉ डी एस नेगी, निदेशक, लोहिया अस्पताल


Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
7054605976

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