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बाराबंकी: भट्ठा-मालिकों की अनोखी पहल, मजदूरों के लिए बुक कराई ट्रेन - ईंट भट्ठा मजदूर

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में शनिवार को ईंट-भट्ठे पर काम करने आए मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई गई. ट्रेन ईंट-भट्ठे के 1850 मजदूरों को लेकर बिहार के नेवादा के लिए रवाना हुई. ये ट्रेन भट्ठा मालिकों ने अपर मुख्य सचिव से बात करके मजदूरों के लिए बुक कराई थी.

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ईंट भट्ठा मजदूर खबर
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Published : Jun 13, 2020, 8:55 PM IST

बाराबंकी: जिले के ईंट-भट्ठा व्यापारियों ने एक नई पहल की है. भट्ठा मालिकों ने अपर मुख्य सचिव के सहयोग से अपने खर्चे पर ईंट भट्ठा पर काम कर रहे मजदूरों के लिए एक स्पेशल ट्रेन बुक कराई. शनिवार को ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले इन मजदूरों को उनके परिवार के साथ उनके घरों को रवाना कर दिया गया.

लॉकडाउन में फंसे ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले मजदूर
जिले में कुल चार सौ ईंट-भट्ठे हैं, जिन पर बिहार, झारखंड और छतीसगढ़ के मजदूर हर वर्ष सितंबर के महीने में आकर काम करते हैं. अप्रैल-मई तक भट्ठों का काम खत्म हो जाता है और ये मजदूर वापस अपने घरों को लौट जाते हैं, लेकिन इस बार भारी बारिश के चलते काम अप्रैल में ही खत्म हो गया. ये श्रमिक घर जाने की तैयारी में थे कि कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन हो गया और ये जिले में ही फंस गए.

ईंट-भट्ठा मालिकों ने बुक की ट्रेन
भट्ठों पर काम बंद हो जाने से इनके सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया. भट्ठा मालिकाों ने इनके भोजन का प्रबंध किया, लेकिन मजदूर घर वापसी को लेकर परेशान रहे. इनकी परेशानी देख भट्ठा व्यापार संगठन ने इनकी वापसी की योजना बनाई. अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के सहयोग से एक ट्रेन बुक कराई. हर भट्ठा मालिक ने अपने सभी मजदूरों का टिकट खरीदा और उनके घर वापसी का रास्ता आसान कर दिया. शनिवार को मजदूरों को भट्ठों से रेलवे स्टेशन पहुंचाया गया, फिर उनको ट्रेन से रवाना कर दिया गया. ये ट्रेन 1850 मजदूरों को लेकर बिहार के नेवादा के लिए रवाना हुई है.

बाराबंकी: जिले के ईंट-भट्ठा व्यापारियों ने एक नई पहल की है. भट्ठा मालिकों ने अपर मुख्य सचिव के सहयोग से अपने खर्चे पर ईंट भट्ठा पर काम कर रहे मजदूरों के लिए एक स्पेशल ट्रेन बुक कराई. शनिवार को ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले इन मजदूरों को उनके परिवार के साथ उनके घरों को रवाना कर दिया गया.

लॉकडाउन में फंसे ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले मजदूर
जिले में कुल चार सौ ईंट-भट्ठे हैं, जिन पर बिहार, झारखंड और छतीसगढ़ के मजदूर हर वर्ष सितंबर के महीने में आकर काम करते हैं. अप्रैल-मई तक भट्ठों का काम खत्म हो जाता है और ये मजदूर वापस अपने घरों को लौट जाते हैं, लेकिन इस बार भारी बारिश के चलते काम अप्रैल में ही खत्म हो गया. ये श्रमिक घर जाने की तैयारी में थे कि कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन हो गया और ये जिले में ही फंस गए.

ईंट-भट्ठा मालिकों ने बुक की ट्रेन
भट्ठों पर काम बंद हो जाने से इनके सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया. भट्ठा मालिकाों ने इनके भोजन का प्रबंध किया, लेकिन मजदूर घर वापसी को लेकर परेशान रहे. इनकी परेशानी देख भट्ठा व्यापार संगठन ने इनकी वापसी की योजना बनाई. अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के सहयोग से एक ट्रेन बुक कराई. हर भट्ठा मालिक ने अपने सभी मजदूरों का टिकट खरीदा और उनके घर वापसी का रास्ता आसान कर दिया. शनिवार को मजदूरों को भट्ठों से रेलवे स्टेशन पहुंचाया गया, फिर उनको ट्रेन से रवाना कर दिया गया. ये ट्रेन 1850 मजदूरों को लेकर बिहार के नेवादा के लिए रवाना हुई है.

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