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समय से गन्ना किसानों को भुगतान करने में सीतापुर टॉप थ्री जिलों में शामिल - यूपी समाचार

समय पर गन्ना किसानों को भुगतान करने को लेकर सीतापुर जिला टॉप थ्री जिलों में शामिल हुआ. सरकार और प्रशासन की सख्ती के कारण इस बार चीनी मिलों ने बिना लापरवाही करने वाले किसानों को समय से भुगतान किया.

गन्ना
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Published : May 20, 2019, 8:26 PM IST

सीतापुर: समय से गन्ना किसानों को भुगतान करने के मामले में सीतापुर जिला टॉप थ्री जिलों में अपना नाम दर्ज करवाया है. सरकार और प्रशासन की सख्ती के कारण चीनी मिलों ने सक्रियता दिखाते हुए, इस बार किसानों को समय से भुगतान किया. जिसके कारण किसानों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ा.

जानकारी देते जिला गन्ना अधिकारी.


जाने पूरा मामला-

  • अधिकांश किसान गन्ने की खेती से ही अपनी जीविका चलाते हैं.
  • गन्ने की फसल के उत्पादन, आपूर्ति और भुगतान का विशेष महत्व माना जाता है.
  • पिछले कुछ वर्षों के भीतर किसानों के बकाया भुगतान को लेकर चीनी मिलों पर शिकंजा कसा गया.
  • जिसके बाद गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ लेकिन इस बार मिलों ने भुगतान में लापरवाही की बजाय सक्रियता दिखाई.


जिला गन्ना अधिकारी डॉ. दुष्यंत कुमार ने बताया-

  • जिले में पांच चीनी मिलों ने इस बार गन्ना पेराई की है.
  • इसमें चार निजी क्षेत्र की मिले हैं जबकि एक सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल है.
  • इस बार अब तक किसानों का 85 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है.
  • जबकि दो चीनी मिलों का ऋण स्वीकृत होते ही भुगतान की स्थिति और बेहतर हो जायेगी.

सीतापुर: समय से गन्ना किसानों को भुगतान करने के मामले में सीतापुर जिला टॉप थ्री जिलों में अपना नाम दर्ज करवाया है. सरकार और प्रशासन की सख्ती के कारण चीनी मिलों ने सक्रियता दिखाते हुए, इस बार किसानों को समय से भुगतान किया. जिसके कारण किसानों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ा.

जानकारी देते जिला गन्ना अधिकारी.


जाने पूरा मामला-

  • अधिकांश किसान गन्ने की खेती से ही अपनी जीविका चलाते हैं.
  • गन्ने की फसल के उत्पादन, आपूर्ति और भुगतान का विशेष महत्व माना जाता है.
  • पिछले कुछ वर्षों के भीतर किसानों के बकाया भुगतान को लेकर चीनी मिलों पर शिकंजा कसा गया.
  • जिसके बाद गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ लेकिन इस बार मिलों ने भुगतान में लापरवाही की बजाय सक्रियता दिखाई.


जिला गन्ना अधिकारी डॉ. दुष्यंत कुमार ने बताया-

  • जिले में पांच चीनी मिलों ने इस बार गन्ना पेराई की है.
  • इसमें चार निजी क्षेत्र की मिले हैं जबकि एक सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल है.
  • इस बार अब तक किसानों का 85 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है.
  • जबकि दो चीनी मिलों का ऋण स्वीकृत होते ही भुगतान की स्थिति और बेहतर हो जायेगी.
Intro:सीतापुर: जिले के गन्ना किसानों के लिए इस बार गन्ने का स्वाद कसैला नही हुआ है बल्कि उन्हें इस बार गन्ने की मिठास दिखाई दे रही है. इस बार सरकार और प्रशासन की सख्ती के कारण चीनी मिलों ने भुगतान में सक्रियता दिखाई है जिसके चलते किसानों को समय से भुगतान मिलता रहा और यह जिला भी भुगतान के मामले में टॉप थ्री जिलों में अपना नाम दर्ज कराता रहा.

इस जिले में गन्ना मुख्य फसल है.चूंकि गन्ने को नगदी फसल माना जाता है इसलिए अधिकांश किसान गन्ने की खेती से ही अपनी जीविका चलाते हैं इसलिए यहां गन्ने की फसल के उत्पादन, आपूर्ति और भुगतान का विशेष महत्व माना जाता है. पिछले कुछ वर्षों के भीतर किसानों के बकाया भुगतान को लेकर चीनी मिलों पर शिकंजा कसा गया जिसके बाद गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ लेकिन इस बार मिलो ने भुगतान में लापरवाही की बजाय सक्रियता दिखाई लिहाज़ा किसानों को भी कोई खास परेशानी नहीं हुई.

जिला गन्ना अधिकारी से जब इस बाबत आंकड़े लिए गए तो उन्होंने बताया कि जिले में पांच चीनी मिलों ने इस बार गन्ना पेराई की है इसमें चार निजी क्षेत्र की मिले हैं जबकि एक सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल है.जिला गन्ना अधिकारी के अनुसार इस बार अब तक किसानों का 85 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है जबकि दो चीनी मिलों का ऋण स्वीकृत होते ही भुगतान की स्थिति और बेहतर हो जायेगी.

बाइट-डॉ दुष्यंत कुमार (जिला गन्ना अधिकारी)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887


Body:प्रदेश के टॉप थ्री जिलों में शामिल हुए सीतापुर


Conclusion:
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