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राजनीतिक दलों की हर गतिविधि पर रहेगी प्रशासन की नजर

लोकसभा चुनाव में आयोग ने मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया पर भी निगरानी और सख्ती की हुई है. इसके लिए आयोग ने लोक सभावार विशेष टीम का गठन किया है, जो सोशल साइट्स पर नजर बनाए रखेगी. जिले में भी टीम का गठन हो गया है. इसके लिए जिला प्रशासन ने गाइड लाइन जारी की है.

अरविंद मल्लप्पा मंगारी ,जिलाधिकारी,जौनपुर
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Published : Mar 13, 2019, 3:26 PM IST

जौनपुर :चुनाव प्रचार और एक-दूसरे पर आक्षेप की राजनीति के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा है, जबकि जिलाधिकारी ने आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही सोशल मीडिया पर होने वाले प्रचार के बारे में स्पष्ट कहा था कि इस बार सोशल मीडिया पर राजनीति नहीं हो सकेगी. ऐसा करने वाले कार्रवाई की जद में आएंगे. इसके बाद भी वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर चुनाव प्रचार से लेकर एक-दूसरे दल की आलोचना तक समर्थकों द्वारा जमकर की जा रही है. किसी को चुनाव आयोग के निर्देश का ख्याल नहीं है.

जानकारी देतेजिलाधिकारीअरविंद मल्लप्पा मंगारी.

सोशल मीडिया को लेकर चुनाव आयोग के निर्देश

  • नामांकन दाखिल करने के दौरान उम्मीदवारों को सोशल मीडिया एकाउंट्स की जानकारी देनी होगी.
  • सोशल मीडिया पर सभी राजनीतिक विज्ञापनों का प्री-सर्टिफिकेशन अनिवार्य होगा.
  • चुनाव आयोग ने गूगल, फेसबुक, ट्वीटर और यू-ट्यूब को राजनीतिक दलों के विज्ञापनों को वेरिफाई करने को कहा.
  • सोशल मीडिया पर विज्ञापनों पर खर्च को चुनावी खर्च का हिस्सा माना जाएगा.

राजनीतिक दलों की हर गतिविधि पर रहेगी प्रशासन की नजर

अब सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार और दुष्प्रचार करने वाले लोगों पर भी नकेल लगाई जाएगी. इस बार सोशल मीडिया को प्रचार-प्रसार का बड़ा माध्यम मानते हुए चुनाव आयोग ने इस पर निगरानी रखने के लिए अलग से पैनल बनाया है. सभी जिलों में इसके लिए विशेष निगरानी की कमेटी भी बनाई है. जौनपुर में 'एमसीएम' नाम की एक कमेटी बनाई गई है जो सोशल मीडिया पर निगरानी रखेगी. सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों के प्रचार और कुछ लोगों के द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार को लेकर भी निगरानी रखी जाएगी. वहीं आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

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अरविंद मल्लप्पा मंगारी जिलाधिकारी जौनपुर.
लोकसभा 2019 के चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां सबसे ज्यादा सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं. वजह भी साफ है कि सोशल मीडिया की पहुंच देश की सबसे बड़ी आबादी तक हो चुकी है. इसलिए इस बार चुनाव में सोशल मीडिया को प्रचार का एक बड़ा माध्यम के रूप में देखा जा रहा है. चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पर निगरानी रखने की बात कही है.सभी जिलों में प्रशासन ने सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए कमेटी बनाई है.

जौनपुर जिले में भी जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगाली ने बताया कि सोशल मीडिया पर निगरानी रखने के लिए एमसीएम कमेटी बनाई गई है, जिसका काम होगा कि सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों के प्रचार और दुष्प्रचार को लेकर निगरानी रखी जाए .वहीं धार्मिक उन्माद फैलाने वाले पर और आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

जौनपुर के जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा मंगारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर निगरानी रखने के लिए एमसीएम कमेटी बनाई गई है जिसका काम होगा कि सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों के प्रचार-प्रसार पर निगरानी रखी जाएगी. वहीं अचार संगीता का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी.

जौनपुर :चुनाव प्रचार और एक-दूसरे पर आक्षेप की राजनीति के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा है, जबकि जिलाधिकारी ने आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही सोशल मीडिया पर होने वाले प्रचार के बारे में स्पष्ट कहा था कि इस बार सोशल मीडिया पर राजनीति नहीं हो सकेगी. ऐसा करने वाले कार्रवाई की जद में आएंगे. इसके बाद भी वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर चुनाव प्रचार से लेकर एक-दूसरे दल की आलोचना तक समर्थकों द्वारा जमकर की जा रही है. किसी को चुनाव आयोग के निर्देश का ख्याल नहीं है.

जानकारी देतेजिलाधिकारीअरविंद मल्लप्पा मंगारी.

सोशल मीडिया को लेकर चुनाव आयोग के निर्देश

  • नामांकन दाखिल करने के दौरान उम्मीदवारों को सोशल मीडिया एकाउंट्स की जानकारी देनी होगी.
  • सोशल मीडिया पर सभी राजनीतिक विज्ञापनों का प्री-सर्टिफिकेशन अनिवार्य होगा.
  • चुनाव आयोग ने गूगल, फेसबुक, ट्वीटर और यू-ट्यूब को राजनीतिक दलों के विज्ञापनों को वेरिफाई करने को कहा.
  • सोशल मीडिया पर विज्ञापनों पर खर्च को चुनावी खर्च का हिस्सा माना जाएगा.

राजनीतिक दलों की हर गतिविधि पर रहेगी प्रशासन की नजर

अब सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार और दुष्प्रचार करने वाले लोगों पर भी नकेल लगाई जाएगी. इस बार सोशल मीडिया को प्रचार-प्रसार का बड़ा माध्यम मानते हुए चुनाव आयोग ने इस पर निगरानी रखने के लिए अलग से पैनल बनाया है. सभी जिलों में इसके लिए विशेष निगरानी की कमेटी भी बनाई है. जौनपुर में 'एमसीएम' नाम की एक कमेटी बनाई गई है जो सोशल मीडिया पर निगरानी रखेगी. सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों के प्रचार और कुछ लोगों के द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार को लेकर भी निगरानी रखी जाएगी. वहीं आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

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अरविंद मल्लप्पा मंगारी जिलाधिकारी जौनपुर.
लोकसभा 2019 के चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां सबसे ज्यादा सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं. वजह भी साफ है कि सोशल मीडिया की पहुंच देश की सबसे बड़ी आबादी तक हो चुकी है. इसलिए इस बार चुनाव में सोशल मीडिया को प्रचार का एक बड़ा माध्यम के रूप में देखा जा रहा है. चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पर निगरानी रखने की बात कही है.सभी जिलों में प्रशासन ने सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए कमेटी बनाई है.

जौनपुर जिले में भी जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगाली ने बताया कि सोशल मीडिया पर निगरानी रखने के लिए एमसीएम कमेटी बनाई गई है, जिसका काम होगा कि सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों के प्रचार और दुष्प्रचार को लेकर निगरानी रखी जाए .वहीं धार्मिक उन्माद फैलाने वाले पर और आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

जौनपुर के जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा मंगारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर निगरानी रखने के लिए एमसीएम कमेटी बनाई गई है जिसका काम होगा कि सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों के प्रचार-प्रसार पर निगरानी रखी जाएगी. वहीं अचार संगीता का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी.
Intro:जौनपुर।। पूरे देश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है जिसके मद्देनजर 2019 लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां भी शुरू हो गई है । राजनीतिक दल धीरे धीरे लोकसभा में प्रत्याशियों की लिस्ट को फाइनल करने में जुटे हैं तो वहीं अब सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार और दुष्प्रचार करने वाले लोगों पर भी नकेल लगाई जाएगी। इस बार सोशल मीडिया को प्रचार प्रसार का बड़ा माध्यम मानते हुए चुनाव आयोग ने इस पर निगरानी रखने के लिए अलग से पैनल बनाया है । सभी जिलों में इसके लिए विशेष निगरानी की कमेटी भी बनाई है । जौनपुर में एमसीएम नाम की एक कमेटी बनाई गई है जो सोशल मीडिया पर निगरानी रखेगा । सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों के प्रचार और कुछ लोगों के द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार को लेकर भी निगरानी रखी जाएगी। वहीं आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कार्रवाई भी की जाएगी।


Body:वीओ- लोकसभा 2019 के चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां सबसे ज्यादा सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं । वजह भी साफ है कि सोशल मीडिया की पहुंच देश की सबसे बड़ी आबादी तक हो चुकी है। इसलिए इस बार चुनाव में सोशल मीडिया को प्रचार का एक बड़ा माध्यम के रूप में देखा जा रहा है । चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पर निगरानी रखने की बात कही है । वही सभी जिलों में प्रशासन ने सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए कमेटी बनाई है। जौनपुर जिले में भी जिला अधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगाली ने बताया सोशल मीडिया पर निगरानी रखने के लिए एमसीएम कमेटी बनाई गई है जिसका काम होगा कि सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों के प्रचार और दुष्प्रचार को लेकर निगरानी रखी जाए । वही धार्मिक उन्माद फैलाने वाले पर और आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कार्रवाई भी की जाएगी।


Conclusion:जौनपुर के जिला अधिकारी अरविंद मल्लप्पा मंगारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर निगरानी रखने के लिए एमसीएम कमेटी बनाई गई है जिसका काम होगा कि सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों के प्रचार-प्रसार पर निगरानी रखी जाए । वही अचार संगीता का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी।

बाइट- अरविंद मल्लप्पा बंगारी जिलाधिकारी जौनपुर


Dharmendra singh
jaunpur
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