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कानपुर : 15 साल बाद फिर आमने-सामने दो दिग्गज, दिलचस्प मुकाबला

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Published : Apr 28, 2019, 5:24 PM IST

कानपुर लोकसभा सीट पर इस बार बेहद रोचक मुकाबला है. जहां कांग्रेस ने श्रीप्रकाश जायसवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं बीजेपी ने सत्यदेव पचौरी को मैदान में उतारा है. बता दें कि दोनों काफी लोकप्रिय और दिग्गज नेता माने जाते हैं.

कानपुर लोकसभा सीट पर श्रीप्रकाश जायसवाल और सत्यदेव पचौरी आमने-सामने है.

कानपुर : इस बार के चुनावी समर में 15 साल बाद एक बार फिर श्रीप्रकाश जायसवाल और सत्यदेव पचौरी आमने-सामने है. बता दें कि श्रीप्रकाश जायसवाल जहां कांग्रेस की तरफ से ताल ठोक रहे हैं तो वहीं सत्यदेव पचौरी भाजपा से मैदान में हैं. जहां श्रीप्रकाश जायसवाल कांग्रेस सरकार में कोयला मंत्री रह चुके हैं तो वहीं सत्यदेव पचौरी योगी सरकार में केबिनेट मंत्री हैं. ऐसे में दोनों के बीच दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद है.

कानपुर लोकसभा सीट पर श्रीप्रकाश जायसवाल और सत्यदेव पचौरी आमने-सामने है.

पिछली बार 2004 में थे आमने-सामने

सन् 2004 में पहली बार श्रीप्रकाश जायसवाल और सत्यदेव पचौरी आमने-सामने थे. दोनों के बीच उस बार भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला था. बता दें कि दोनों अनुभवी और दिग्गज नेता माने जाते हैं.

श्रीप्रकाश जायसवाल ने मारी थी बाजी

जब 2004 में दोनों आमने-सामने थे तो श्रीप्रकाश जायसवाल सत्यदेव पचौरी को हरा दिया था. श्रीप्रकाश जायसवाल ने करीब 5000 वोटों से जीत हासिल की थी.

कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है यह सीट

बता दें कि श्रीप्रकाश जायसवाल कानपुर लोकसभा सीट से हैट्रिक जमा चुके हैं. उन्होंने इस सीट से 1999, 2004, 2009 में जीत हासिल की है. हालांकि वह 2014 के चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी के हाथों हार गए थे.

किसे, किससे है उम्मीद

वैसे तो यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है हालांकि पिछली बार उसे इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. अगर वोट बैंक की बात की जाए तो जहां कांग्रेस को वैश्य, मुस्लिम से काफी उम्मीदें हैं तो वहीं भाजपा ब्राह्मण, ठाकुर और पिछड़े वर्ग को अपनी बड़ी ताकत मानकर चल रही है. इसके अलावा गठबंधन से यह सीट सपा के खाते में होने के कारण भाजपा अनुसूचित वर्ग का बड़ा हिस्सा पार्टी में आने का भी सपने संजोए है.

कानपुर : इस बार के चुनावी समर में 15 साल बाद एक बार फिर श्रीप्रकाश जायसवाल और सत्यदेव पचौरी आमने-सामने है. बता दें कि श्रीप्रकाश जायसवाल जहां कांग्रेस की तरफ से ताल ठोक रहे हैं तो वहीं सत्यदेव पचौरी भाजपा से मैदान में हैं. जहां श्रीप्रकाश जायसवाल कांग्रेस सरकार में कोयला मंत्री रह चुके हैं तो वहीं सत्यदेव पचौरी योगी सरकार में केबिनेट मंत्री हैं. ऐसे में दोनों के बीच दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद है.

कानपुर लोकसभा सीट पर श्रीप्रकाश जायसवाल और सत्यदेव पचौरी आमने-सामने है.

पिछली बार 2004 में थे आमने-सामने

सन् 2004 में पहली बार श्रीप्रकाश जायसवाल और सत्यदेव पचौरी आमने-सामने थे. दोनों के बीच उस बार भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला था. बता दें कि दोनों अनुभवी और दिग्गज नेता माने जाते हैं.

श्रीप्रकाश जायसवाल ने मारी थी बाजी

जब 2004 में दोनों आमने-सामने थे तो श्रीप्रकाश जायसवाल सत्यदेव पचौरी को हरा दिया था. श्रीप्रकाश जायसवाल ने करीब 5000 वोटों से जीत हासिल की थी.

कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है यह सीट

बता दें कि श्रीप्रकाश जायसवाल कानपुर लोकसभा सीट से हैट्रिक जमा चुके हैं. उन्होंने इस सीट से 1999, 2004, 2009 में जीत हासिल की है. हालांकि वह 2014 के चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी के हाथों हार गए थे.

किसे, किससे है उम्मीद

वैसे तो यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है हालांकि पिछली बार उसे इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. अगर वोट बैंक की बात की जाए तो जहां कांग्रेस को वैश्य, मुस्लिम से काफी उम्मीदें हैं तो वहीं भाजपा ब्राह्मण, ठाकुर और पिछड़े वर्ग को अपनी बड़ी ताकत मानकर चल रही है. इसके अलावा गठबंधन से यह सीट सपा के खाते में होने के कारण भाजपा अनुसूचित वर्ग का बड़ा हिस्सा पार्टी में आने का भी सपने संजोए है.

Intro:कानपुर :- 15 साल बाद फिर एक बार एक दूसरे के सामने 2 दिग्गज , कांग्रेस से श्री प्रकाश और भाजपा के सत्यदेव पचौरी ।

इस चुनावी समर में 15 साल बाद फिर कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल और भाजपा प्रत्याशी सत्यदेव पचौरी आमने सामने 2004 में बाजी सिर्फ का जयसवाल के हाथ में गई थी जयसवाल ने करीब 5000 वोटों से जीत हासिल की श्री प्रकाश जयसवाल 1999 में विजेता है 2004 और 2009 का चुनाव भी श्रीप्रकाश जायसवाल जीते थे 2014 में भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी की जीत ने जयसवाल का चौथी बार का सपना चूर कर दिया था पूर्व केंद्रीय मंत्री जयसवाल को वैश मुस्लिम और गैर भाजपाई सोच वाले वर्ग से ज्यादा उम्मीदें हैं


Body:वहीं दूसरे सिरे पर भाजपा का पारंपरिक वोट मांगने वाले योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी के समर्थक ब्राह्मण ठाकुर और पिछड़े वर्ग को अपनी बड़ी ताकत मानकर चल रहे हैं सत्यदेव पचौरी कानपुर की राजनीति में जाना माना नाम है और वह इस वक्त योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं वहीं गठबंधन से यह सीट सपा के खाते में होने के कारण अनुसूचित वर्ग का बड़ा हिस्सा साइकिल की जगह कमल से आकर्षित होने का अनुमान भी भाजपा के रणनीतिकारों को उत्साहित करने हैं मोदी है तो मुमकिन है किनारे को मुमकिन बनाने में लगी भाजपा की टीम 2004 में मिली हार का हिसाब 2019 में जीत के साथ साफ कर लेना चाहती है वहीं गठबंधन का मोर्चा संभाले पूर्व सपा विधायक राजकुमार के समर्थक नहीं मानते कि बसपा का वोट इधर-उधर जाएगा वहीं बसपा सपा के पारंपरिक वोट के साथ मुस्लिमों को भी साथ मान गए हैं हालांकि कानपुर संसदीय सीट से सपा या बसपा को कभी भी कामयाबी नहीं मिली है भाजपा और कांग्रेस में से कोई भी खुद को कम नहीं मान रहा दोनों दलों के दिग्गज नेता और स्टार प्रचारक चुनावी प्रचार के अंतिम चरण में पूरी ताकत कानपुर पर लगाए हुए हैं ।

अखण्ड प्रताप सिंह
8604068684
कानपुर ।


Conclusion:
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