मुरादाबाद : मुरादाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर की जगह इमरान प्रतापगढ़ी को उम्मीदवार घोषित किया है. देर रात राजबब्बर को आगरा की फतेहपुर सीकरी से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद इमरान को मुरादाबाद से टिकट दिया गया है.
इमरान को टिकट दिए जाने की जानकारी मिलने के बाद से ही स्थानीय कांग्रेस नेता विरोध में उतर आए हैं. कांग्रेसी कार्यकर्ता हाईकमान से किसी स्थानीय नेता को टिकट देने की मांग कर रहें हैं. कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि इमरान प्रतापगढ़ी का मुरादाबाद से कोई सम्बन्ध नहीं है और यहां कोई उन्हें नहीं जानता है.
इमरान प्रतापगढ़ी को उम्मीदवार घोषित करने से कांग्रेस में बगावत. मुरादाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस का टिकट बदलने का दांव मुसीबत का सबब बन गया है. कल देर रात कांग्रेस ने मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी को मुरादाबाद लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है. मुरादाबाद सीट पर पहले प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर को उम्मीदवार बनाया गया था. कल देर रात उनको आगरा की फतेहपुर सीकरी से चुनाव लड़ने को कहा गया है.
राज बब्बर का समर्थन कर रहे स्थानीय कांग्रेस नेता अब इमरान प्रतापगढ़ी का खुल कर विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने आज पूर्व जिलाध्यक्ष और प्रदेश संगठन मंत्री देशराज शर्मा की अध्यक्षता में बैठक की. इसमें उन्होंने इमरान को चुनाव लड़ाने के बजाय स्थानीय कांग्रेस नेता को टिकट देने की मांग दोहराई. देशराज शर्मा के मुताबिक इमरान प्रतापगढ़ी को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा.
देशराज शर्मा, प्रदेश संगठन मंत्री, कांग्रेस. इमरान प्रतापगढ़ी को टिकट मिलने के बाद स्थानीय कांग्रेस नेता हाईकमान से टिकट बदलवाने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेसी नेताओं के मुताबिक इमरान प्रतापगढ़ी कुछ दिन पहले तक समाजवादी पार्टी से भी टिकट की मांग कर रहे थे. कांग्रेसी नेता अब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच अंदरखाने डील होने की आशंका भी जता रहे हैं. स्थानीय कार्यकर्ताओं ने साफ किया है कि यदि हाईकमान ने टिकट नहीं बदला तो चुनाव लड़ाने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
इमरान प्रतापगढ़ी की एंट्री के बाद स्थानीय कांग्रेसियों का कहना है कि राज बब्बर के आने से पार्टी को जो फायदा मिल रहा था वह अब नहीं मिल रहा है. कांग्रेस नेता स्थानीय उम्मीदवार की मांग कर रहे हैं. आने वाले दिनों में कांग्रेसियों का यह विरोध गुटबाजी में भी तब्दील हो सकता है, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही होगा.