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लखनऊ: हुसैनाबाद ट्रस्ट कर्मचारियों ने किया धरना प्रदर्शन, वेतन बढ़ाने की मांग

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Published : Jun 27, 2019, 7:51 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुसैनाबाद ट्रस्ट के कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया. बताया जा रहा है कि वेतन में वृद्धि और पिछले वेतन में हुई कटौती को वापस करने की मांग को लेकर यह प्रदर्शन किया गया.

धरना प्रदर्शन करते हुसैनाबाद ट्रस्ट के कर्मचारी.

लखनऊ: न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी न होने और पिछली तनख्वाह में हुई कटौती के चलते हुसैनाबाद ट्रस्ट कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया. नवाबों के दौर में बनी इमारतों के रखरखाव और उसमें घूमने आए पर्यटकों को बेहतर सहूलियत देने के लिए हुसैनाबाद ट्रस्ट का गठन हुआ था. कर्मचारियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उनके वेतन में बढ़ोतरी की जाए.

धरना प्रदर्शन करते हुसैनाबाद ट्रस्ट के कर्मचारी.

जानें पूरा मामला:

  • हुसैनाबाद ट्रस्ट के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी वेतन वृद्धि के लिए पिछले कई महीनों से मांग कर रहे हैं.
  • गुरुवार को कर्मचारी धरने पर बैठ गए.
  • कर्मचारी न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी न होने और पिछली तनख्वाह में हुई कटौती को लेकर धरने पर बैठे हैं.
  • इस दौरान नवाबीन-ए-अवध शिकोह आजाद भी मौजूद रहे.
  • श्रम विभाग के अनुसार न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाए और तनख्वाह में हुई कटौती भी वापस की जाए.

ट्रस्ट में सिपाहियों के वेतन में कोई वृद्धि नहीं की गई, जबकि सबका वेतन बढ़ा. इसके अलावा पिछले कई महीनों से हमारे वेतन में कटौती की जा रही. हमारी मांग है कि न्यूनतम वेतन को बढ़ाया जाए और वेतन से जो कटौती की गई है उसे वापस किया जाए.
-खुर्रम नवाब, हुसैनाबाद ट्रस्ट कर्मचारी

लखनऊ: न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी न होने और पिछली तनख्वाह में हुई कटौती के चलते हुसैनाबाद ट्रस्ट कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया. नवाबों के दौर में बनी इमारतों के रखरखाव और उसमें घूमने आए पर्यटकों को बेहतर सहूलियत देने के लिए हुसैनाबाद ट्रस्ट का गठन हुआ था. कर्मचारियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उनके वेतन में बढ़ोतरी की जाए.

धरना प्रदर्शन करते हुसैनाबाद ट्रस्ट के कर्मचारी.

जानें पूरा मामला:

  • हुसैनाबाद ट्रस्ट के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी वेतन वृद्धि के लिए पिछले कई महीनों से मांग कर रहे हैं.
  • गुरुवार को कर्मचारी धरने पर बैठ गए.
  • कर्मचारी न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी न होने और पिछली तनख्वाह में हुई कटौती को लेकर धरने पर बैठे हैं.
  • इस दौरान नवाबीन-ए-अवध शिकोह आजाद भी मौजूद रहे.
  • श्रम विभाग के अनुसार न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाए और तनख्वाह में हुई कटौती भी वापस की जाए.

ट्रस्ट में सिपाहियों के वेतन में कोई वृद्धि नहीं की गई, जबकि सबका वेतन बढ़ा. इसके अलावा पिछले कई महीनों से हमारे वेतन में कटौती की जा रही. हमारी मांग है कि न्यूनतम वेतन को बढ़ाया जाए और वेतन से जो कटौती की गई है उसे वापस किया जाए.
-खुर्रम नवाब, हुसैनाबाद ट्रस्ट कर्मचारी

Intro:नवाबों के दौर में बनी इमारतों के रखरखाव और उसमें घूमने आए पर्यटकों को बेहतर सहूलियत देने के लिए वर्षो पहले गठित हुई हुसैनाबाद ट्रस्ट अब अपने ही लोगों को वेतन देने में असमर्थ है जिसके चलते हुसैनाबाद ट्रस्ट के कर्मचारी अब विरोध प्रदर्शन पर उतर आए है।


Body:ट्रस्ट के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी वेतन वृद्धि के लिए पिछले कई महीनों से मांग कर रहे है जिसके लिए वह अधिकारियों से गुहार लगा रहे है लेकिन महीनों गुज़र जाने के बाद भी अब तक उनकी न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी न होना और पिछली तनख्वाह में हुई कटौती के चलते अब ट्रस्ट के अधिकारियों के खिलाफ वह धरने पर बैठ गए है। वहीं इस प्रदर्शन में उन्हें नवाबीन ए अवध का भी साथ मिल गया है, प्रदर्शन में मौजूद नवाबीन ए अवध शिकोह आज़ाद ने कहा कि इस ट्रस्ट की निगरानी ज़िला प्रशासन के हाथ मे है लेकिन अफसोस कि बात है कि दुनिया भर से आये पर्यटकों को लखनऊ की तहज़ीब और इतिहास से दो चार करवाने वाले इन कर्मचारियों के साथ ही भेदभाव हो रहा है जिससे पर्यटन प्रभावित होने लाज़मी है। वहीं प्रदर्शन कर रहे खुर्रम नवाब का कहना है कि बढ़ाने के बजाए उनकी तनख्वाह और कम कर दी गई जिसके चलते कर्मचारियों का घर तक चलाना मुश्किल हो रहा है ऐसे में जिला अधिकारी से मांग है कि सभी कर्मचारियों को श्रम विभाग अनुसार न्यूनतम वेतन का भुगतान कराया जाए और महीनों से तनख्वाह में हुई कटौती का पैसा भी प्रदान कराया जाए।

बाइट1: खुर्रम नवाब, प्रदर्शनकारी
बाइट2: शिकोह आज़ाद, नवाबीन ए अवध


Conclusion:आपको बता दें हड़ताल के चलते ऐतिहासिक इमारत घूमने आ रहे हज़ारो पर्यटक इन इमारतों के इतिहास जानने से महरूम रहे जा रहे है क्योंकि कर्मचारी अपनी मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि अगर प्रशासन उनकी मांग पूरी नही करता है तो इन इमारतों पर कार्य बहिष्कार के साथ ताला जड़ दिया जाएगा।
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