लखनऊ: हाईकोर्ट ने रेगुलर प्रमोशन पाए पुलिस अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए 23 जुलाई 2015 के शासनादेश को निरस्त कर दिया है. इस शासनादेश में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर बने इंस्पेक्टर को रेगुलर प्रमोशन वाले इंस्पेक्टर से वरिष्ठ माने जाने का फैसला किया गया था.
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई की. शासनादेश में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर बने इंस्पेक्टर को रेगुलर प्रमोशन वाले इंस्पेक्टर से वरिष्ठ माने जाने का फैसला दिया गया था. भले ही आउट ऑफ टर्न वाला इंस्पेक्टर रेगुलर प्रमोशन वाले इंस्पेक्टर से जूनियर रहा हो.
न्यायालय ने 29 जुलाई 2015 के वरिष्ठता सूची को भी निरस्त कर दिया है, जिसके द्वारा 1994 से 2014 तक आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाए अधिकारियों को वरिष्ठ मानते हुए सूची जारी की गई थी. 24 फरवरी 2016 की भी वरिष्ठता सूची को निरस्त कर दिया गया है, जिसमें रेगुलर प्रमोशन पाए याचियों से उनके जूनियर रहे व आउट ऑफ टर्न प्रमोशन वाले अधिकारियों को वरिष्ठ माना गया था.