रायबरेली: जिले के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) संस्थान की जर्जर अवस्था को शासन की संजीवनी मिल गई है. अब इसके कायाकल्प की उम्मीदें भी जग गई हैं. लोकसभा चुनाव 2019 के पूर्व ही इस बदहाल संस्थान की सूरत बदलने के लिए शासन ने 3 करोड़ 61 लाख की धनराशि स्वीकृत कर दी थी. जिसके बाद करीब 82 लाख रुपए की पहली किस्त अब जारी कर दी गई है.
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का होगा कायाकल्प
- तकनीकी प्रशिक्षण संस्थानों में जनपद के पुराने सेंटरों में आईटीआई संस्थान शुमार है.
- राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रायबरेली वर्ष 1962 से संचालित है.
- समुचित रख-रखाव और समय के लंबे अंतराल की वजह से यह दुर्दशा की कगार पर खड़ा हो गया था.
- शुरुआत में नैनी स्थित परिसर से इस आईटीआई का संचालन होता था.
- 1970 में तत्कालीन प्रधानमंत्री और स्थानीय सांसद ने इस आईटीआई का उद्घाटन किया था.
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस कार्य में कुछ देरी हुई थी पर अब तेजी से सभी कार्यों को पूरा कराया जा रहा है. इसके तहत परिसर के अंदर की सभी जर्जर छतों की फिर से ढलाई के साथ ही नए खिड़की और दरवाजों को लगाया जाएगा. इसके अलावा पूरी इलेक्ट्रिक वायरिंग सिस्टम और प्लंबरिंग कार्य समेत बाथरूम के निर्माण भी कराया जाएगा. इसके साथ ही परिसर बाउंड्री वॉल को सुदृढ़ कराने का कार्य भी कराया जाएगा.
आर एन त्रिपाठी, प्रिंसिपल, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, रायबरेली