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रायबरेली: शासन की संजीवनी से निखरेगा आईटीआई का बदहाल स्वरुप

जिले में बदहाली के दौर से गुजर रही राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) का अब कायाकल्प हो सकेगा. उत्तर प्रदेश शासन ने इसके लिए भारी भरकम बजट को मंजूरी दी है. वहीं शासन ने अब इसकी पहली किस्त भी जारी कर दी है.

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Published : Jun 24, 2019, 11:45 PM IST

आईटीआई का होगा कायाकल्प

रायबरेली: जिले के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) संस्थान की जर्जर अवस्था को शासन की संजीवनी मिल गई है. अब इसके कायाकल्प की उम्मीदें भी जग गई हैं. लोकसभा चुनाव 2019 के पूर्व ही इस बदहाल संस्थान की सूरत बदलने के लिए शासन ने 3 करोड़ 61 लाख की धनराशि स्वीकृत कर दी थी. जिसके बाद करीब 82 लाख रुपए की पहली किस्त अब जारी कर दी गई है.

बदहाल आईटीआई का होगा कायाकल्प.

राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का होगा कायाकल्प

  • तकनीकी प्रशिक्षण संस्थानों में जनपद के पुराने सेंटरों में आईटीआई संस्थान शुमार है.
  • राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रायबरेली वर्ष 1962 से संचालित है.
  • समुचित रख-रखाव और समय के लंबे अंतराल की वजह से यह दुर्दशा की कगार पर खड़ा हो गया था.
  • शुरुआत में नैनी स्थित परिसर से इस आईटीआई का संचालन होता था.
  • 1970 में तत्कालीन प्रधानमंत्री और स्थानीय सांसद ने इस आईटीआई का उद्घाटन किया था.

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस कार्य में कुछ देरी हुई थी पर अब तेजी से सभी कार्यों को पूरा कराया जा रहा है. इसके तहत परिसर के अंदर की सभी जर्जर छतों की फिर से ढलाई के साथ ही नए खिड़की और दरवाजों को लगाया जाएगा. इसके अलावा पूरी इलेक्ट्रिक वायरिंग सिस्टम और प्लंबरिंग कार्य समेत बाथरूम के निर्माण भी कराया जाएगा. इसके साथ ही परिसर बाउंड्री वॉल को सुदृढ़ कराने का कार्य भी कराया जाएगा.
आर एन त्रिपाठी, प्रिंसिपल, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, रायबरेली

रायबरेली: जिले के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) संस्थान की जर्जर अवस्था को शासन की संजीवनी मिल गई है. अब इसके कायाकल्प की उम्मीदें भी जग गई हैं. लोकसभा चुनाव 2019 के पूर्व ही इस बदहाल संस्थान की सूरत बदलने के लिए शासन ने 3 करोड़ 61 लाख की धनराशि स्वीकृत कर दी थी. जिसके बाद करीब 82 लाख रुपए की पहली किस्त अब जारी कर दी गई है.

बदहाल आईटीआई का होगा कायाकल्प.

राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का होगा कायाकल्प

  • तकनीकी प्रशिक्षण संस्थानों में जनपद के पुराने सेंटरों में आईटीआई संस्थान शुमार है.
  • राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रायबरेली वर्ष 1962 से संचालित है.
  • समुचित रख-रखाव और समय के लंबे अंतराल की वजह से यह दुर्दशा की कगार पर खड़ा हो गया था.
  • शुरुआत में नैनी स्थित परिसर से इस आईटीआई का संचालन होता था.
  • 1970 में तत्कालीन प्रधानमंत्री और स्थानीय सांसद ने इस आईटीआई का उद्घाटन किया था.

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस कार्य में कुछ देरी हुई थी पर अब तेजी से सभी कार्यों को पूरा कराया जा रहा है. इसके तहत परिसर के अंदर की सभी जर्जर छतों की फिर से ढलाई के साथ ही नए खिड़की और दरवाजों को लगाया जाएगा. इसके अलावा पूरी इलेक्ट्रिक वायरिंग सिस्टम और प्लंबरिंग कार्य समेत बाथरूम के निर्माण भी कराया जाएगा. इसके साथ ही परिसर बाउंड्री वॉल को सुदृढ़ कराने का कार्य भी कराया जाएगा.
आर एन त्रिपाठी, प्रिंसिपल, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, रायबरेली

Intro:रायबरेली:शासन की संजीवनी से निखरेगा आईटीआई रायबरेली का बदहाल स्वरुप

3.61 करोड़ की स्वीकृति के बाद,82 लाख की पहली किस्त हुई आवंटित

24 जून 2019 - रायबरेली

रायबरेली के राजकीय औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान की जर्जर अवस्था को शासन की संजीवनी मिलने के के बाद इसके कायाकल्प की उम्मीदें जगी है।चुनाव पूर्व ही इस बदहाल संस्थान के सूरत बदलने के लिए शासन ने 3 करोड़ 61 लाख की धनराशि स्वीकृत की थी जिसकी पहली किस्त करीब 82 लाख की अब जारी कर दी गई है।तकनीक प्रशिक्षण संस्थानों में जनपद के पुराने सेंटर्स में शुमार आईटीआई परिसर जिले की पूर्व सांसद व देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हाथों अस्तित्व में आने का अवसर 1970 में मिला था पर समुचित रखरखाव व समय के लंबे अंतराल के इसे दुर्दशा की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया,हालांकि यही वो परिसर है जहां पर सभी आम चुनावों में मतगणना व मतपेटियों अथवा ईवीएम के सुरक्षित रखरखाव का दावा प्रशासन द्वारा वर्षों से किया जाता आ रहा है और चुनावी दिनों में इसी परिसर में प्रेक्षक समेत सभी जिम्मेदार अधिकारियों को इस परिसर की परिक्रमा करते देखा जा सकता है पर चुनावों बाद इस बदहाल परिसर की सुध लेने वाला कोई जिम्मेदार नही दिखता और यही कारण रहा इस संस्थान को इस स्थित में लाने का,बहरहाल अब उम्मीद की जा रही है कि देर से ही सही पर इस संस्थान की सूरत अब बदलने जा रही है।




Body:राजकीय औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रभारी व प्रिंसिपल आर एन त्रिपाठी ने ETV से बातचीत में खुलासा करते हुए बताया कि पुरानी हो चुकी जर्जर अवस्था में बिल्डिंग व बाउंड्री वाल समेत पूरा परिसर के रेनोवेशन के लिए शासन द्वारा 3.61 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी थी जिसकी पहली किश्त करीब 82 लाख की जारी हो चुकी है लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस कार्य मे कुछ देरी हुई थी पर अब तेजी से सभी कार्यों को पूरा कराया जा रहा है।

परिसर के जीर्णोद्धार में होने वाले कार्यों के बारें में जानकारी देते हुए आर एन त्रिपाठी ने दावा किया कि इसके तहत परिसर के अंदर की सभी जर्जर छतों की फिर से ढलाई होने के साथ खिड़की - पल्ले दरवाजों के अलावा पूरी इलेक्ट्रिक वायरिंग सिस्टम व प्लंबिंग कार्य समेत बाथरूम के निर्माण व परिसर बाउंड्री वाल के सुदृण करने का कार्य भी कराया जाएगा।







Conclusion:उल्लेखनीय है कि राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रायबरेली वर्ष 1962 से संचालित है,शुरुआत में नैनी स्थित परिसर से इसका संचालन होता था,वर्ष 1970 में तत्कालीन प्रधानमंत्री व स्थानीय सांसद ने रायबरेली शहर के गोराबाजार स्थित परिसर का उद्घाटन किया था।करीब 50 वर्षो के लंबे अंतराल के बाद रखरखाव की कमी व धन अभाव के कारण परिसर बदहाल स्थित में पहुंच गया था।

विज़ुअल:संबंधित विज़ुअल व पीटीसी

बाइट : आर एन त्रिपाठी - प्रिंसिपल - राजकीय औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान - रायबरेली

प्रणव कुमार - 7000024034
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