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चकबंदी लेखपाल भर्ती में धांधली का मामला: UPSSSC के पूर्व अध्यक्ष समेत 7 पर FIR दर्ज

सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान 2015-16 में चकबंदी लेखपालों के खाली 2831 पदों पर भर्ती की गयी थी. जिसमें छेड़छाड़ कर चहेतों को फायदा पहुंचाकर भर्ती किए जाने केआरोप में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष समेत 7 लोगों पर केस दर्ज किया गया है.

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Published : May 2, 2019, 3:40 AM IST

Updated : May 2, 2019, 6:50 AM IST

अखिलेश यादव

लखनऊ: सपा सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत हुई लेखपाल भर्ती में बड़ी धांधली सामने आई है. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष राज किशोर यादव, सुरेश चंद्र यादव, डॉ. बबीता देवी लाठर, अब्दुल गनी, केशव राम, महेश प्रसाद पीसीएस व एक अन्य के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में धांधली का मामला दर्ज किया गया. उन पर मानकों की अनदेखी कर चहेतों को फायदा पहुंचाकर भर्ती किए जाने का आरोप है.

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एफआईआर कॉपी
चकबंदी लेखपाल भर्ती में धांधली का मामला


जानिये पूरा मामला-
सपा सरकार के कार्यकाल में 2015-16 चकबंदी लेखपालों के खाली 2831 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था. चकबंदी निदेशालय ने आयोग को सामान्य वर्ग के 1901, एससी के 50, एसटी के 63 और ओबीसी के 769 अभ्यर्थियों के चयन का प्रस्ताव भेजा था. लेकिन सामान्य श्रेणी में 1901 की जगह 920, एससी में 50 पदों की जगह 104, एसटी में 64 के स्थान पर 65 और ओबीसी के 769 पदों की जगह 1694 पद भरे गए. भर्ती में अनियमितता करते हुए 925 ओबीसी वर्ग के अधिक लोगों का चयन किया गया था. जिसमें ज्यादातर जाति विशेष के लोग शामिल हैं. धांधली की बात सामने आने के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार को इस मामले की जांच सौंपी गई थी. जांच में 48 पदों को छोड़कर अन्य पदों पर बड़ी संख्या में छेड़छाड़ करने की बात सामने आई.

लखनऊ: सपा सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत हुई लेखपाल भर्ती में बड़ी धांधली सामने आई है. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष राज किशोर यादव, सुरेश चंद्र यादव, डॉ. बबीता देवी लाठर, अब्दुल गनी, केशव राम, महेश प्रसाद पीसीएस व एक अन्य के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में धांधली का मामला दर्ज किया गया. उन पर मानकों की अनदेखी कर चहेतों को फायदा पहुंचाकर भर्ती किए जाने का आरोप है.

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चकबंदी लेखपाल भर्ती में धांधली का मामला


जानिये पूरा मामला-
सपा सरकार के कार्यकाल में 2015-16 चकबंदी लेखपालों के खाली 2831 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था. चकबंदी निदेशालय ने आयोग को सामान्य वर्ग के 1901, एससी के 50, एसटी के 63 और ओबीसी के 769 अभ्यर्थियों के चयन का प्रस्ताव भेजा था. लेकिन सामान्य श्रेणी में 1901 की जगह 920, एससी में 50 पदों की जगह 104, एसटी में 64 के स्थान पर 65 और ओबीसी के 769 पदों की जगह 1694 पद भरे गए. भर्ती में अनियमितता करते हुए 925 ओबीसी वर्ग के अधिक लोगों का चयन किया गया था. जिसमें ज्यादातर जाति विशेष के लोग शामिल हैं. धांधली की बात सामने आने के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार को इस मामले की जांच सौंपी गई थी. जांच में 48 पदों को छोड़कर अन्य पदों पर बड़ी संख्या में छेड़छाड़ करने की बात सामने आई.

Intro:FIR काॅपी मेल से लेने की कृपा करें। यूपी एसएससी मामले में चकबंदी लेखपाल की भर्ती को लेकर हजरतगंज कोतवाली में एफ आई आर दर्ज हो चुकी है। जिसमें आयोग के पूर्व अध्यक्ष राज किशोर यादव समेत सात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। FIR में तत्कालीन अध्यक्ष राज किशोर यादव, सुरेश चंद्र यादव, डॉक्टर बबीता देवी लाठर, अब्दुल गनी, केशव राम, महेश प्रसाद पीसीएस व एक अन्य शामिल है।


Body:सपा सरकार के कार्यकाल 15-16 चकबंदी लेखपाल की भर्ती की गई थी। उस समय की गई भर्ती प्रक्रिया में चौंकाने वाला मामला सामने आया था। मामला सामने आने के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ प्रभात कुमार को जांच सौंपी गई थी। जांच में पता चला कि 48 पदों को छोड़कर अन्य पदों पर बड़ी संख्या में पदो से छेड़छाड़ की गई थी। यूपी एसएससी आयोग में सामान्य श्रेणी में 1901 की जगह 920, अनुसूचित जाति में 50 पदों की जगह 104, अनुसूचित जनजाति के 64 के स्थान पर 65 और ओबीसी के 769 पदों की जगह 1694 ओबीसी पद भरे गए। भर्ती में अनियमितता बरते हुए 925 ओबीसी वर्ग के अधिक लोगों का चयन किया गया था जिसमें ज्यादातर जाति विशेष के लोग शामिल है।


Conclusion:रितेश यादव UP10003 09336455624
Last Updated : May 2, 2019, 6:50 AM IST
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