लखनऊ: सपा सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत हुई लेखपाल भर्ती में बड़ी धांधली सामने आई है. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष राज किशोर यादव, सुरेश चंद्र यादव, डॉ. बबीता देवी लाठर, अब्दुल गनी, केशव राम, महेश प्रसाद पीसीएस व एक अन्य के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में धांधली का मामला दर्ज किया गया. उन पर मानकों की अनदेखी कर चहेतों को फायदा पहुंचाकर भर्ती किए जाने का आरोप है.
जानिये पूरा मामला-
सपा सरकार के कार्यकाल में 2015-16 चकबंदी लेखपालों के खाली 2831 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था. चकबंदी निदेशालय ने आयोग को सामान्य वर्ग के 1901, एससी के 50, एसटी के 63 और ओबीसी के 769 अभ्यर्थियों के चयन का प्रस्ताव भेजा था. लेकिन सामान्य श्रेणी में 1901 की जगह 920, एससी में 50 पदों की जगह 104, एसटी में 64 के स्थान पर 65 और ओबीसी के 769 पदों की जगह 1694 पद भरे गए. भर्ती में अनियमितता करते हुए 925 ओबीसी वर्ग के अधिक लोगों का चयन किया गया था. जिसमें ज्यादातर जाति विशेष के लोग शामिल हैं. धांधली की बात सामने आने के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार को इस मामले की जांच सौंपी गई थी. जांच में 48 पदों को छोड़कर अन्य पदों पर बड़ी संख्या में छेड़छाड़ करने की बात सामने आई.