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खूंखार डाकू से योगी बने पंचम सिंह की जिंदगी पर बनेगी फिल्म - उत्तर प्रदेश समाचार

डाकू मानसिंह और डाकू पान सिंह तोमर के बाद अब डाकू पंचम सिंह की कहानी भी फिल्मी पर्दे पर दिखाई देगी. 70 के दशक में डाकू पचंम सिंह ने चंबल के बीहड़ में 14 साल तक राज किया था. मुंबई के एक डायरेक्टर खूंखार डाकू सरदार से संत बने पंचम सिंह से मिले. डायरेक्टर उनके साथ चंबल के बीहड़ और रतनगढ़ की पहाड़ियों पर लोकेशन भी देख चुके हैं, जहां कभी पंचम सिंह का राज चलता था.

डाकू पचंम सिंह
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Published : Jul 3, 2019, 1:15 PM IST

आगरा: रुनकता के रेणुकाधाम आश्रम में संत भाई पंचम सिंह पिछले 7 साल से रह रहे हैं. जहां वह लोगों को शांति, अहिंसा और सत्य के प्रवचन देते हैं. 70 के दशक में पंचम सिंह बीहड़ के खूंखार डाकू हुआ करते थे. दरअसल 1972 में उन्होंने 556 डाकुओं के साथ सरेंडर कर दिया था.

पंचम सिंह का 14 साल तक बीहड़ों में रहा राज.

पंचम सिंह पर बनेगी फिल्म-

  • पंचम सिंह ने बताया कि उनके जीवन पर मुंबई के डायरेक्टर फिल्म बना रहे हैं.
  • इस बारे में डायरेक्टरों ने उनसे संपर्क किया और फिर एफिडेविट पर साइन कराए.
  • अब तक उन्हें डायरेक्टर की ओर से ढाई लाख रुपए दिए जा चुके हैं.
  • पंचम सिंह का कहना है कि चार माह पहले मुंबई से फिल्म डायरेक्टर उनसे मिलने आए.
  • वह उन्हें डींग के बीहड़, रतनगढ़ माता के मंदिर, रतनगढ़ की पहाड़ियां और उन सभी स्थानों पर ले गए, जहां उन्होंने 14 साल तक अपना डकैत जीवन बिताया था.
  • चार दिन तक वह उन सभी जगहों पर गए.
  • फिल्म की शूटिंग अक्टूबर 2019 में स्टार्ट होगी, इसको लेकर डायरेक्टर लगातार उनके संपर्क में है और लोकेशन सहित अन्य तमाम पहलुओं पर भी बातचीत कर रहे हैं.

एक करोड़ के इनामी रहे खूंखार डाकू पंचम सिंह की जिंदगी पर फिल्म बनाई जा रही है. इसमें पंचम सिंह के बीहड़ में कूदने, 4 साल तक बीहड़ में अपनी सत्ता चलाने के साथ ही सरेंडर और फिर आध्यात्मिक राजयोगी बनने तक की कहानी को दिखाया जाएगा.

आगरा: रुनकता के रेणुकाधाम आश्रम में संत भाई पंचम सिंह पिछले 7 साल से रह रहे हैं. जहां वह लोगों को शांति, अहिंसा और सत्य के प्रवचन देते हैं. 70 के दशक में पंचम सिंह बीहड़ के खूंखार डाकू हुआ करते थे. दरअसल 1972 में उन्होंने 556 डाकुओं के साथ सरेंडर कर दिया था.

पंचम सिंह का 14 साल तक बीहड़ों में रहा राज.

पंचम सिंह पर बनेगी फिल्म-

  • पंचम सिंह ने बताया कि उनके जीवन पर मुंबई के डायरेक्टर फिल्म बना रहे हैं.
  • इस बारे में डायरेक्टरों ने उनसे संपर्क किया और फिर एफिडेविट पर साइन कराए.
  • अब तक उन्हें डायरेक्टर की ओर से ढाई लाख रुपए दिए जा चुके हैं.
  • पंचम सिंह का कहना है कि चार माह पहले मुंबई से फिल्म डायरेक्टर उनसे मिलने आए.
  • वह उन्हें डींग के बीहड़, रतनगढ़ माता के मंदिर, रतनगढ़ की पहाड़ियां और उन सभी स्थानों पर ले गए, जहां उन्होंने 14 साल तक अपना डकैत जीवन बिताया था.
  • चार दिन तक वह उन सभी जगहों पर गए.
  • फिल्म की शूटिंग अक्टूबर 2019 में स्टार्ट होगी, इसको लेकर डायरेक्टर लगातार उनके संपर्क में है और लोकेशन सहित अन्य तमाम पहलुओं पर भी बातचीत कर रहे हैं.

एक करोड़ के इनामी रहे खूंखार डाकू पंचम सिंह की जिंदगी पर फिल्म बनाई जा रही है. इसमें पंचम सिंह के बीहड़ में कूदने, 4 साल तक बीहड़ में अपनी सत्ता चलाने के साथ ही सरेंडर और फिर आध्यात्मिक राजयोगी बनने तक की कहानी को दिखाया जाएगा.

Intro:आगरा.
14 साल तक चंबल के बीहड़ में जिसका राज रहा. 3 राज्यों के 25 जिलों में जिसकी सत्ता रही. 70 के दशक में एमपी, यूपी और राजस्थान में जिसका नाम सुनकर लोग थरथर कांपते थे. ऐसे ही खूंखार डाकू सरदार से संत बने भाई पंचम सिंह की रियल लाइफ अब रील पर उतरेगी. डाकू मानसिंह और डाकू पान सिंह तोमर के बाद डाकू पंचम सिंह के बीहड़ में कूदने से लेकर के उनके राजयोगी पंचम सिंह बनने की पूरी कहानी फिल्मी पर्दे पर दिखाई देगी. मुंबई के डायरेक्टर अपने साथ राजयोगी पंचम सिंह को अपने साथ लेकर चार दिन तक चंबल के बीहड़ और रतनगढ़ की पहाड़ियों पर लोकेशन भी देख चुके हैं. जहां पर कभी पंचम सिंह का राज चलता था.


Body:आगरा में रुनकता के रेणुकाधाम में आश्रम पर 7 साल से संत भाई पंचम सिंह रह रहे हैं. और लोगों को शांति, अहिंसा और सत्य के प्रवचन देते हैं. सन 1922 में एमपी के भिंड जिला के सिंहपुरा में किसान परिवार में पंचम सिंह चौहान का जन्म हुआ. चौथी तक पढ़ाई की और उनकी 14 साल की उम्र में शादी हो गई. सन 1958 में ग्राम पंचायत के चुनाव में गांव में दो पार्टियों बन गईं. दूसरी पार्टी ने चुनावी रंजिश में पंचम सिंह को इतना पीटा कि वह अधमरा हो गए. पिताजी पंचम सिंह को बैलगाड़ी से हॉस्पिटल ले गए. जहां 20 दिन इलाज चला और उसके बाद पंचम सिंह जब घर लौटे तो फिर उनके साथ मारपीट की गई. इससे आहत होकर पंचम सिंह बीहड़ में डकैतों से जा मिले. एक दिन वह अपने साथ 12 डकैतों को लेकर गांव आए और विरोधी पार्टी के 6 लोगों की हत्या करके चले गए.
पंचम सिंह का डाकू मान सिंह के साथ रहे. फिर डकैत मोहर सिंह, डकैत माधव सिंह, डकैत सरयू मुखिया के साथ भी रहे. और उसके बाद फिर अपना गिरोह बना लिया. सन 1972 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण और गांधीवादी समाजसेवी डॉ. सुब्बाराव के संपर्क में आने पर उन्होंने सरेंडर करने की ठानी. डाकू पंचम सिंह के गिरोह के 200 से ज्यादा सदस्य और डाकू मान सिंह का गिरोह, डाकू मोहर सिंह, डाकू माधो सिंह और डाकू सरयू मुखिया के गिरोह के 556 लोगों ने सरेंडर किया था. उस समय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, डॉ. सुब्बाराव सहित अन्य तमाम लोग गांधी सेवा आश्रम जोरा में उपस्थित थे.

डाकू खूंखार डाकू पंचम सिंह के खिलाफ 100 से ज्यादा हत्या के मुकदमे दर्ज हैं. 200 से ज्यादा अपहरण, डकैती, लूट और अन्य मामले दर्ज थे. यूपी, एमपी और राजस्थान सरकार की ओर से सन् 1970 में डाकू पंचम सिंह चौहान पर एक करोड़ का इनाम घोषित किया गया. सरेंडर करने के बाद डाकू पंचम सिंह जेल में गए और वहां पर ब्रह्मकुमारी आश्रम के लोगों के संपर्क में आने पर उनके हृदय परिवर्तन हुआ. और अब वह भाई पंचम सिंह के नाम से जाने जाते हैं. वह 22 से ज्यादा प्रदेश में यात्राएं कर चुके हैं और जेल तथा स्कूलों में जाकर के शांति अहिंसा और सत्य सहित अन्य तमाम विषयों पर वह लोगों को छात्र-छात्राओं को उपदेश देते हैं.

पंचम सिंह ने बताया कि उनके जीवन पर मुंबई के डायरेक्टर फिल्म बना रहे हैं. इस बारे में डायरेक्टरों ने उनसे संपर्क किया और फिर एफिडेविट पर साइन कराए हैं. अब तक उन्हें डायरेक्टर की ओर से ढ़ाई लाख रुपए दिए जा चुके हैं. पंचम सिंह का कहना है कि चार माह पहले मुंबई से फिल्म के डायरेक्टर उनसे मिलने आए. वे उन्हें डींग के बीहड़, रतनगढ़ माता के मंदिर, रतनगढ़ की पहाड़ियां और उन सभी स्थानों पर ले गए. चार दिन तक उन सभी जगहों पर गए. जहां पर 14 साल तक अपना डाकू जीवन बिताया था. आगामी अक्टूबर में फिल्म की शूटिंग स्टार्ट होगी. इसको लेकर के डायरेक्टर लगातार उनके संपर्क में है. और लोकेशन सहित अन्य तमाम पहलुओं पर भी बातचीत कर रहे हैं.


Conclusion:एक करोड़ के इनामी खूंखार डाकू पंचम सिंह की कहानी पर फिल्म बनाई जा रही है. इसमें पंचम सिंह के बीहड़ में कूदने फिर उसके बाद एक 14 साल तक बीहड़ में अपनी सत्ता चलाने के साथ ही सरेंडर और फिर आध्यात्मिक राजयोगी बनने तक की कहानी को दिखाया जाएगा. कैसे किसान का बेटा बीहड़ में कूदा. उसके खिलाफ एक के बाद एक सौ से ज्यादा हत्या के मुकदमे और 200 से ज्यादा अपहरण, लूट और डकैती के मुकदमे दर्ज हुए. अक्टूबर माह में फिल्म की शूटिंग शुरू होने की उम्मीद है.
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संत बने पंचम सिंह चौहान की बाइट.

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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