आगरा: सरकार किसानों की मदद के लिए कई योजनाएं चलाकर उन्हें फायदा पहुंचाने के दावे कर रही है. लेकिन ये महज औपचारिकता साबित हो रही है. जिसकी बानगी आगरा में देखने को मिली. यहां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों से प्रीमियम वसूलने के बाद भी उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा.
जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों के साथ मजाक हो रहा है. जिले के 1.60 लाख किसान केसीसी कार्ड धारक हैं. उनसे बीमा का प्रीमियम भी वसूला गया लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिला है. जिले में इस साल अभी तक सिर्फ 5300 किसानों को ही पीएम फसल बीमा योजना का लाभ मिला है. जबकि करीब डेढ़ लाख किसानों को 2 अप्रैल 2018 में प्राकृतिक आपदा के रूप में आए तूफान और बवंडर में फसल बर्बाद होने के बाद भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मुआवजा नहीं मिला है. ऐसे में किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. उनकी जेब से पैसा भी चला गया, लेकिन प्राकृतिक आपदा या अन्य वजह से फसल बर्बाद हुई तो उन्हें मरहम के रूप में मुआवजा भी नहीं मिला.
आगरा जिले में करीब 2.15 लाख किसान पंजीकृत हैं. इसमें से 1.60 लाख किसान केसीसी कार्ड धारक हैं. जिनके के खाते से पहले ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का योजना का प्रीमियम कटता है. क्योंकि केसीसी कार्ड धारक किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पात्र होते हैं. इसलिए बैंक द्वारा उनके खाते से फसल बीमा योजना का प्रीमियम काट लिया जाता है. गांव गुतला निवासी किसान मुकेश पाठक ने बताया कि उनकी मां और पिता दोनों ही केसीसी कार्ड धारक हैं. दोनों के खाते से हर साल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रीमियम भी वसूला जाता है. मगर 2 अप्रैल 2018 को आए तूफान में फसल बर्बाद हो गई. जिसका सर्वे भी हुआ फिर भी उन्हें अभी तक मुआवजे के रूप में ₹1 नहीं मिला है.
वहीं जिला कृषि अधिकारी रामप्रवेश ने बताया कि 2 अप्रैल 2018 को आई आपदा में हुए किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे किया गया था और इसकी रिपोर्ट भी बीमा कंपनी को भेजी थी. लेकिन बीमा कंपनी ने यह कहा था कि उन्हें व्यक्तिगत परिवाद मिलने चाहिए थे. अभी शासन स्तर पर बीमा कंपनी के अधिकारियों से बात हुई है. जल्द ही किसानों को 2 अप्रैल को आए तूफान में हुए नुकसान की भरपाई का मुआवजा मिल जाएगा.