प्रयागराज: भले ही किसानों की सुविधा के लिए निर्धारित सरकारी मूल्य पर धान खरीद के लिए क्रय केंद्रों का संचालन किया गया हो, लेकिन अधिकांश क्रय केंद्रों पर बिचौलियों को ही क्रय केंद्र प्रभारी बनाया गया है. इसके कारण किसानों को धान बेचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ ऐसा ही हाल है कौधियारा में खुले धान क्रय केंद्र का, जहां छोटे से कमरे में क्रय केंद्र का संचालन कागजों पर किया जा रहा है. अगर देखा जाए तो इस क्रय केंद्र के अन्तर्गत 15 ग्राम सभाओं के दो हजार किसानों के धान की खरीद होनी है और इस क्रय केन्द्र पर धान खरीद का लक्ष्य सरकार ने चार हजार क्विंटल का दिया है. इसे बाद में बढ़ाया भी जा सकता है, लेकिन कौधियारा कस्बे में खुले इस धान क्रय केन्द्र पर 100 क्विंटल धान की खरीद करने के बाद रखने की भी जगह नहीं है और न ही किसानों के द्वारा ट्रैक्टरों पर धान लादकर लाने के बाद इस क्रय केंद्र पर ट्रैक्टर ही खड़ा होने की जगह है.
कागजों पर ही क्रय केंद्र के संचालन का आरोप
किसान उर्मिलेश शुक्ला ने बताया कि कौधियारा क्रय केंद्र केवल कागजों पर ही संचालित हो रहा था. आज ही इस क्रय केंद्र पर बोर्ड लगाया गया है. तैयार धान बेचने के लिये क्रय केन्द्र पर पहुंचे खपटीहां गांव के किसान अनिल बिन्द ने बताया कि धान क्रय केन्द्र पर वह कई दिनों से चक्कर लगा रहे हैं पर उनका धान नहीं खरीदा जा रहा है, जबकि प्रदेश सरकार के द्वारा 18 अक्टूबर के बाद से ही धान क्रय केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. इस धान क्रय केन्द्र के प्रभारी के द्वारा बताया गया कि अभी तक इस क्रय केन्द्र पर एक क्विंटल धान की खरीद नहीं हुई है, क्योंकि किसान अभी धान बेचने के लिये सेन्टर पर नहीं आ रहे हैं. वहीं मौके पर मौजूद बड़हा गांव के किसान राहुल सिंह ने बताया कि उनके घर में तीन भाइयों के बीच लगभग 400 क्विंटल धान की पैदावार हुई है. वह अपने तैयार धान को बेचने के लिए क्रय केंद्र पर घूम रहे हैं, लेकिन उनके धान की खरीद क्रय केंद्र प्रभारी नहीं कर रहे हैं. वहीं क्रय केंद्रों पर जुगाड़ तंत्र से जुड़े हुए बिचौलिये उनके घर जाकर के 1100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से उनके धान को खरीदने की बात कह रहे हैं. वहीं इस धान क्रय केन्द्र पर तैयार धान बेचने के लिये किसान लगातार चक्कर लगा रहे हैं पर उनके धान की खरीद क्रय केन्द्र प्रभारी नहीं कर रहे हैं. इससे किसान अपना तैयार धान बेचने के लिये परेशान हो रहे हैं.
शिकायत के बावजूद समाधान नहींं
क्रय केन्द्र के बोर्ड पर लिखे जिला विपणन खाद्य अधिकारी और क्षेत्रीय खाद्य विपणन अधिकारियों के लिखे नम्बर बन्द बता रहे हैं. परेशान किसानों ने इस बारे में उच्च अधिकारियों को लिखित और मौखिक शिकायत भी की है, लेकिन इसके बावजूद किसानों के धान की खरीद शुरू नहीं हुई.