मिर्जापुर: जिले में गठबंधन की रैली प्लाफ साबित हुई. अखिलेश की जनसभा में कुर्सियों के अनुरूप भीड़ नहीं पहुंची. सपा-बसपा के कार्यकर्ता निराश दिखे. मायावती की रैली में न आने से बसपा के लोग कम संख्या में पहुंचे. सपा प्रत्याशी और नेताओं द्वारा रैली में की गई व्यवस्था को भी कार्यकर्ता कोसते नजर आए.
खाली कुर्सियों का कारण-
- सपा-बसपा आरएलडी की पहली जनसभा में नहीं जुटी उम्मीद के अनुसार भीड़ खाली दिखी कुर्सियां.
- 50 हजार की क्षमता वाले ग्राउंड में मात्र 10 हजार के करीब जुटा पाए भीड़.
- भीड़ न जुटने कारण भीषण गर्मी कही जा रही है.
- सपा के उम्मीदवार रामचरित्र निषाद के समर्थन में चुनावी जनसभा करने पहुंचे थे.
- अखिलेश यादव और उनके साथ जयंत चौधरी थे मौजूद.
- साथ ही जनपद के तीनों पार्टियों के सपा-बसपा और आरएलडी के नेता को मंच पर रहने के बाद भी नहीं पहुंची भीड़.
- बहुजन समाज पार्टी के मुखिया मायावती के न आने के साथ ही समाजवादी पार्टी में गुटबाजी की वजह से नहीं पहुंची भीड़.
- समाजवादी पार्टी के पूर्व में घोषित प्रत्याशी राजेंद्र एस बिंद भी मंच पर नहीं पहुंचे.
- नामांकन के दिन ही राजेंद्र एस बिंद का टिकट काटकर रामचरित्र निषाद को प्रत्याशी बनाया गया था.
- राजेंद्र एस बिंद के समर्थक नाराज चल रहे हैं.
- समाजवादी पार्टी में गुटबाजी की वजह से ही टिकट काटा गया था.
- तीन-तीन पार्टियों के गठबंधन होने के बावजूद भी भीड़ नहीं पहुंच पाई.
- सपा प्रत्याशी रामचरित्र निषाद से कार्यकर्ताओं का लगाव नहीं दिख रहा है.