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सुल्तानपुर: डीएसओ को कोर्ट ने किया तलब, लाखों रुपये का गेहूं गबन का है आरोप - जिला अधिकारी न्यायालय

सुल्तानपुर में जिला पूर्ति अधिकारी ने ट्रेडिंग कंपनी का लाखों रुपए का अनाज गबन कर गए थे. इस अनाज को जिला पूर्ति अधिकारी उसको औने पौने दामों में बेचकर रकम अपनी जेब में रख लिया था.

जिला सत्र न्यायालय सुल्तानपुर
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Published : Apr 4, 2019, 1:22 PM IST

Updated : Apr 4, 2019, 2:53 PM IST

सुल्तानपुर: जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद जिला पूर्ति अधिकारी ने ट्रेडिंग कंपनी को उसका लाखों रुपए का अनाज नहीं सौंपा. कोर्ट ने ट्रेडिंग कंपनी का अनाज माना और उसे डीएसओ से लेने के लिए आदेश जारी किया, लेकिन अफसरशाही का आलम यह रहा कि, अनाज देना तो दूर जिला पूर्ति अधिकारी उस को औने पौने दामों में बेचकर रकम भी अपनी जेब में रख लिया. ऐसे में पीड़ित ट्रेडिंग कंपनी संचालक न्यायालय पहुंचा और न्याय की गुहार लगाई. मामले को जिला और सत्र न्यायालय में गंभीरता से लिया गया. स्पेशल जज ने जिला पूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद को कटघरे में तलब किया है.

जिला पूर्ति अधिकारी ने ट्रेडिंग कंपनी का लाखों रुपए का अनाज गबन कर गए थे


मामला सुल्तानपुर जिले के चांदा थानाक्षेत्र अंतर्गत प्रतापपुर कमाइचा ब्लॉक से जुड़ा हुआ है. यहां के स्थानीय विवेक ट्रेडर्स गेहूं की खरीद फरोख्त करते हैं. विवेक ट्रेडर्स के प्रोपराइटर विकास कुमार और ओम प्रकाश निवासी कादीपुर खुर्द के यहां आपूर्ति अफसरों ने छापा मारा था. छापे में 237 बोरी गेहूं बरामद किया गया था, इसे अवैध और कालाबाजारी बताते हुए अधिकारियों ने पूरा राशन जप्त कर लिया था.

जिस पर ट्रेडिंग कंपनी के संचालक जिला अधिकारी न्यायालय पहुंचे, जिसमें 10 मार्च 2006 को जिलाधिकारी का आदेश आया था, कि पूरा अनाज ट्रेडिंग कंपनी को सौंप दिया जाए. सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश ने लगभग 1,48000 रुपये के गेहूं की कीमत के बारे में पड़ताल की, तो पता चला कि यह रकम आपूर्ति विभाग ने अपने पास रख ली है. जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए जिला पूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद को 4 अप्रैल के लिए कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. जिला पूर्ति अधिकारी के तलब होने से ट्रेडिंग कंपनी संचालकों में हर्ष है.

सुल्तानपुर: जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद जिला पूर्ति अधिकारी ने ट्रेडिंग कंपनी को उसका लाखों रुपए का अनाज नहीं सौंपा. कोर्ट ने ट्रेडिंग कंपनी का अनाज माना और उसे डीएसओ से लेने के लिए आदेश जारी किया, लेकिन अफसरशाही का आलम यह रहा कि, अनाज देना तो दूर जिला पूर्ति अधिकारी उस को औने पौने दामों में बेचकर रकम भी अपनी जेब में रख लिया. ऐसे में पीड़ित ट्रेडिंग कंपनी संचालक न्यायालय पहुंचा और न्याय की गुहार लगाई. मामले को जिला और सत्र न्यायालय में गंभीरता से लिया गया. स्पेशल जज ने जिला पूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद को कटघरे में तलब किया है.

जिला पूर्ति अधिकारी ने ट्रेडिंग कंपनी का लाखों रुपए का अनाज गबन कर गए थे


मामला सुल्तानपुर जिले के चांदा थानाक्षेत्र अंतर्गत प्रतापपुर कमाइचा ब्लॉक से जुड़ा हुआ है. यहां के स्थानीय विवेक ट्रेडर्स गेहूं की खरीद फरोख्त करते हैं. विवेक ट्रेडर्स के प्रोपराइटर विकास कुमार और ओम प्रकाश निवासी कादीपुर खुर्द के यहां आपूर्ति अफसरों ने छापा मारा था. छापे में 237 बोरी गेहूं बरामद किया गया था, इसे अवैध और कालाबाजारी बताते हुए अधिकारियों ने पूरा राशन जप्त कर लिया था.

जिस पर ट्रेडिंग कंपनी के संचालक जिला अधिकारी न्यायालय पहुंचे, जिसमें 10 मार्च 2006 को जिलाधिकारी का आदेश आया था, कि पूरा अनाज ट्रेडिंग कंपनी को सौंप दिया जाए. सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश ने लगभग 1,48000 रुपये के गेहूं की कीमत के बारे में पड़ताल की, तो पता चला कि यह रकम आपूर्ति विभाग ने अपने पास रख ली है. जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए जिला पूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद को 4 अप्रैल के लिए कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. जिला पूर्ति अधिकारी के तलब होने से ट्रेडिंग कंपनी संचालकों में हर्ष है.

Intro:शीर्षक - डीएम आदेश को झूठा दर्शा बेच डाला कंपनी का लाखों का अनाज, डीएसओ कटघरे में तलब।


जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद जिला पूर्ति अधिकारी ने ट्रेडिंग कंपनी को उसका लाखों रुपए का अनाज नहीं सौंपा कोर्ट ने ट्रेडिंग कंपनी का अनाज माना और उसे डीएसओ से लेने के लिए आदेश जारी किया लेकिन अफसरशाही का आलम यह रहा कि अनाज देना तो दूर जिला पूर्ति अधिकारी उस को औने पौने दामों में बेच डाले और बेची गई रकम भी जेब में रख लिया ऐसे में पीड़ित ट्रेडिंग कंपनी संचालक न्यायालय पहुंचा और न्याय की गुहार लगाई मामले को जिला एवं सत्र न्यायालय में गंभीरता से लिया गया स्पेशल जज ने जिला पूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद को कटघरे में तलब किया है।


Body:मामला सुल्तानपुर जिले के चांदा थानाक्षेत्र अंतर्गत प्रतापपुर कमाइचा ब्लॉक से जुड़ा हुआ है। यहां के स्थानीय विवेक ट्रेडर्स गेहूं की खरीद फरोख्त करते हैं। वह गेहूं के बड़े व्यापारी बताए जाते हैं । विवेक ट्रेडर्स के प्रोपराइटर विकास कुमार और ओम प्रकाश निवासी कादीपुर खुर्द के यहां आपूर्ति अफसरों ने छापा मारा था। छापे में 237 बोरी गेहूं को बरामद किया गया था। इसे अवैध और कालाबाजारी की श्रेणी देते हुए पूरा राशन जप्त कर लिया गया था । जिस पर ट्रेडिंग कंपनी के संचालक जिला अधिकारी न्यायालय पहुंचे और 10 मार्च 2006 को यह आदेश दिया गया। जिलाधिकारी का आदेश आया कि पूरा अनाज ट्रेडिंग कंपनी को सौंप दिया जाए। स्पेशल जज ईसी एक्ट की कोर्ट में भी पूरे मामले को रखा गया। सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश ने लगभग ₹1,48000 के गेहूं की कीमत के बारे में पड़ताल की तो पता चला कि यह रकम आपूर्ति विभाग ने अपने पास रख ली है। गेहूं भी पीड़ित ट्रेडिंग कंपनी को नहीं सौंपा है। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए जिला पूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद को 4 अप्रैल के लिए कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। जिला पूर्ति अधिकारी के तलब.होने से ट्रेडिंग कंपनी संचालकों में हर्ष है । वही अफसरों की पेशगी बढ़ गई है । कोर्ट में क्या जवाब दिया जाएगा, इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है।।


Conclusion:वॉइस ओवर - अमूमन आपूर्ति विभाग छापामारी में जो राशन पकड़ता है। उसे कालाबाजारी दिखाकर और अपना हक जमाने लगता है । कुछ इसी तरह का कारनामा प्रतापपुर कमैचा में देखा गया। जहां राशन तो ट्रेडिंग कंपनी था। लेकिन अफसरों ने उस पर अफसरशाही दिखाते हुए अपने हक में ले लिया। स्थिति और भी विकराल तब हो गई जब पूरा माल बेच दिया गया और उसकी रकम भी जेब में रख ली गई। न्यायाधीश ने इसी मामले को संज्ञान में लिया है। इसे घोर अनियमितता मानते हुए जिला पूर्ति अधिकारी को पत्रावलियों समेत तलब किया गया है।
Last Updated : Apr 4, 2019, 2:53 PM IST
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