सुल्तानपुर: जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद जिला पूर्ति अधिकारी ने ट्रेडिंग कंपनी को उसका लाखों रुपए का अनाज नहीं सौंपा. कोर्ट ने ट्रेडिंग कंपनी का अनाज माना और उसे डीएसओ से लेने के लिए आदेश जारी किया, लेकिन अफसरशाही का आलम यह रहा कि, अनाज देना तो दूर जिला पूर्ति अधिकारी उस को औने पौने दामों में बेचकर रकम भी अपनी जेब में रख लिया. ऐसे में पीड़ित ट्रेडिंग कंपनी संचालक न्यायालय पहुंचा और न्याय की गुहार लगाई. मामले को जिला और सत्र न्यायालय में गंभीरता से लिया गया. स्पेशल जज ने जिला पूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद को कटघरे में तलब किया है.
मामला सुल्तानपुर जिले के चांदा थानाक्षेत्र अंतर्गत प्रतापपुर कमाइचा ब्लॉक से जुड़ा हुआ है. यहां के स्थानीय विवेक ट्रेडर्स गेहूं की खरीद फरोख्त करते हैं. विवेक ट्रेडर्स के प्रोपराइटर विकास कुमार और ओम प्रकाश निवासी कादीपुर खुर्द के यहां आपूर्ति अफसरों ने छापा मारा था. छापे में 237 बोरी गेहूं बरामद किया गया था, इसे अवैध और कालाबाजारी बताते हुए अधिकारियों ने पूरा राशन जप्त कर लिया था.
जिस पर ट्रेडिंग कंपनी के संचालक जिला अधिकारी न्यायालय पहुंचे, जिसमें 10 मार्च 2006 को जिलाधिकारी का आदेश आया था, कि पूरा अनाज ट्रेडिंग कंपनी को सौंप दिया जाए. सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश ने लगभग 1,48000 रुपये के गेहूं की कीमत के बारे में पड़ताल की, तो पता चला कि यह रकम आपूर्ति विभाग ने अपने पास रख ली है. जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए जिला पूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद को 4 अप्रैल के लिए कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. जिला पूर्ति अधिकारी के तलब होने से ट्रेडिंग कंपनी संचालकों में हर्ष है.