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वाराणसी: डॉक्टर की जगह बाहरी लोग लिख रहे दवाएं, अधिकारियों ने रंगे हाथों पकड़ा

सरकारी अस्पतालों में मरीजों और परिजनों के साथ किस तरह खिलवाड़ हो रहा है इसकी बानगी वाराणसी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में देखने को मिली. वाराणसी पहुंचे प्रमुख सचिव चिकित्सा डॉ. पंकज कुमार जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे.

जिला अस्पताल में जांच..
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Published : Jun 21, 2019, 4:38 PM IST

Updated : Jun 21, 2019, 5:11 PM IST

वाराणसी: पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में शुक्रवार को प्रमुख सचिव चिकित्सा डॉक्टर पंकज कुमार और जिला अधिकारी वाराणसी सुरेंद्र सिंह औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे. दोनों अधिकारियों के यहां आने पर हड़कंप मच गया. अधिकारियों ने डॉक्टरों के कमरों की तलाशी शुरू की और बाहर बैठे मरीजों से अस्पताल में मिलने वाली दवाओं को लेकर जानकारी हासिल की.

दोषी डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई.
  • कुछ मरीजों ने डॉक्टरों की तरफ से बाहर से दवाई लिखे जाने की शिकायत की.
  • इसके बाद मरीजों के साथ डीएम और सचिव सीधे उन डॉक्टरों के कमरे में पहुंचे, जिन्होंने बाहरी दवाई लिखी थी.
  • इस दौरान चौंकाने वाली बात यह दिखी कि इन डॉक्टरों के केबिन में बाहरी व्यक्ति बैठकर डॉक्टर की जगह खुद दवाई लिख रहा था.
  • जिलाधिकारी के निर्देश पर अस्पताल में दो अलग-अलग डॉक्टरों के केबिन से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया.
  • यह दोनों बाहरी व्यक्ति मेडिकल स्टोर से गठजोड़ कर डॉक्टर को फायदा पहुंचाने के लिए उनके केबिन में बैठकर बाहरी दवाएं लिख रहे थे.
  • फिलहाल इस पूरे मामले में दोषी डॉक्टरों के साथ जिला अस्पताल के सीएमएस पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

जिलाधिकारी वाराणसी ने बताया कि यह बहुत गंभीर मामला है कि जिला अस्पताल के डॉक्टरों के केबिन में बाहरी व्यक्ति बैठकर डॉक्टरों को फायदा पहुंचाने के लिए मरीजों और उनके परिजनों की जेब पर डाका डाल रहे हैं. इस वजह से इन दो व्यक्तियों को तो गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही उन डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

सीएमएस से पूछताछ में उन्होंने स्वीकार कर लिया है कि बाहर की दवाएं डॉक्टर जिला अस्पताल में बैठकर लिखते हैं, जिसकी वजह से सीएमएस पर भी कार्रवाई की जा रही है. जिलाधिकारी ने कहा है कि यह जिम्मेदारी सीएमएस की थी, लेकिन उन्होंने जानकारी होने के बाद भी न ही इस संदर्भ में जिला अधिकारी या अन्य किसी को सूचना दी. इसलिए उनके और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की.

वहीं इस मामले में जिन मरीजों के परिजनों ने बताया कि सिलेक्टेड दवा की दुकानों पर ही दवा लेने जाने के लिए कहते थे. सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि अस्पताल के सरकारी पर्चे पर ही बाहर की दवाएं लिखने का काम कई दिनों से चल रहा था. इतना ही नहीं जिस दवा की दुकान पर जाने के लिए डॉक्टर कहा करते थे, वह दवाएं सिर्फ उसी दवा की दुकान पर मिलती थी. फिलहाल सरकारी अस्पताल में दवा के दुकानदारों और डॉक्टरों के बीच चल रहे इस बड़े खेल का पर्दाफाश हुआ है. इसके बाद इस गोरखधंधे से जुड़े और लोगों के सामने आने की भी संभावना है.

वाराणसी: पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में शुक्रवार को प्रमुख सचिव चिकित्सा डॉक्टर पंकज कुमार और जिला अधिकारी वाराणसी सुरेंद्र सिंह औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे. दोनों अधिकारियों के यहां आने पर हड़कंप मच गया. अधिकारियों ने डॉक्टरों के कमरों की तलाशी शुरू की और बाहर बैठे मरीजों से अस्पताल में मिलने वाली दवाओं को लेकर जानकारी हासिल की.

दोषी डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई.
  • कुछ मरीजों ने डॉक्टरों की तरफ से बाहर से दवाई लिखे जाने की शिकायत की.
  • इसके बाद मरीजों के साथ डीएम और सचिव सीधे उन डॉक्टरों के कमरे में पहुंचे, जिन्होंने बाहरी दवाई लिखी थी.
  • इस दौरान चौंकाने वाली बात यह दिखी कि इन डॉक्टरों के केबिन में बाहरी व्यक्ति बैठकर डॉक्टर की जगह खुद दवाई लिख रहा था.
  • जिलाधिकारी के निर्देश पर अस्पताल में दो अलग-अलग डॉक्टरों के केबिन से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया.
  • यह दोनों बाहरी व्यक्ति मेडिकल स्टोर से गठजोड़ कर डॉक्टर को फायदा पहुंचाने के लिए उनके केबिन में बैठकर बाहरी दवाएं लिख रहे थे.
  • फिलहाल इस पूरे मामले में दोषी डॉक्टरों के साथ जिला अस्पताल के सीएमएस पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

जिलाधिकारी वाराणसी ने बताया कि यह बहुत गंभीर मामला है कि जिला अस्पताल के डॉक्टरों के केबिन में बाहरी व्यक्ति बैठकर डॉक्टरों को फायदा पहुंचाने के लिए मरीजों और उनके परिजनों की जेब पर डाका डाल रहे हैं. इस वजह से इन दो व्यक्तियों को तो गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही उन डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

सीएमएस से पूछताछ में उन्होंने स्वीकार कर लिया है कि बाहर की दवाएं डॉक्टर जिला अस्पताल में बैठकर लिखते हैं, जिसकी वजह से सीएमएस पर भी कार्रवाई की जा रही है. जिलाधिकारी ने कहा है कि यह जिम्मेदारी सीएमएस की थी, लेकिन उन्होंने जानकारी होने के बाद भी न ही इस संदर्भ में जिला अधिकारी या अन्य किसी को सूचना दी. इसलिए उनके और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की.

वहीं इस मामले में जिन मरीजों के परिजनों ने बताया कि सिलेक्टेड दवा की दुकानों पर ही दवा लेने जाने के लिए कहते थे. सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि अस्पताल के सरकारी पर्चे पर ही बाहर की दवाएं लिखने का काम कई दिनों से चल रहा था. इतना ही नहीं जिस दवा की दुकान पर जाने के लिए डॉक्टर कहा करते थे, वह दवाएं सिर्फ उसी दवा की दुकान पर मिलती थी. फिलहाल सरकारी अस्पताल में दवा के दुकानदारों और डॉक्टरों के बीच चल रहे इस बड़े खेल का पर्दाफाश हुआ है. इसके बाद इस गोरखधंधे से जुड़े और लोगों के सामने आने की भी संभावना है.

Intro:वाराणसी: सरकारी अस्पतालों में अपने फायदे के लिए मरीजों और उनके परिजनों के साथ किस तरह खिलवाड़ हो रहा है इसकी बानगी आज वाराणसी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में देखने को मिली. यहां प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा और जिला अधिकारी वाराणसी सुरेंद्र सिंह और चक निरीक्षण के लिए पहुंचे दोनों अधिकारियों के यहां पर आने के बाद हड़कंप मच गया. अचानक से अधिकारियों ने एक के बाद एक डॉक्टरों के कमरों की तलाशी शुरू की और बाहर बैठे मरीजों से अस्पताल में मिलने वाली दवाओं को लेकर जानकारी हासिल की इस दौरान कुछ मरीजों ने डॉक्टरों की तरफ से बाहर से दवाई लिखे जाने की शिकायत की जिसके बाद मरीजों के साथ डीएम और सचिव ने सीधे उन डॉक्टरों की केबिन में रेट डाली जिन डॉक्टरों ने बाहरी दवाई लिखी थी सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन डॉक्टरों के केबिन में बाहरी व्यक्ति बैठकर डॉक्टर की जगह खुद दवाई लिख रहा था जिसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर अस्पताल में दो अलग-अलग डॉक्टरों के केबिन से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह दोनों बाहरी व्यक्ति मेडिकल स्टोर से गठजोड़ कर डॉक्टर को फायदा पहुंचाने के लिए उनके केबिन में बैठकर बाहरी दवाएं लिख रहे थे फिलहाल इस पूरे मामले में दोषी डॉक्टरों के साथ जिला अस्पताल के सीएमएस पर भी कार्यवाही की तैयारी की जा रही है.


Body:वीओ-01 दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त तेवर के बाद अब प्रदेश के आला अधिकारी खुद जिलों में पहुंचकर निरीक्षण और अचर जांच कर रहे हैं इस क्रम में आज सचिव चिकित्सा डॉक्टर पंकज कुमार वाराणसी पहुंचे यहां आने के बाद जिलाधिकारी वाराणसी सुरेंद्र सिंह मुख्य विकास अधिकारी गौरांग राठी और कैंट पुलिस के साथ सचिव व जिलाधिकारी ने अचानक से जिला अस्पताल में छापेमारी शुरू कर दी यहां अधिकारियों और पुलिस के पहुंचने के बाद मौजूद दलाल भागते नजर आए. सबसे बड़ी बात यह है कि अस्पताल में जिलाधिकारी ने सीधे मरीजों से बाहरी दवाई लिखे जाने के बाबत जानकारी हासिल की और 2 डॉक्टरों के केबिन में पहुंचकर उनके केबिन में बैठकर बाहरी दवाएं लिख रहे दो बाहर के व्यक्तियों को भी पकड़ा है. जिलाधिकारी वाराणसी ने बताया कि यह बहुत गंभीर मामला है कि जिला अस्पताल के डॉक्टरों के केबिन में बाहरी व्यक्ति बैठकर मेडिकल स्टोर संचालित करते हुए या मेडिकल स्टोर के साथ गठजोड़ करके डॉक्टरों को फायदा पहुंचाने के लिए मरीजों और उनके परिजनों की जेब पर डाका डाल रहे हैं. इस वजह से इन दो व्यक्तियों को तो गिरफ्तार कर लिया गया साथ ही उन डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है जिनके केबिन में बैठकर के बाहरी दवाई लिख रहे थे इसके साथ ही सीएमएस से पूछताछ में उन्होंने स्वीकार कर लिया है कि बाहर की दवाएं डॉक्टर जिला अस्पताल में बैठकर लिखते हैं जिसकी वजह से सीएमएस पर भी कार्रवाई की जा रही है. जिलाधिकारी ने कहा है कि यह जिम्मेदारी सीएमएस की थी लेकिन उन्होंने जानकारी होने के बाद भी ना ही इस संदर्भ में जिला अधिकारी या अन्य किसी को सूचना दी इसे रोकने का प्रयास किया इसलिए उनके और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की.

बाईट- सुरेन्द्र कुमार सिंह, जिलाधिकारी


Conclusion:वीओ-02 वहीं इस मामले में जिन मरीजों के परिजनों ने जिलाधिकारी को बाहर की दवाई लिखे जाने के बाबत सूचना दी थी उन लोगों ने बताया कि डॉकर कुछ सिलेक्टेड दवा की दुकानों पर ही दवा लेने जाने के लिए कहते थे सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि अस्पताल के सरकारी पर्चे पर ही बाहर की दवाएं लिखने का काम कई दिनों से चल रहा था. इतना ही नहीं जिस दवा की दुकान पर जाने के लिए डॉक्टर कहा करते थे वह दवाएं सिर्फ उसी दवा की दुकान पर मिलती थी और पैसे कम होने या अन्य किसी भी शिकायत पर जब तक डॉक्टर परिचय पर लिखित रूप से चीजें नहीं देते थे तब तक दवा की दुकान दार दवाओं को ना वापस करते थे और ना ही अन्य कोई काम करते थे फिलहाल सरकारी अस्पताल में दवा के दुकानदारों और डॉक्टरों के बीच चल रहे इस बड़े खेल का पर्दाफाश आज वाराणसी में हुआ है जिसके बाद इस गोरखधंधे से जुड़े और लोगों के सामने आने की भी संभावना है.

बाईट- रविन्द्र कुमार, मरीज के परिजन
Last Updated : Jun 21, 2019, 5:11 PM IST
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