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बलरामपुर : डायलिसिस सेंटर शुरू, मरीजों को मिल रही बेहतर सुविधा

संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में डायलिसिस सेंटर की शुरुआत होने से मरीजों को काफी सुविधा हो गई है. अब मरीजों को डायलिसिस के लिए जिले से बाहर नहीं जाना पड़ रहा है.

संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में डायलिसिस सेंटर शुरुआत होने से मरीजों को काफी सुविधा हो गई है.
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Published : May 30, 2019, 12:05 PM IST

बलरामपुर : जिले के संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में डायलिसिस सेंटर की शुरुआत की गई है. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत उत्तर प्रदेश सरकार के इनिशिएटिव द्वारा चलाए जा रहे इस प्रोजेक्ट में अभी जिले में चार डायलिसिस मशीनें काम कर रही हैं. बता दें बलरामपुर जिला सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में अतिमहत्वाकांक्षी जिलों में शामिल है. यहां पर विकास की उन तमाम संभावनाओं पर लगातार काम किया जा रहा है, जिसके जरिए आम जनमानस की जिंदगी में बदलाव लाया जा सके और उन्हें बेहतर सुविधा दी जा सके.

संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में डायलिसिस सेंटर शुरू.

स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की कोशिश
जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं. साथ ही जिले के स्वास्थ्य इंडेक्स को सुधारा जा सके और लोगों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें इसके लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में शुरू हुआ डायलिसिस सेंटर
बलरामपुर जिले में नीति आयोग की देख-रेख के तहत तमाम सुविधाओं को बढ़ाने का काम गांव से लेकर शहरों तक किया जा रहा है. इसी के तहत बलरामपुर जिला मुख्यालय के उतरौला रोड पर स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एक डायलिसिस सेंटर की शुरुआत की गई है. ईएसकेएजी संजीवनी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय के सहयोग से जिले में शुरू किए गए इस डायलिसिस सेंटर के जरिए अब तक 130 मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल चुका है.

हीमोडायलिसिस की सुविधा है उपलब्ध
डायलिसिस सेंटर में हीमोडायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. हीमोडायलिसिस की प्रक्रिया उन मरीजों के साथ की जाती है, जिन मरीजों की किडनी या तो आंशिक रूप से खराब है या पूरी तरह से खराब हो चुकी है. अब तक कुल 130 मरीजों ने इस डायलिसिस सेंटर पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है.

मरीजों और तीमारदारों में खुशी
अपने पति की डायलिसिस करवा रही मालती देवी का कहना है कि पहले डायलिसिस के लिए हमें लखनऊ जाना पड़ता था. इसमें कम से कम पांच से सात हजार रुपये का खर्चा होता था और दिन भर इलाज के लिए दौड़ना होता था. अब यहां पर यह सुविधा उपलब्ध हो जाने के कारण हमें काफी सहूलियत मिल रही है.

इस क्षेत्र में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध हो जाने से मरीजों को काफी सहूलियत मिली है. यहां पर एक महीने के भीतर ही हीमोडायलिसिस के लिए 130 मरीजों ने अपना नामांकन करवाया है. तेजी से मरीज इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. इसको देखते हुए यह तय किया है कि जल्द से जल्द मशीनों की संख्या को बढ़ा दिया जाए. हम जल्द ही दो और मशीनों को इंस्टॉल करने जा रहे हैं.

-डॉ. एपी मिश्रा, प्रभारी सीएमएस संयुक्त जिला चिकित्सालय

बलरामपुर : जिले के संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में डायलिसिस सेंटर की शुरुआत की गई है. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत उत्तर प्रदेश सरकार के इनिशिएटिव द्वारा चलाए जा रहे इस प्रोजेक्ट में अभी जिले में चार डायलिसिस मशीनें काम कर रही हैं. बता दें बलरामपुर जिला सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में अतिमहत्वाकांक्षी जिलों में शामिल है. यहां पर विकास की उन तमाम संभावनाओं पर लगातार काम किया जा रहा है, जिसके जरिए आम जनमानस की जिंदगी में बदलाव लाया जा सके और उन्हें बेहतर सुविधा दी जा सके.

संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में डायलिसिस सेंटर शुरू.

स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की कोशिश
जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं. साथ ही जिले के स्वास्थ्य इंडेक्स को सुधारा जा सके और लोगों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें इसके लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में शुरू हुआ डायलिसिस सेंटर
बलरामपुर जिले में नीति आयोग की देख-रेख के तहत तमाम सुविधाओं को बढ़ाने का काम गांव से लेकर शहरों तक किया जा रहा है. इसी के तहत बलरामपुर जिला मुख्यालय के उतरौला रोड पर स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एक डायलिसिस सेंटर की शुरुआत की गई है. ईएसकेएजी संजीवनी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय के सहयोग से जिले में शुरू किए गए इस डायलिसिस सेंटर के जरिए अब तक 130 मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल चुका है.

हीमोडायलिसिस की सुविधा है उपलब्ध
डायलिसिस सेंटर में हीमोडायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. हीमोडायलिसिस की प्रक्रिया उन मरीजों के साथ की जाती है, जिन मरीजों की किडनी या तो आंशिक रूप से खराब है या पूरी तरह से खराब हो चुकी है. अब तक कुल 130 मरीजों ने इस डायलिसिस सेंटर पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है.

मरीजों और तीमारदारों में खुशी
अपने पति की डायलिसिस करवा रही मालती देवी का कहना है कि पहले डायलिसिस के लिए हमें लखनऊ जाना पड़ता था. इसमें कम से कम पांच से सात हजार रुपये का खर्चा होता था और दिन भर इलाज के लिए दौड़ना होता था. अब यहां पर यह सुविधा उपलब्ध हो जाने के कारण हमें काफी सहूलियत मिल रही है.

इस क्षेत्र में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध हो जाने से मरीजों को काफी सहूलियत मिली है. यहां पर एक महीने के भीतर ही हीमोडायलिसिस के लिए 130 मरीजों ने अपना नामांकन करवाया है. तेजी से मरीज इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. इसको देखते हुए यह तय किया है कि जल्द से जल्द मशीनों की संख्या को बढ़ा दिया जाए. हम जल्द ही दो और मशीनों को इंस्टॉल करने जा रहे हैं.

-डॉ. एपी मिश्रा, प्रभारी सीएमएस संयुक्त जिला चिकित्सालय

Intro:बलरामपुर जिला सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में अतिमहत्वकाक्षी जिलों में शामिल है। यहां पर विकास की उन तमाम संभावनाओं पर लगातार काम किया जा रहा है। जिसके जरिए आम जनमानस की जिंदगी में बदलाव लाने का काम किया जा रहा है।
बलरामपुर जिले के संयुक्त चिकित्सालय परिसर के अंदर अभी 25 अप्रैल को एक डायलिसिस सेंटर की शुरुआत की गई है प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के तहत उत्तर प्रदेश सरकार के इनिशिएटिव द्वारा चलाए जा रहे इस प्रोजेक्ट में अभी जिले में चार डायलिसिस मशीनें काम कर रही हैं।


Body:बलरामपुर जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए लगातार तमाम कोशिशें की जा रही है। इसके तहत बलरामपुर जिले की स्वास्थ्य इंडेक्स को सुधारा जा सके और लोगों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके। बलरामपुर जिले में नीति आयोग विशेष देखरेख के तहत तमाम शास्त्र सुविधाओं को बढ़ाने का काम गांव से लेकर शहरों तक ने किया जा रहा है। इसी के तहत बलरामपुर जिला मुख्यालय के उतरौला रोड पर स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एक डायलिसिस सेंटर की शुरुआत की गई है। ईएसकेएजी संजीवनी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय के सहयोग से बलरामपुर जिले में शुरू किए गए इस डायलिसिस सेंटर के जरिए अब तक 130 मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल चुका है।
यहां पर स्थापित डायलिसिस सेंटर में हीमोडायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। हीमोडायलिसिस की प्रक्रिया उन मरीजों के साथ की जाती है जिन मरीजों की किडनी या तो आंशिक रूप से खराब है या पूरी तरह से खराब हो चुकी है। अब तक कुल डेढ़ सौ मरीजों ने इस डायलिसिस सेंटर पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। जिन्हें हफ्ते में कम से कम एक या दो बार डायलिसिस के लिए यहां पर आना होता है।


Conclusion:अपने पति का डायलिसिस करवा रही मालती देवी ने हमसे बात करते हुए कहा कि पहले डायलिसिस के लिए हमें लखनऊ की यात्रा करनी पड़ती थी जिसमें पांच से सात हजार रुपए का खर्चा होता था और दिन भर इलाज के लिए दौड़ना होता था। लेकिन अब यहां पर यह सुविधा उपलब्ध हो जाने के कारण हमें काफी सहूलियत मिल रही है।
वह कहती हैं कि हमारे यहां कोई देखरेख करने वाला नहीं है मेरे बच्चे छोटे-छोटे हैं। अब मैं अकेली चली आती हूं और अपने पति का डायलिसिस करवा के लिए जाती हूं। वह कहती हैं कि यहां पर सभी तरह की दवाइयां जो डायलिसिस से जुड़ी हैं वह मुफ्त में दी जाती हैं। जबकि डॉक्टर्स के प्रिस्क्रिप्शन के अनुसार जो दवाइयां मेरे पति को इंजेक्शन के रूप में दी जानी होती है, वह मैं खरीद कर लाती हूं।
बलरामपुर संयुक्त चिकित्सालय के प्रभारी सीएमएस डॉ एपी मिश्रा ईटीवी से बात करते हुए कहते हैं कि इस क्षेत्र में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध हो जाने से मरीजों को काफी सहूलियत मिली है। यहां पर 1 महीने के भीतर ही हीमोडायलिसिस के लिए 130 मरीजों ने अपना नामांकन करवाया है। तेजी से मरीज इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। इसलिए हमने भी यह तय किया है कि जल्द से जल्द मशीनों की संख्या को बढ़ा दिया जाए। हम जल्द ही दो और मशीनों को इंस्टॉल करने जा रहे हैं, जिसके जरिए लोगों को तेजी से यह सुविधा मिल सकेगी और डेट न मिलने की समस्या कम होगी।
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