बलरामपुर : जिले के संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में डायलिसिस सेंटर की शुरुआत की गई है. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत उत्तर प्रदेश सरकार के इनिशिएटिव द्वारा चलाए जा रहे इस प्रोजेक्ट में अभी जिले में चार डायलिसिस मशीनें काम कर रही हैं. बता दें बलरामपुर जिला सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में अतिमहत्वाकांक्षी जिलों में शामिल है. यहां पर विकास की उन तमाम संभावनाओं पर लगातार काम किया जा रहा है, जिसके जरिए आम जनमानस की जिंदगी में बदलाव लाया जा सके और उन्हें बेहतर सुविधा दी जा सके.
स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की कोशिश
जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं. साथ ही जिले के स्वास्थ्य इंडेक्स को सुधारा जा सके और लोगों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें इसके लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में शुरू हुआ डायलिसिस सेंटर
बलरामपुर जिले में नीति आयोग की देख-रेख के तहत तमाम सुविधाओं को बढ़ाने का काम गांव से लेकर शहरों तक किया जा रहा है. इसी के तहत बलरामपुर जिला मुख्यालय के उतरौला रोड पर स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एक डायलिसिस सेंटर की शुरुआत की गई है. ईएसकेएजी संजीवनी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय के सहयोग से जिले में शुरू किए गए इस डायलिसिस सेंटर के जरिए अब तक 130 मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल चुका है.
हीमोडायलिसिस की सुविधा है उपलब्ध
डायलिसिस सेंटर में हीमोडायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. हीमोडायलिसिस की प्रक्रिया उन मरीजों के साथ की जाती है, जिन मरीजों की किडनी या तो आंशिक रूप से खराब है या पूरी तरह से खराब हो चुकी है. अब तक कुल 130 मरीजों ने इस डायलिसिस सेंटर पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है.
मरीजों और तीमारदारों में खुशी
अपने पति की डायलिसिस करवा रही मालती देवी का कहना है कि पहले डायलिसिस के लिए हमें लखनऊ जाना पड़ता था. इसमें कम से कम पांच से सात हजार रुपये का खर्चा होता था और दिन भर इलाज के लिए दौड़ना होता था. अब यहां पर यह सुविधा उपलब्ध हो जाने के कारण हमें काफी सहूलियत मिल रही है.
इस क्षेत्र में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध हो जाने से मरीजों को काफी सहूलियत मिली है. यहां पर एक महीने के भीतर ही हीमोडायलिसिस के लिए 130 मरीजों ने अपना नामांकन करवाया है. तेजी से मरीज इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. इसको देखते हुए यह तय किया है कि जल्द से जल्द मशीनों की संख्या को बढ़ा दिया जाए. हम जल्द ही दो और मशीनों को इंस्टॉल करने जा रहे हैं.
-डॉ. एपी मिश्रा, प्रभारी सीएमएस संयुक्त जिला चिकित्सालय