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विंध्याचल में उमड़ी भक्तों की भीड़, मां कुष्मांडा की पूजा की

मिर्जापुर के विंध्याचल में जगत जननी मां विंध्यवासिनी के धाम में नवरात्रि के चौथे दिन भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. भक्तों ने देवी स्वरूप मां कुष्मांडा की विधिवत पूजा-अर्चना की.

विंध्यवासिनी धाम
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Published : Apr 9, 2019, 8:49 AM IST

मिर्जापुर : विंध्याचल धाम में नवरात्रि के चौथे दिन भी आधी रात से ही भक्तों का ताता लगा हुआ है. मां की मंगला आरती के बाद से श्रद्धालु मां के दर्शन-पूजन कर रहे हैं. विश्व प्रसिद्ध जगत जननी मां विंध्यवासिनी के धाम में नवरात्रि के चौथे दिन देवी स्वरूप मां कुष्मांडा की विधिवत पूजा की गई. सुबह भोर में मां की मंगला आरती के बाद माता के दर्शन पाकर भक्त निहाल हो उठे.

भक्तों ने की मां कुष्मांडा की पूजा.

नवरात्रि के चौथे दिन देवी के स्वरूप कुष्मांडा की उपासना की जाती है. मां कुष्मांडा की उपासना से आयु, यश, बल और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है. ऐसी मान्यता है कि जब सृष्टि नहीं थी चारों ओर अंधकार ही अंधकार व्याप्त था. तब इन्हीं देवी ने अपने हाथ से ब्रह्मांड की रचना की थी. इनकी आठ भुजाएं हैं. इनके हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल, पुष्प, अमृतपूर्ण, कलश चक्र और गदा है.

माता के आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है. इनका वाहन सिंह है. विंध्य धाम के पुजारी मां कुष्मांडा की महिमा का बखान करते हैं कि मां सृष्टि की देवी हैं. जगत का सृजन मां ने ही किया है.

वैसे तो विंध्याचल धाम में हर दिन मां के दर्शन के लिए सैकड़ों लोग आते हैं, लेकिन नवरात्रि का महत्व अलग ही होता है. नवरात्रि मेले में 9 दिन के अंदर 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आते हैं. भक्तों का कहना है कि मां के दर्शन करने से हम लोगों की मनोकामना पूर्ण होती है.

मिर्जापुर : विंध्याचल धाम में नवरात्रि के चौथे दिन भी आधी रात से ही भक्तों का ताता लगा हुआ है. मां की मंगला आरती के बाद से श्रद्धालु मां के दर्शन-पूजन कर रहे हैं. विश्व प्रसिद्ध जगत जननी मां विंध्यवासिनी के धाम में नवरात्रि के चौथे दिन देवी स्वरूप मां कुष्मांडा की विधिवत पूजा की गई. सुबह भोर में मां की मंगला आरती के बाद माता के दर्शन पाकर भक्त निहाल हो उठे.

भक्तों ने की मां कुष्मांडा की पूजा.

नवरात्रि के चौथे दिन देवी के स्वरूप कुष्मांडा की उपासना की जाती है. मां कुष्मांडा की उपासना से आयु, यश, बल और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है. ऐसी मान्यता है कि जब सृष्टि नहीं थी चारों ओर अंधकार ही अंधकार व्याप्त था. तब इन्हीं देवी ने अपने हाथ से ब्रह्मांड की रचना की थी. इनकी आठ भुजाएं हैं. इनके हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल, पुष्प, अमृतपूर्ण, कलश चक्र और गदा है.

माता के आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है. इनका वाहन सिंह है. विंध्य धाम के पुजारी मां कुष्मांडा की महिमा का बखान करते हैं कि मां सृष्टि की देवी हैं. जगत का सृजन मां ने ही किया है.

वैसे तो विंध्याचल धाम में हर दिन मां के दर्शन के लिए सैकड़ों लोग आते हैं, लेकिन नवरात्रि का महत्व अलग ही होता है. नवरात्रि मेले में 9 दिन के अंदर 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आते हैं. भक्तों का कहना है कि मां के दर्शन करने से हम लोगों की मनोकामना पूर्ण होती है.

Intro:मिर्जापुर के विंध्याचल धाम में नवरात्र के चौथे दिन भी आधी रात से ही भक्तों का ताता लगा हुआ है मां के मंगला आरती के बाद से ही श्रद्धालु मां का दर्शन पूजन कर रहे हैं विश्व प्रसिद्ध जगत जननी मां विंध्यवासिनी के धाम में नवरात्र के चौथे दिन आज देवी स्वरूप मां कुष्मांडा की विधिवत पूजा की गई सुबह भोर में मां की मंगला आरती के बाद भक्तों को कुष्मांडा के दर्शन और मां की एक झलक पाकर भक्त निहाल हो उठे घंटा घड़ियाल से गगन मंडल जायमान हो गया।


Body:नवरात्रों में चौथे दिन देवी के स्वरूप कुष्मांडा की ही उपासना की जाती है मां कुष्मांडा की उपासना से आयु यश बल और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है अपनी मंद हंसी द्वारा अर्थात ब्रह्मांड उत्पन्न करने कारण में इन्हें कुष्मांडा देवी के नाम से अभिहित किया गया है जब सृष्टि का तब तो नहीं था चारों ओर अंधकार ही अंधकार पर व्याप्त था तब इन्ही देवी ने अपने ईषत हास्य से ब्रह्मांड की रचना की थी अतः यही सृष्टि कि आज स्वरूपा आ सकती हैं इनके पूर्व ब्रह्मांड का अस्तित्व था ही नहीं इन्हीं आठ भुजाएं हैं इनके हाथों में क्रमसे कमंडल ,धनुष बाण कमल पुष्प अमृतपूर्ण कलश चक्र और गदा है। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों के देने वाली जपमाला है इनका वाहन सिंह है विंध्य धाम के पुजारी मां कुष्मांडा की महिमा का बखान करते हैं कि मां सृष्टि की देवी है जगत का सृजन मां ने ही किया है।

Bite-मिठू मिश्रा-तीर्थपुरोहित


Conclusion:वैसे तो विंध्याचल धाम में हर दिन मां का दर्शन पूजन करने के लिए सैकड़ों लोग आते हैं लेकिन नवरात्र का कुछ महत्व लग ही होता है इस नवरात्र मेले में 9 दिन के अंदर 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मां का दर्शन पूजन करने आते हैं कई वर्षों से लगातार नवरात्र में आने वाले श्रद्धालु करते हैं यहां पर आकर बहुत संतुष्टि मिलती है और मां का दर्शन करने से हम लोगों की बहुत मनोकामना पूर्ण की है मां

Bite-पूजा-श्रद्धालु

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630

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