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सहारनपुर: चुनाव की तारीखों को लेकर देवबंदी उलेमाओं ने जताया ऐतराज

लोकसभा चुनाव की तारीखों को लेकर सहारनपुर के देवबंदी उलेमाओं ने ऐतराज जताया है. उलेमाओं ने चुनाव की तारीख रमजान महीने में पड़ने का हवाला देते हुए चुनाव आयोग से तारीख बदलने की मांग की है.

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Published : Mar 11, 2019, 7:22 PM IST

देवबंदी उलेमाओं ने कहा ईद के बाद कराया जाए मतदान.


सहारनपुर : चुनाव आयोग ने जहां सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराने की घोषणा की है. वहीं दो चरण रमजान के महीने में आने पर देवबंदी उलेमाओं ने ऐतराज जताया है. उन्होंने चुनाव की तारीख बदलने की मांग की है. उलेमाओं का कहना है कि सात मई से मुसलमानों का पवित्र महीना रमजान शुरु होने वाला है. ऐसे में लोग पूरे महीने रोजा रखकर इबादत में व्यस्त रहेंगे.

देवबंदी उलेमाओं ने कहा ईद के बाद कराया जाए मतदान.

रविवार को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. इसके बाद से देशभर में आचार संहिता लागू कर दी गई है. चुनाव आयोग के मुताबिक मतदान में सभी धर्मों के त्यौहारों का विशेष ध्यान रखा गया है. लेकिन सात मई को रमजान का भी आगाज हो रहा है, जिसके चलते देवबंद के उलेमाओं ने चुनाव की तारीखों को लेकर आपत्ति जताई है.

देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि चुनाव आयोग की तरफ से जो चुनाव की तारीख का एलान किया गया है, उन्हीं तारीख के बीच रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत भी हो रही है. ऐसे में लोगों को इबादत करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में चुनाव की तारीख पड़ने से मुस्लिम प्रत्याशियों को भी बिना खाए पिए परेशान होना पड़ेगा.

उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने चुनाव आयोग से रमजान के महीने को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की है. उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव को ईद के बाद कराया जाए तो बेहतर होगा.


सहारनपुर : चुनाव आयोग ने जहां सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराने की घोषणा की है. वहीं दो चरण रमजान के महीने में आने पर देवबंदी उलेमाओं ने ऐतराज जताया है. उन्होंने चुनाव की तारीख बदलने की मांग की है. उलेमाओं का कहना है कि सात मई से मुसलमानों का पवित्र महीना रमजान शुरु होने वाला है. ऐसे में लोग पूरे महीने रोजा रखकर इबादत में व्यस्त रहेंगे.

देवबंदी उलेमाओं ने कहा ईद के बाद कराया जाए मतदान.

रविवार को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. इसके बाद से देशभर में आचार संहिता लागू कर दी गई है. चुनाव आयोग के मुताबिक मतदान में सभी धर्मों के त्यौहारों का विशेष ध्यान रखा गया है. लेकिन सात मई को रमजान का भी आगाज हो रहा है, जिसके चलते देवबंद के उलेमाओं ने चुनाव की तारीखों को लेकर आपत्ति जताई है.

देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि चुनाव आयोग की तरफ से जो चुनाव की तारीख का एलान किया गया है, उन्हीं तारीख के बीच रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत भी हो रही है. ऐसे में लोगों को इबादत करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में चुनाव की तारीख पड़ने से मुस्लिम प्रत्याशियों को भी बिना खाए पिए परेशान होना पड़ेगा.

उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने चुनाव आयोग से रमजान के महीने को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की है. उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव को ईद के बाद कराया जाए तो बेहतर होगा.

Intro:सहारनपुर : रविवार को चुनाव आयोग ने जहां सात चरणों मे लोकसभा चुनाव कराने की घोषणा की है वही बाद के दो चरण रमजान महीने में आने पर इस्लामिक जगत में आक्रोश बना हुआ है। चुनाव आयोग ने लोक सभा 2019 की तारीख तय किये जाने पर देवबंदी उलेमाओ ने न सिर्फ एतराज जताया है बल्कि चुनाव की तारीख बदल कर ईद के बाद कराने की मांग की है। उलेमाओ का कहना है कि 7 मई से मुस्लमानो का प्रवित्र माह रमजान शुरु होने वाला है। इस पवित्र महीने मे मुस्लमान पुरे महीने रोजा रखकर इबादत मे व्यस्त रहते है। जिससे बिना खाये पिये मुसलमानों को मतदान करना मुश्किल होगा। इसलिए चुनाव आयोग को चाहिए कि वह इन चुनाव को ईद के बाद कराए तो बेहतर रहेगा।


Body:VO 1- आपको बता कि रविवार की चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव एवं तारीखों की घोषणा के सतब देश भर में आचार संहिता लागू कर दी गई। चुनाव आयोग के मुताबिक सभी धर्मों के त्यौहारों का विशेष ध्यान रखा गया है। लेकिन 7 मई को इस्लाम के इबादत के महीने रमजान का भी आगाज हो रहा है। जिसके चलते रमजान के पाक महीने में मुसलमान रोज़ा रखकर अल्लाह की इबादत करते है। रोजेदारों को मतदान करने और चुनाव लड़ने वाले मुस्लिम प्रत्याशियों को परेशानी हों सकती है। जिसके चलते देवबन्दी उलेमाओ ने चुनाव की तारीखों को बदलने की मांग की है। देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि चुनाव आयोग की तरफ से जो चुनाव की तारीख का ऐलान किया गया है उन्हीं तारीख के बीच रमजान उल मुबारक महीना भी है। इसी दोरान में चुनाव की घोषणा की गई है कि रमजान में चुनाव होगा तो मैं चुनाव आयोग से यही मांग करता हूं कि मुसलमानों का पवित्र महीना  रमजान है। मुसलमान पूरे साल इस पवित्र माह का इंतजार करते हैं और रमजान मे पूरे दिन रोजे से रहते हैं इबादत के अंदर मशगूल रहते हैं इस लिए चुनाव आयोग को चाहिए की रमजान के पवित्र महीने को ध्यान मे रखते हुए आगे वक्त बढ़ा दिया जाए। ताकि मुसलमान अपनी इबादत के अंदर लगे रहे आसानी के साथ में अपनी इबादत करते रहे और जब अपनी इबादत से फ्री हो जाए अपने रोजो से फारीख हो जाए उसके बाद में वोट आसानी के साथ में डाल सके चुनाव आयोग को  यह तारीख बढ़ा देनी चाहिए। रमजान के अलावा हम तो कहते हैं कि ईद के बाद चुनाव होना चाहिए।

बाइट - मुफ्ती असद कासमी  ( मोहतमिम मदरसा जामिया शैखुल हिन्द)




Conclusion:रोशन लाल सैनी
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