सहारनपुर : चुनाव आयोग ने जहां सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराने की घोषणा की है. वहीं दो चरण रमजान के महीने में आने पर देवबंदी उलेमाओं ने ऐतराज जताया है. उन्होंने चुनाव की तारीख बदलने की मांग की है. उलेमाओं का कहना है कि सात मई से मुसलमानों का पवित्र महीना रमजान शुरु होने वाला है. ऐसे में लोग पूरे महीने रोजा रखकर इबादत में व्यस्त रहेंगे.
रविवार को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. इसके बाद से देशभर में आचार संहिता लागू कर दी गई है. चुनाव आयोग के मुताबिक मतदान में सभी धर्मों के त्यौहारों का विशेष ध्यान रखा गया है. लेकिन सात मई को रमजान का भी आगाज हो रहा है, जिसके चलते देवबंद के उलेमाओं ने चुनाव की तारीखों को लेकर आपत्ति जताई है.
देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि चुनाव आयोग की तरफ से जो चुनाव की तारीख का एलान किया गया है, उन्हीं तारीख के बीच रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत भी हो रही है. ऐसे में लोगों को इबादत करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में चुनाव की तारीख पड़ने से मुस्लिम प्रत्याशियों को भी बिना खाए पिए परेशान होना पड़ेगा.
उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने चुनाव आयोग से रमजान के महीने को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की है. उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव को ईद के बाद कराया जाए तो बेहतर होगा.