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कानपुर : सीआरपीएफ जवान का शव पहुंचा घर, गांव में पसरा मातम

कानपुर के चौबेपुर कस्बे के भिडुरी गांव के सीआरपीएफ जवान की जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में दुर्घटना में मौत हो गई. बुधवार देर शाम आई सूचना से परिजनों और ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ गई. परिजनों को पुलवामा के सीआरपीएफ हेडक्वार्टर से जानकारी दी गई है. बता दें कि पहाड़ से गिरे पत्थर की चपेट में आकर जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

कानपुर के CRPF जवान की पुलवामा में मौत, गश्त के दौरान गिरी थी चट्टान
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Published : May 9, 2019, 10:02 PM IST

कानपुर : जिले के चौबेपुर कस्बे के भिडुरी गांव निवासी सीआरपीएफ जवान रामकिशोर उर्फ सुनील यादव (36) पुत्र राधेश्याम जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में तैनात थे. सुनील के मामा हरिशचंद्र सिंह यादव ने बताया कि बुधवार शाम पांच बजे सुनील की पत्नी वंदना यादव के मोबाइल पर सीआरपीएफ पुलवामा हेड क्वाटर से दुर्घटना में मौत की सूचना आई.

दुर्घटना में सीआरपीएफ जवान की पुलवामा में मौत

कानपुर का है CRPF जवान

  • दस दिन पहले ड्यूटी पर गश्ती के दौरान पहाड़ों से एक बड़ा पत्थर गिर जाने से सुनील बुरी तरह घायल हो गए थे.
  • इसके बाद उन्हें सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
  • बुधवार दोपहर सुनील की उपचार के दौरान मौत हो गई.
  • गुरुवार को सैनिक सुनील का शव जैसे ही उनके घर पहुंचा तो कोहराम मच गया.
  • सुनील के पिता भी फौजी थे, जिनकी भी बीमारी के चलते मौत हो चुकी है.
  • उनके स्थान पर सुनील को नौकरी मिली थी.
  • सुनील और वंदना की शादी के करीब सात साल हो गए हैं.
  • अभी तक दोनों की कोई संतान नहीं है.
  • घटना की सूचना के बाद परिजनों का हाल-बेहाल है.

परिजनों को पुलवामा के सीआरपीएफ हेडक्वार्टर से जानकारी दी गई है. सुनील पहाड़ से गिरे पत्थर की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया था. बुधवार शाम पांच बजे सुनील की पत्नी वंदना यादव के मोबाइल पर सीआरपीएफ पुलवामा हेड क्वाटर से दुर्घटना में मौत की सूचना आई.

- जवान सुनील के परिजन

कानपुर : जिले के चौबेपुर कस्बे के भिडुरी गांव निवासी सीआरपीएफ जवान रामकिशोर उर्फ सुनील यादव (36) पुत्र राधेश्याम जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में तैनात थे. सुनील के मामा हरिशचंद्र सिंह यादव ने बताया कि बुधवार शाम पांच बजे सुनील की पत्नी वंदना यादव के मोबाइल पर सीआरपीएफ पुलवामा हेड क्वाटर से दुर्घटना में मौत की सूचना आई.

दुर्घटना में सीआरपीएफ जवान की पुलवामा में मौत

कानपुर का है CRPF जवान

  • दस दिन पहले ड्यूटी पर गश्ती के दौरान पहाड़ों से एक बड़ा पत्थर गिर जाने से सुनील बुरी तरह घायल हो गए थे.
  • इसके बाद उन्हें सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
  • बुधवार दोपहर सुनील की उपचार के दौरान मौत हो गई.
  • गुरुवार को सैनिक सुनील का शव जैसे ही उनके घर पहुंचा तो कोहराम मच गया.
  • सुनील के पिता भी फौजी थे, जिनकी भी बीमारी के चलते मौत हो चुकी है.
  • उनके स्थान पर सुनील को नौकरी मिली थी.
  • सुनील और वंदना की शादी के करीब सात साल हो गए हैं.
  • अभी तक दोनों की कोई संतान नहीं है.
  • घटना की सूचना के बाद परिजनों का हाल-बेहाल है.

परिजनों को पुलवामा के सीआरपीएफ हेडक्वार्टर से जानकारी दी गई है. सुनील पहाड़ से गिरे पत्थर की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया था. बुधवार शाम पांच बजे सुनील की पत्नी वंदना यादव के मोबाइल पर सीआरपीएफ पुलवामा हेड क्वाटर से दुर्घटना में मौत की सूचना आई.

- जवान सुनील के परिजन

Intro:कानपुर :- पुलवामा में सीआरपीएफ जवान की दुर्घटना में मौत ।

कानपुर के चौबेपुर कस्बे के भिडुरी गांव के सीआरपीएफ जवान की जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में दुर्घटना में मौत हो गई । बुधवार देर शाम आई सूचना से परिजनों और ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ गई । परिजनों को पुलवामा के सीआरपीएफ हेडक्वार्टर से जानकारी दी गई है। बता दें कि पहाड़ से गिरे पत्थर की चपेट में आकर जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी |  




Body:कानपुर चौबेपुर कस्बे के भिडुरी गांव निवासी सीआरपीएफ जवान रामकिशोर उर्फ सुनील यादव (36) पुत्र राधेश्याम जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में तैनात थे। भिडुरी गांव निवासी सुनील के मामा हरिशचंद्र सिंह यादव ने बताया कि बुधवार शाम पांच बजे सुनील की पत्नी वंदना यादव के मोबाइल पर सीआरपीएफ पुलवामा हेड क्वाटर से दुर्घटना में मौत की सूचना आई। सीआरपीएफ अफसरों ने मोबाइल पर जवान की पत्नी वंदना को बताया कि करीब दस दिन पहले ड्यूटी पर गश्ती के दौरान पहाड़ों से एक बड़ा पत्थर गिर जाने से सुनील बुरी तरह घायल हो गए थे। इसके बाद उन्हें सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, बुधवार की दोपहर सुनील की उपचार के दौरान मौत हो गई । वीरवार को सैनिक सुनील का शव जैसे ही उनके घर पहुंचा तो कोहराम मच गया | नील के पिता भी फौजी थे जिनकी भी बीमारी के चलते मौत हो चुकी है। जिनके स्थान पर सुनील को नौकरी मिली थी। सुनील और वंदना की शादी के करीब सात साल हो गए हैं। अभी तक दोनों की कोई संतान नहीं है। घटना की सूचना के बाद परिजनों का हाल-बेहाल है।

बाईट - जवान के परिजन 

बाईट - जवान के परिजन 

रजनीश दीक्षित
कानपुर ।



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