लखनऊ: राजधानी के बख्शी का तालाब में आवारा मवेशियों के लिये बनाये गये आश्रय केंद्रों में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है. कड़ी धूप की तपिश और भीषण गर्मी की मार झेल रहे मवेशियों के लिए चारे का प्रबंध न होने से उनके भूखों मरने की नौबत है.
गौ आश्रय केंद्र में अव्यवस्थाओं का बोलबाला
- राजधानी के बख्शी का तालाब विकास खंड क्षेत्र में बनाये गये गौ आश्रय केंद्र का में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है.
- पहाड़पुर के गौ आश्रय केंद्र में इस भीषण गर्मी में तेज चल रही लू की थपेड़ों से मवेशियों को कुछ राहत मिल सके इसके लिये किसी तरह का कोई इंतजाम नहीं है.
- गौ आश्रय केंद्र परिसर में मवेशियों को खाने के लिये खराब भूसा जो पूरी तरह मिट्टी में मिला हुआ पड़ा है.
- यहां मवेशियों को चारे का इंतजाम न होने से भूंखों मरने की नौबत है.
- बख्शी का तालाब इलाके में 26 आश्रय केंद्र बनाये गये हैं.
- केंद्रों पर मवेशियों के लिये हरे चारे का कहीं कोई इंतजाम नहीं है और भूसा भी खराब पड़ा रहता है.
- मिट्टी में मिले भूसे पर ही मवेशी बैठते हैं और उसे ही मजबूर होकर खाते हैं.
- इस भीषण गर्मी में सुबंसीपुर,गोहनाकला,रसूलपुर सादात,बसहा,मवई कला,बसहा के आश्रय केंद्रों का भी ऐसा ही हाल है.
वहीं जब इस मामले पर ईटीवी भारत संवाददाता ने खंड विकास अधिकारी डॉ. अरुण कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि जिस आश्रय केंद्र में मवेशियों के चारे पानी का इंतजाम सही नहीं मिलेगा उस ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ कारवाई की जायेगी.