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लखनऊ : गौशाला में गर्मी से तड़प रहीं गाय - bakshi ka talab gaushala

बख्शी का तालाब में आवारा मवेशियों के लिये बनाये गये आश्रय केंद्रों में न तो मवेशियों के लिए चारे का प्रबंध है और न ही गर्मी में पशुओं के लिए छत. वहीं इस मामले में ईटीवी भारत ने खंड विकास अधिकारी डॉ. अरुण कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि जांच के बाद उस ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ कारवाई की जायेगी.

गौ आश्रय केंद्रों में परेशान हैं जानवर
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Published : Jun 10, 2019, 6:29 AM IST

लखनऊ: राजधानी के बख्शी का तालाब में आवारा मवेशियों के लिये बनाये गये आश्रय केंद्रों में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है. कड़ी धूप की तपिश और भीषण गर्मी की मार झेल रहे मवेशियों के लिए चारे का प्रबंध न होने से उनके भूखों मरने की नौबत है.

ईटीवी भारत ने गौशाला के केयर-टेकर से की बातचीत.

गौ आश्रय केंद्र में अव्यवस्थाओं का बोलबाला

  • राजधानी के बख्शी का तालाब विकास खंड क्षेत्र में बनाये गये गौ आश्रय केंद्र का में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है.
  • पहाड़पुर के गौ आश्रय केंद्र में इस भीषण गर्मी में तेज चल रही लू की थपेड़ों से मवेशियों को कुछ राहत मिल सके इसके लिये किसी तरह का कोई इंतजाम नहीं है.
  • गौ आश्रय केंद्र परिसर में मवेशियों को खाने के लिये खराब भूसा जो पूरी तरह मिट्टी में मिला हुआ पड़ा है.
  • यहां मवेशियों को चारे का इंतजाम न होने से भूंखों मरने की नौबत है.
  • बख्शी का तालाब इलाके में 26 आश्रय केंद्र बनाये गये हैं.
  • केंद्रों पर मवेशियों के लिये हरे चारे का कहीं कोई इंतजाम नहीं है और भूसा भी खराब पड़ा रहता है.
  • मिट्टी में मिले भूसे पर ही मवेशी बैठते हैं और उसे ही मजबूर होकर खाते हैं.
  • इस भीषण गर्मी में सुबंसीपुर,गोहनाकला,रसूलपुर सादात,बसहा,मवई कला,बसहा के आश्रय केंद्रों का भी ऐसा ही हाल है.

वहीं जब इस मामले पर ईटीवी भारत संवाददाता ने खंड विकास अधिकारी डॉ. अरुण कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि जिस आश्रय केंद्र में मवेशियों के चारे पानी का इंतजाम सही नहीं मिलेगा उस ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ कारवाई की जायेगी.

लखनऊ: राजधानी के बख्शी का तालाब में आवारा मवेशियों के लिये बनाये गये आश्रय केंद्रों में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है. कड़ी धूप की तपिश और भीषण गर्मी की मार झेल रहे मवेशियों के लिए चारे का प्रबंध न होने से उनके भूखों मरने की नौबत है.

ईटीवी भारत ने गौशाला के केयर-टेकर से की बातचीत.

गौ आश्रय केंद्र में अव्यवस्थाओं का बोलबाला

  • राजधानी के बख्शी का तालाब विकास खंड क्षेत्र में बनाये गये गौ आश्रय केंद्र का में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है.
  • पहाड़पुर के गौ आश्रय केंद्र में इस भीषण गर्मी में तेज चल रही लू की थपेड़ों से मवेशियों को कुछ राहत मिल सके इसके लिये किसी तरह का कोई इंतजाम नहीं है.
  • गौ आश्रय केंद्र परिसर में मवेशियों को खाने के लिये खराब भूसा जो पूरी तरह मिट्टी में मिला हुआ पड़ा है.
  • यहां मवेशियों को चारे का इंतजाम न होने से भूंखों मरने की नौबत है.
  • बख्शी का तालाब इलाके में 26 आश्रय केंद्र बनाये गये हैं.
  • केंद्रों पर मवेशियों के लिये हरे चारे का कहीं कोई इंतजाम नहीं है और भूसा भी खराब पड़ा रहता है.
  • मिट्टी में मिले भूसे पर ही मवेशी बैठते हैं और उसे ही मजबूर होकर खाते हैं.
  • इस भीषण गर्मी में सुबंसीपुर,गोहनाकला,रसूलपुर सादात,बसहा,मवई कला,बसहा के आश्रय केंद्रों का भी ऐसा ही हाल है.

वहीं जब इस मामले पर ईटीवी भारत संवाददाता ने खंड विकास अधिकारी डॉ. अरुण कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि जिस आश्रय केंद्र में मवेशियों के चारे पानी का इंतजाम सही नहीं मिलेगा उस ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ कारवाई की जायेगी.

Intro:लखनऊ/बख्शी का तालाब
गाव से लेकर सड़क तक और खेतों में फसलों को तबाह कर रहे आवारा मवेशियों के लिये बनाये गये आश्रय केंद्रों में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। कड़ी धूप की तपिश और भीषण गर्मी की मार झेल रहे मवेशियों को चारे का प्रबंध न होने से भूखों मरने की नौबत है। यह सब ग्राम प्रधान और सचिवों की अनदेखी के चलते हो रहा है।
Body:राजधानी के बख्शी का तालाब विकास खंड क्षेत्र में बनाये गये गौ आश्रय केंद्र का में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। पहाड़पुर के गौ आश्रय केंद्र में इस भीषण गर्मी में तेज चल रही लू की थपेड़ों से मवेशियों को कुछ राहत मिल सके इसके लिये किसी तरह का कोई इंतजाम नहीं है। गौ आश्रय केंद्र परिसर में मवेशियों को खाने के लिये खराब भूसा जो पूरी तरह मिट्टी में मिला हुआ पड़ा है।यहां मवेशियों को चारे का इंतजाम न होने से भूंखो मरने की नौबत है। सुल्तानपुर में बनाये गये आश्रय केंद्र में रात को खुले आसमान के नीचे तो दिन भर की धूप में मवेशी रहने को मजबूर हैं। बख्शी का तालाब इलाके में 26 आयश्रय केंद्र बनाये गये है केंद्रों पर मवेशियों के लिये हरे चारे का कहीं कोई इंतजाम नहीं है बल्कि भूसा भी खराब पड़ा रहता है। मिट्टी में मिले भूसे पर ही मवेशी बैठते हैं और उसे ही मजबूर होकर खाते हैं। इस भीषण गर्मी में सुबंसीपुर,गोहनाकला,रसूलपुर सादात,बसहा,मवई कला,बसहा के आश्रय केंद्रों का भी ऐसा ही हाल है।
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अधिकारी बोले :— खंड विकास अधिकारी डा अरुण कुमार सिंह ने कहा जिस आश्रय केंद्र में मवेशियों के चारे पानी का इंतजाम सही नहीं मिलेगा उस ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान व सचिव के खिलाफ कारवाई की जायेगी।
कैसे हो सुधार
* गांव के चरागाह की जमीन पर कराई जाय हरे चारे की बोवाई
* आश्रय केंद्रों में हो भूसा चारा रखने का इंतजाम
* आश्रय केंद्रों में मवेशियों के लिये हो पर्याप्त छाया का इंतजाम

Conclusion:नीरज सिंह राठौर मोबाइल नंबर 9005958677
लखनऊ/बख्शी का तालाब.
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