लखनऊ: प्रदेश की बिजली कम्पनियां जल्द से जल्द बिजली दर बढ़ोतरी कराने के लिए नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल करने के लिए तैयारी में जुटी हैं. वहीं उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की है. उन्होंने जनहित प्रस्ताव सौंपते हुए बिजली दरों का मुद्दा उठाया.
अवधेश वर्मा ने बताया कि उपभोक्ता परिषद ने एक अध्ययन किया है कि अगर नियामक आयोग की तरफ से जारी मेरिट आर्डर का बिजली कम्पनियां शत-प्रतिशत पालन कर लें तो करीब हर वर्ष 1200 करोड़ का फायदा हो सकता है. इसी प्रकार अगर प्रदेश में एटीएनसी हानियां केवल 2 प्रतिशत कम कर लें तो करीब 1100 करोड़ का फायदा हो जाएगा.
निजी घरानों की मंहगी बिजली खरीद पर लगाई जाए रोक
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि निजी घरानों की महंगी बिजली खरीद पर अगर अंकुश लगाया जाए, तो करीब 800 करोड़ की बचत हो सकती है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में उपभोक्ताओं की खराब स्थिति को देखते हुए वर्तमान में सरकार को बिजली दर में बढ़ोतरी प्रस्ताव दाखिल करने के बजाय विद्युत अधनियम 2003 की धारा 108 के तहत नियामक आयोग से बिजली दर में कटौती करने के लिए प्रस्ताव लाना चाहिए.
उन्होंने जनहित प्रस्ताव सौंपते हुए यह मुद्दा भी उठाया कि विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2019-20 में जब बिजलीदर में बढ़ोतरी की थी, उस समय टैरिफ आर्डर में प्रदेश के उपभोक्ताओं का बिजली कम्पनियों पर लगभग 13337 करोड़ रुपये था. उसे अगर दिला दें तो इससे स्वतः बिजली दरों में 10 प्रतिशत तक कमी हो जाएगी.
मंत्री श्रीकांत शर्मा ने दिया आश्वासन
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने आश्वाशन दिया कि सरकार उपभोक्ता परिषद के लोक महत्व प्रस्ताव पर विचार करेगी. साथ ही कहा है कि उपभोक्ताओं के साथ सरकार हमेशा खड़ी रही है और आगे भी खड़ी रहेगी. उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि पूरे प्रदेश से आम उपभोक्ताओं व किसानों, छोटे दुकानदारों, छोटे उद्योगों की एक ही मांग लगातार आ रही है कि सरकार बिजली दरों में कमी कराकर प्रदेश के उपभोक्ताओं को राहत दिलाए.
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