रामपुर: लॉकडाउन के चलते पूरे देश में बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है. बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक लॉकडाउन की वजह से अपने जनपद वापस आ गए हैं. अब उन लोगों के सामने रोजगार की समस्या है. वह इस वक्त बेरोजगारी से जूझ रहे हैं. इसी को लेकर सोमवार को कमिश्नर ने रामपुर के जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की. उस मीटिंग में रोजगार और विकास कार्यों को लेकर अधिकारियों संग मंथन किया. मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार देने की बात कही. बरहाल बेरोजगार श्रमिकों को कब तक सरकार रोजगार दिला पाएगी, यह आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा.
कमिश्नर वीरेंद्र कुमार सिंह सोमवार को रामपुर पहुंचे और उन्होंने विकास भवन में रामपुर के अधिकारियों संग एक मीटिंग की. इस मीटिंग में जिले के जिलाधिकारी सहित सभी अधिकारी गण मौजूद थे. कमिश्नर ने रामपुर में रोजगार और विकास को लेकर अधिकारियों संग चर्चा की और जो बेरोजगार लोग हैं. उनको जल्दी रोजगार दिलाने को भी कहा.
कमिश्नर वीरेंद्र कुमार सिंह ने मीटिंग के बाद प्रेस वार्ता की और उन्होंने कहा कि जितने लोग बाहर से आए हैं, जिले में उन सब का लेखा-जोखा तैयार हो गया है. स्किल मैपिंग हो गई है. उन सब के अकाउंट नंबर ले लिये गये हैं. यह देखा जा रहा है कि उन लोगों को किस तरह का रोजगार दिया जा सकता है.
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कमिश्नर ने कहा कि जो सबसे बड़ा रोज़गार देने का क्षेत्र है, वह मनरेगा का क्षेत्र है. कमिश्नर ने कहा कि जिले में मनरेगा के तहत 55000 लोग काम कर रहे हैं. जितने भी ग्राम पंचायतें हैं, उन सब में काम शुरू हो गया है. जो भी बेरोजगार व्यक्ति हैं, वह अपना जॉब कार्ड बनवा सकते हैं. जो पढ़े लिखे लोग हैं उनकी भी स्किल मैपिंग तैयार की जा रही है और उनको बैंक से लोन देने की व्यवस्था भी की जा रही है.