वाराणसी:आईआईटी बीएचयू के शताब्दी वर्ष समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब मुझे इस शताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए बताया गया तो मुझे रामायण की एक बात याद आई. रामायण में एक प्रसंग में सनातन धर्म के बारे में बताया गया है. वह यह है कि "किसी ने आपके प्रति कोई कार्य या उपकार किया हो, जिससे आपके जीवन मे कुछ अच्छा हुआ हो और आपने उसको कृतज्ञता ज्ञापित किया हो यही सनातन धर्म है".
आप याद कीजिये जब 1916 में बीएचयू की स्थापना हुई तब देश मे स्वाधीनता की लड़ाई चल रही थी. क्रांतिकारियों का एक समूह आया था. गांधी जी के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई लड़ी जा रहीं थी. सबसे अलग महामना नए भारत की नींव के लिए बीएचयू की स्थापना कर रहे थे. गुलामी की जंजीरों में जकड़े भारत को नए आभा के साथ देश की सबसे पुरानी नगरी में कार्य करने का बीड़ा उठाया था.
आज बीएचयू के छात्र देश विदेश में भारत का नाम रोशन कर रहे है. 1919 में जब आईटी बीएचयू को स्थापना हुई थी, उस वक़्त पंजाब में एक घटना घटी थी. उस वक़्त देश को गुलाम बनाये रखने की कवायद चल रही थी. वहीं काशी में स्वाधीनता के लिए मंथन चल रहा था. देश बहुत दिनों तक गुलाम नही राह पाया और 1947 को आजादी मिल गई.
मोदी जी का विजन ही यह है कि जब देश आजादी की 75वी सालगिरह मना रहा होगा. तब भारत पुर्णरूप से सम्पन्न हो. एक व्यक्ति देश मे कैसे परिवर्तन ला सकता है यह देखे. स्कूल में स्वच्छता की बात बचपन मे बताई जाती थी. लेकिन आज ये भाव परिवार और स्कूलों ने भुला दिया है. लेकिन देश के पीएम ने इसको जन जन तक पहुँचाया.
पिछले 40 वर्षों से गोरखपुर रीजन में एक बीमारी इंसेफेलाइटिस से लगभग 700-800 बच्चों की मौत से होती थी. जब मैं सांसद बना तो 1998 से मैंने यहां विजिट किया. इसके पहले किसी ने यहां विजिट नही किया था. लगातार सड़क से संसद तक आंदोलन किया. लेकिन किसी ने हमें नही सुना. सरकार बनने के बाद इस बीमारी की तह और निवारण की तैयारी की. तब इंसेफेलाइटिस प्रभवित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल और स्वच्छता अभियान को लगातार चलाया. इसका नतीजा यह हुआ कि अप्रैल 2017 से अभियान शुरू होने के बाद 1 वर्ष में ही रिजल्ट सामने था.1978 से मौतों का सिलसिला जारी था, लेकिन सरकार के प्रयास से 1 साल में 86 मरीज़ भर्ती हुए और सिर्फ 6 मौतें हुई.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा साढ़े 4 साल की सरकार में 9 करोड़ परिवारों को शौचालय बनाने के काम के कारण ही आज हर गांव में सफाई देखने को मिलती है. इससे पहले पूर्व पीएम कहते थे कि हम 100 रुपया भेजते हैं और 10 रुपया ही नीचे तक जाता है. आज पूरा 100 रुपये जाते है.
हमने प्रदेश में 16 लाख स्ट्रीट लाइट को एलईडी में बदलने की तैयारी की. 8 लाख लाइट एलईडी लगाने से 2.5 सौ करोड़ की बिल की राजस्व के रूप में बचत हुई. पहले सराकरी राशन गरीबों को नही मिलता था. अब ई-पॉश मशीनें लगने के बाद 13 हजार राशन की दुकानों से करोड़ों की बचत की. कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन 80 हजार कोटे की दुकानों पर ई-पॉश मशीन लगने से जिन लोगों के नाम पर किसी और को खाद्यान मिल रहा था. वो अब उनको नहीं मिल पायेगा, क्योंकि टेक्नोलॉजी के बल पर हम ये सब कर सकते हैं.
जब मैं आया था तब वहां बूचड़खाने चल रहे थे. इनको बन्द करवाया तो लोगों ने गोवंश सड़क और खेत में छोड़ दिये. अब लोग गाली मुझे देते हैं. अब हमने इनको पालने के लिए काम शुरू किया है. गाँव में इन गोवंश को रखकर इनके गोबर और गोमूत्र से ईंधन का निर्माण करें. इसके लिए टेक्नोलॉजी जरूरी है. बगल में बक्सर है जहां विश्वामित्र के यज्ञ को मारीच और सुभाउ इनको राक्षस पूरा नही होने देते थे. ऐसे ही जब कोई अच्छा कार्य हो तो मुझे लोग रोकते है.