लखनऊ: राजधानी के एसजीपीजीआई में एक मरीज में घातक इन्फेक्शन के लक्षण पाए गए हैं. इसे देखते हुए सभी अस्पतालों मेंं अलर्ट जारी कर दिया गया है. इस इन्फेक्शन का कोई इलाज नहीं है. महज साफ-सफाई से ही इस इन्फेक्शन से बचा जा सकता है. इसी को मद्देनजर रखते हुए केजीएमयू प्रशासन ने भी अस्पताल परिसर में खास एहतियात बरतने के निर्देश जारी किए हैं.
क्या है कैंडिडा इन्फेक्शन
- सबसे पहले 2009 में जापान में एक महिला मरीज के कान में यह इन्फेक्शन पाया गया था.
- इसी आधार पर इसका नाम कैंडिडा रखा गया.
- यह इन्फेक्शन मल्टीड्रग रेजिस्टेंट है. इसका मतलब है कि इस फंगल इन्फेक्शन में दवाईयां बेअसर साबित होती हैं.
- महज कुछ दवाईयां ही इसके इलाज में सहायक होती हैं.
- इसके सामान्य लक्षण होते हैं. आमतौर पर इसको पहचानना बेहद मुश्किल होता है.
- यही वजह है कि इस फंगल इन्फेक्शन की मृत्यु दर 30 से 60 फीसद तक है.
- यह इन्फेक्शन खासकर अस्पताल में रहने वाले मरीजों में पाया जाता है.
- आईसीयू, एचडीयू या कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों में यह तेजी से फैलता है.
इस फंगस इन्फेक्शन का इलाज काफी मुश्किल होता है. इसके लिए अपने आस-पास साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी है. साफ-सफाई रखने से ही यह इन्फेक्शन धीरे-धीरे कम होता है. इसी तरह इसका बेहतर इलाज किया जा सकता है.
- डॉ. शीतल, असिस्टेंट प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट -केजीएमयू
डॉ. एसएन शंखवार, सीएमएस, केजीएमयू का कहना है कि इन्फेक्शन के बारे में पता चलते ही लखनऊ के सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी किया गया है. हमने अपने अस्पताल के सभी आईसीयू, सीसीयू और हाई डिपेंडेंसी यूनिट में अलर्ट जारी कर दिया है. बेहतर साफ-सफाई और स्वच्छता का भी निर्देश दे दिया गया है ताकि किसी भी तरह से यह इन्फेक्शन हमारे रोगियों में न फैले.