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लखनऊ में फैला ऐसा इन्फेक्शन जिसका नहीं है कोई इलाज, सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी

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Published : May 26, 2019, 5:50 AM IST

किसी भी तरह के वायरल या फिर संक्रमण से होने वाले इनफेक्शन के बारे में जब बात सामने आती है तो सब आगाह हो जाते हैं क्योंकि इन्फेक्शन एक ऐसा रोग है जो एक से दूसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फैल जाता है. साथ ही इसे ठीक होने में भी वक्त लगता है. पिछले दिनों लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल में रोगियों में इसी तरह के एक इन्फेक्शन के लक्षण मिलने के बाद राजधानी के सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया गया है.

लखनऊ में फैला घातक इन्फेक्शन कैंडिडा.

लखनऊ: राजधानी के एसजीपीजीआई में एक मरीज में घातक इन्फेक्शन के लक्षण पाए गए हैं. इसे देखते हुए सभी अस्पतालों मेंं अलर्ट जारी कर दिया गया है. इस इन्फेक्शन का कोई इलाज नहीं है. महज साफ-सफाई से ही इस इन्फेक्शन से बचा जा सकता है. इसी को मद्देनजर रखते हुए केजीएमयू प्रशासन ने भी अस्पताल परिसर में खास एहतियात बरतने के निर्देश जारी किए हैं.

लखनऊ में फैला घातक इन्फेक्शन कैंडिडा.

क्या है कैंडिडा इन्फेक्शन

  • सबसे पहले 2009 में जापान में एक महिला मरीज के कान में यह इन्फेक्शन पाया गया था.
  • इसी आधार पर इसका नाम कैंडिडा रखा गया.
  • यह इन्फेक्शन मल्टीड्रग रेजिस्टेंट है. इसका मतलब है कि इस फंगल इन्फेक्शन में दवाईयां बेअसर साबित होती हैं.
  • महज कुछ दवाईयां ही इसके इलाज में सहायक होती हैं.
  • इसके सामान्य लक्षण होते हैं. आमतौर पर इसको पहचानना बेहद मुश्किल होता है.
  • यही वजह है कि इस फंगल इन्फेक्शन की मृत्यु दर 30 से 60 फीसद तक है.
  • यह इन्फेक्शन खासकर अस्पताल में रहने वाले मरीजों में पाया जाता है.
  • आईसीयू, एचडीयू या कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों में यह तेजी से फैलता है.

इस फंगस इन्फेक्शन का इलाज काफी मुश्किल होता है. इसके लिए अपने आस-पास साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी है. साफ-सफाई रखने से ही यह इन्फेक्शन धीरे-धीरे कम होता है. इसी तरह इसका बेहतर इलाज किया जा सकता है.
- डॉ. शीतल, असिस्टेंट प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट -केजीएमयू

डॉ. एसएन शंखवार, सीएमएस, केजीएमयू का कहना है कि इन्फेक्शन के बारे में पता चलते ही लखनऊ के सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी किया गया है. हमने अपने अस्पताल के सभी आईसीयू, सीसीयू और हाई डिपेंडेंसी यूनिट में अलर्ट जारी कर दिया है. बेहतर साफ-सफाई और स्वच्छता का भी निर्देश दे दिया गया है ताकि किसी भी तरह से यह इन्फेक्शन हमारे रोगियों में न फैले.

लखनऊ: राजधानी के एसजीपीजीआई में एक मरीज में घातक इन्फेक्शन के लक्षण पाए गए हैं. इसे देखते हुए सभी अस्पतालों मेंं अलर्ट जारी कर दिया गया है. इस इन्फेक्शन का कोई इलाज नहीं है. महज साफ-सफाई से ही इस इन्फेक्शन से बचा जा सकता है. इसी को मद्देनजर रखते हुए केजीएमयू प्रशासन ने भी अस्पताल परिसर में खास एहतियात बरतने के निर्देश जारी किए हैं.

लखनऊ में फैला घातक इन्फेक्शन कैंडिडा.

क्या है कैंडिडा इन्फेक्शन

  • सबसे पहले 2009 में जापान में एक महिला मरीज के कान में यह इन्फेक्शन पाया गया था.
  • इसी आधार पर इसका नाम कैंडिडा रखा गया.
  • यह इन्फेक्शन मल्टीड्रग रेजिस्टेंट है. इसका मतलब है कि इस फंगल इन्फेक्शन में दवाईयां बेअसर साबित होती हैं.
  • महज कुछ दवाईयां ही इसके इलाज में सहायक होती हैं.
  • इसके सामान्य लक्षण होते हैं. आमतौर पर इसको पहचानना बेहद मुश्किल होता है.
  • यही वजह है कि इस फंगल इन्फेक्शन की मृत्यु दर 30 से 60 फीसद तक है.
  • यह इन्फेक्शन खासकर अस्पताल में रहने वाले मरीजों में पाया जाता है.
  • आईसीयू, एचडीयू या कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों में यह तेजी से फैलता है.

इस फंगस इन्फेक्शन का इलाज काफी मुश्किल होता है. इसके लिए अपने आस-पास साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी है. साफ-सफाई रखने से ही यह इन्फेक्शन धीरे-धीरे कम होता है. इसी तरह इसका बेहतर इलाज किया जा सकता है.
- डॉ. शीतल, असिस्टेंट प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट -केजीएमयू

डॉ. एसएन शंखवार, सीएमएस, केजीएमयू का कहना है कि इन्फेक्शन के बारे में पता चलते ही लखनऊ के सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी किया गया है. हमने अपने अस्पताल के सभी आईसीयू, सीसीयू और हाई डिपेंडेंसी यूनिट में अलर्ट जारी कर दिया है. बेहतर साफ-सफाई और स्वच्छता का भी निर्देश दे दिया गया है ताकि किसी भी तरह से यह इन्फेक्शन हमारे रोगियों में न फैले.

Intro:लखनऊ। किसी भी तरह के वायरल या फिर संक्रमण से होने वाले इनफेक्शन के बारे में जब बात सामने आती है तो सब आगाह हो जाते हैं क्योंकि इन्फेक्शन एक ऐसा रोग है जो एक से दूसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से चला जाता है और उसे ठीक होने में भी वक्त लगता है। इसी तरह के एक इन्फेक्शन के लक्षण पिछले दिनों लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल में रोगियों में मिलने के बाद राजधानी के सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।


Body:वीओ1 एसजीपीजीआई भी मिले कैंडिडा और इस फंगस के लक्षण रोगियों में मिलने के बाद लखनऊ के सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके बारे में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शीतल ने बताया कि यह पहली बार 2009 में जापानी महिला के कान से पाया गया था इसलिए इसका यह नाम पड़ा है। गौर करने वाली बात यह है कि यह इन्फेक्शन मल्टीड्रग रेजिस्टेंट है। इसका मतलब यह है कि इस फंगल इनफेक्शन में दवाइयां बेअसर साबित होती हैं। सिर्फ कुछ ही दवाइयां है जो इलाज में थोड़ी सहायक होती है। इसके अलावा इसके लक्षण भी काफी सामान्य होते हैं इसलिए इसको पहचान पाना बेहद मुश्किल होता है। यही वजह है कि इस फंगल इनफेक्शन की मृत्यु दर 30 से 60% तक है। यह इंफेक्शन खासकर अस्पताल में रहने वाले मरीजों में पाया जाता है और उनमें से भी आईसीयू, एचडीयू या कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों में यह तेजी से फैलता है। इसके इलाज के लिए डॉ शीतल बताती हैं कि इसका इलाज काफी मुश्किल है। इसके लिए अपने आस पास साफ सफाई रखना बेहद जरूरी है। साफ सफाई रखने से ही यह इनफेक्शन धीरे-धीरे कम होता है और इसी तरह इसका बेहतर इलाज किया जा सकता है।


Conclusion:इन्फेक्शन के बारे में पता चलते ही लखनऊ के सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी किया गया है। इस बाबत किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के सीएमएस डॉ एसएन शंखवार कहते हैं कि हमने अपने अस्पताल के सभी आईसीयू, सीसीयू और हाई डिपेंडेंसी यूनिट में अलर्ट जारी कर दिया है और बेहतर साफ-सफाई और स्वच्छता का भी निर्देश दे दिया गया है ताकि किसी भी तरह से यह इन्फेक्शन हमारे रोगियों में न फैले। बाइट- डॉ शीतल, डॉ एस एन संखवार रामांशी मिश्रा
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