बाराबंकी: कोरोना संकट ने जिले के उद्योग-धंधों पर भले ही ब्रेक लगाया हो, लेकिन नए एमएसएमई ऐक्ट-2020 (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के आ जाने से जिले में नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की संभावनाएं बढ़ गई हैं. पहले जहां किसी भी उद्योग की स्थापना के लिए तकरीबन 29 विभागों से 80 एनओसी लेनी पड़ती थी, जिसमें काफी वक्त लगता था. वहां नए एमएसएमई (मिनिमम स्माल और मीडियम एंटरप्राइजेज) ऐक्ट के आ जाने से अब अप्लाई करते ही औद्योगिक इकाई का संचालन शुरू किया जा सकेगा. इस नए ऐक्ट से लोगों का रूझान सूक्ष्म और लघु उद्योगों की तरफ बढ़ रहा है. उद्योग विभाग ऐसे उत्सुक लोगों को इसके लिए प्रेरित भी कर रहा है. विभाग की मंशा है कि हर उद्यमी को ज्यादा से ज्यादा मदद कर उसे स्वावलम्बी बनाया जाय. यह जानकारी उपायुक्त उद्योग विभाग उमेश कुमार ने दी.
राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में छोटे-बड़े करीब 17 हजार उद्योग हैं. शहर से सटे सोमैया नगर और इंडस्ट्रियल एरिया कुर्सी क्षेत्र की इसके लिए खासी पहचान है. बीते मार्च से शुरू हुए कोरोना संकट ने इन उद्योगों पर ब्रेक लगा दिया. लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी आज तक ये उद्योग पटरी पर नहीं आ सके हैं. हालात ये हैं कि आर्थिक संकट से जूझ रहे उद्यमी इन्हें फिर से पुराने ढर्रे पर लाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में इस नए एमएसएमई ऐक्ट-2020 ने न केवल इन परेशान उद्यमियों को संजीवनी दी है, बल्कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की नई इकाइयों के स्थापित होने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं.
नए नियम के मुताबिक किसी भी इकाई की स्थापना के लिए आवेदन करते ही उसका संचालन शुरू किया जा सकेगा, जबकि पहले बिना एनओसी के संचालन नहीं किया जा सकता था. अब एक एनओसी लेकर उद्योग शुरू किया जा सकता है. उद्यमी को एक हजार दिन का समय दिया जाएगा, जिससे बाकी की फॉर्मेलिटी पूरी की जा सकें. इस दौरान वो अपना उद्योग चलाते रहेंगे और उनकी फॉर्मेलिटीज पूरी होती रहेंगी.