एटा: लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद एटा लोकसभा सीट पर भी चुनावी पारा दिन प्रतिदिन चढ़ता ही जा रहा है. विभिन्न पार्टियों से चुनावी मैदान में जोर आजमाइश कर रहे प्रत्याशी अपने-अपने तरह से जनता को लुभाने में लगे हुए हैं, लेकिन व्यापारियों पर राजनीतिक पार्टीओं के प्रत्याशियों का रंग चढ़ता हुआ दिखाई नहीं पड़ रहा है.
⦁ एटा लोकसभा सीट के लिए 23 अप्रैल को मतदान होना है.
⦁ इस बार एटा के व्यापारी जाति और धर्म के आधार पर नहीं बल्कि विकास के आधार पर मतदान करने का मन बना चुके हैं.
⦁ व्यापारियों के मुताबिक इस बार वह भगवे और फतवे के असर से वो दूर रहेंगे.
ईटीवी भारत ने व्यापारियों से बात कर उनकी समस्याओं को जनाने की कोशिश की:-
व्यापारियों ने कहा नोटबंदी और जीएसटी ने उन्हें को बर्बाद कर दिया.
नोटबंदी व जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारी बर्बाद हो चुका है. इससे भी ज्यादा बुरी स्थिति यह है कि जो सांसद यहां से जीत कर गया वह कभी पलटकर नहीं आया. इस बार हम लोग उसी को वोट देंगे, जो व्यापारियों की बात करेगा और उन्हें राहत देगा, अब की बार न भगवा चलेगा न फतवा चलेगा.
-साबिर मियां, बाबूगंज सब्जी मंडी व्यापार मंडल अध्यक्ष
व्यापारी हो या आम जनता सब की समस्या एक जैसी
एटा की हालत इसलिए खराब है कि यहां ट्रांसपोर्ट का साधन नहीं है. यहां रेलवे की बहुत अर्से से मांग थी, लेकिन वह भी अभी तक सुचारू रूप से शुरू नहीं हो पाई है. यह हाल तब है जब रेलवे के लिए बजट भी मंजूर कर दिया गया था. यहां पब्लिक से लेकर व्यापारियों तक की समस्या एक समान है.
-गुफरान, व्यापारी
इस बार चुनाव में व्यापारियों का मुद्दा विकास का होगा, जो भी प्रत्याशी व्यापारियों के विकास की बात करेगा वोट उन्हीं को जाएगा. व्यापारी ने कहा कि अभी तक जो भी सांसद आते थे, चाहे वह जिस पार्टी के हो वह झूठे लॉलीपॉप दे जाते थे.
-मोहम्मद नाजिम, व्यापारी