झांसी : मध्य प्रदेश पुलिस की तकनीकी सेवा शाखा और झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के बीच शोध और अध्ययन को लेकर एमओयू हुआ है. इस समझौते के बाद बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के फॉरेंसिक साइंस विभाग के विद्यार्थियों को मध्य प्रदेश के फॉरेंसिक लैब में क्राइम इन्वेस्टिगेशन की प्रक्रिया को समझने का मौका मिलेगा.
- बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के डॉ एपीजे अब्दुल कलाम इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस एंड क्रिमिनोलॉजी और मध्य प्रदेश पुलिस की तकनीकी सेवा शाखा के बीच एक समझौता हुआ है.
- इसके तहत जिला स्तर पर कार्यरत लैब के अफसरों के साथ मिलकर आपराधिक घटनाओं में मौके पर पहुंचकर साक्ष्य एकत्रीकरण से लेकर उनके विश्लेषण और अध्ययन का भी मौका विद्यार्थियों को मिलेगा.
- दूसरी ओर मध्य प्रदेश पुलिस के अफसर भी फॉरेंसिक से जुड़े शोध कार्यों के लिए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की मदद से सकेंगे.
- विद्यार्थियों की क्राइम के खुलासे से जुडी जिज्ञासाओं को शांत करने में मदद मिलेगी.
फॉरेंसिक साइंस विभाग के समन्वयक डॉ. विजय यादव बताते हैं कि इस एमओयू से यहां के विद्यार्थियों को वहां के लैब में जाकर केसेज को ओपन करने, उनका विश्लेषण करने, रिपोर्ट लिखने सहित तमाम तरह की चीजें वहां देख और समझ सकते हैं. इसके अलावा रियल क्राइम सीन पर पहुंचकर एविडेन्स कलेक्शन और पैकेजिंग की जानकारी ले सकेंगे.