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मायावती का अखिलेश पर बड़ा हमला, दलितों पर अत्याचार को बताया सपा की हार का कारण

बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला. उन्होंने सपा की करारी हार की वजह सपा सरकार के शासन में दलितों पर हुए अत्याचार को बताया है.

मायावती का अखिलेश पर बड़ा हमला
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Published : Jun 23, 2019, 11:29 PM IST

Updated : Jun 24, 2019, 12:18 AM IST

लखनऊ: लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश में किया गया सपा-बसपा का गठबंधन सफल नहीं होने के बाद मायावती ने हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से दूरी बना ली. इसके बाद उन्होंने गठबंधन भी तोड़ने का ऐलान कर दिया था. वहीं अब मायावती ने एक बार फिर अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला है.

मायावती ने अखिलेश यादव पर किया जुबानी हमला.
    सारे मतभेद भूलकर मैंने भी उन्हें परिवार माना: मायावती
    12 फरवरी को मायावती ने जब बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन का ऐलान किया, तो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जमकर तारीफ की थी. बसपा की राष्ट्रीय स्तर की मीटिंग में मायावती ने कहा कि गठबंधन के चुनाव हारने के बाद अखिलेश ने मुझे फोन नहीं किया. सतीश मिश्रा ने उनसे कहा कि वे मुझे फोन कर लें, लेकिन फिर भी उन्होंने फोन नहीं किया. मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और काउंटिग के दिन 23 तारीख को उन्हें फोन कर उनके परिवार के हारने पर अफसोस जताया.

एक ही झटके में महागठबंधन धड़ाम
लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन करने के दौरान मायावती ने यह भी ऐलान किया था कि यह गठबंधन 2022 में विधानसभा चुनाव तक बना रहेगा. चुनाव परिणाम आने के बाद मायावती ने जिस तरह से पहल करते हुए गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था. उनका वही अंदाज रविवार को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में भी दिखाई दिया. इस बैठक में अपने कैडर को समझाते हुए मायावती ने खुलकर कहा सपा को दलितों का वोट इसलिए ट्रांसफर नहीं हुआ क्योंकि उनकी सरकार के दौरान दलितों पर बढ़-चढ़कर अत्याचार हुआ था जो दलित समाज भुला नहीं सकता.

सपा ने मुसलमानों को टिकट देने से किया था मना
मायावती ने अखिलेश यादव के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव ने ज्यादा मुसलमानों को टिकट देने से यह कहकर मना कर दिया था कि इससे ध्रुवीकरण होगा और फायदा भाजपा को मिलेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कई जगह बसपा प्रत्याशियों को हराने का काम किया है.

भाजपा पर भी साधा निशाना
मायावती ने भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व पर भी निशाना साधते हुए कहा कि एक देश एक चुनाव के जरिए भारतीय जनता पार्टी एक नया पाखंड कर रही है. वास्तव में उसकी कोशिश चुनावी धांधली पर पर्दा डालने और बार-बार चुनाव में गड़बड़ी करके जीतने से बचने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि भाजपा ईवीएम के द्वारा धांधली कर रही है. इसलिए वह मतपत्र से चुनाव कराने के लिए तैयार नहीं है.

बैलेट पेपर से चुनाव कराने का किया समर्थन
मायावती ने कहा कि अगर बीजेपी को अपनी जीत में धांधली नहीं करनी है तो बैलेट पेपर से चुनाव कराने में क्यों कतरा रही है. उन्होंने कहा कि वह अंबेडकर के बताए रास्ते पर चलकर संघर्ष के लिए तैयार रहें. सन 2007 की तरह भाईचारा के आधार पर अपने जनाधार को व्यापक करें. इससे आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को सफलता मिल सके.

विधानसभा उपचुनाव अपने दम पर लड़ने की बात कही
मायावती ने अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है.उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को साफ निर्देश दिया है कि वह विधानसभा चुनाव और उपचुनाव के लिए पूरी तैयारी करें. इससे साफ है कि मायावती अब समाजवादी पार्टी के साथ आने वाले वर्षों में भी कोई गठबंधन करने के मूड में नहीं है.

लखनऊ: लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश में किया गया सपा-बसपा का गठबंधन सफल नहीं होने के बाद मायावती ने हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से दूरी बना ली. इसके बाद उन्होंने गठबंधन भी तोड़ने का ऐलान कर दिया था. वहीं अब मायावती ने एक बार फिर अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला है.

मायावती ने अखिलेश यादव पर किया जुबानी हमला.
    सारे मतभेद भूलकर मैंने भी उन्हें परिवार माना: मायावती
    12 फरवरी को मायावती ने जब बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन का ऐलान किया, तो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जमकर तारीफ की थी. बसपा की राष्ट्रीय स्तर की मीटिंग में मायावती ने कहा कि गठबंधन के चुनाव हारने के बाद अखिलेश ने मुझे फोन नहीं किया. सतीश मिश्रा ने उनसे कहा कि वे मुझे फोन कर लें, लेकिन फिर भी उन्होंने फोन नहीं किया. मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और काउंटिग के दिन 23 तारीख को उन्हें फोन कर उनके परिवार के हारने पर अफसोस जताया.

एक ही झटके में महागठबंधन धड़ाम
लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन करने के दौरान मायावती ने यह भी ऐलान किया था कि यह गठबंधन 2022 में विधानसभा चुनाव तक बना रहेगा. चुनाव परिणाम आने के बाद मायावती ने जिस तरह से पहल करते हुए गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था. उनका वही अंदाज रविवार को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में भी दिखाई दिया. इस बैठक में अपने कैडर को समझाते हुए मायावती ने खुलकर कहा सपा को दलितों का वोट इसलिए ट्रांसफर नहीं हुआ क्योंकि उनकी सरकार के दौरान दलितों पर बढ़-चढ़कर अत्याचार हुआ था जो दलित समाज भुला नहीं सकता.

सपा ने मुसलमानों को टिकट देने से किया था मना
मायावती ने अखिलेश यादव के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव ने ज्यादा मुसलमानों को टिकट देने से यह कहकर मना कर दिया था कि इससे ध्रुवीकरण होगा और फायदा भाजपा को मिलेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कई जगह बसपा प्रत्याशियों को हराने का काम किया है.

भाजपा पर भी साधा निशाना
मायावती ने भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व पर भी निशाना साधते हुए कहा कि एक देश एक चुनाव के जरिए भारतीय जनता पार्टी एक नया पाखंड कर रही है. वास्तव में उसकी कोशिश चुनावी धांधली पर पर्दा डालने और बार-बार चुनाव में गड़बड़ी करके जीतने से बचने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि भाजपा ईवीएम के द्वारा धांधली कर रही है. इसलिए वह मतपत्र से चुनाव कराने के लिए तैयार नहीं है.

बैलेट पेपर से चुनाव कराने का किया समर्थन
मायावती ने कहा कि अगर बीजेपी को अपनी जीत में धांधली नहीं करनी है तो बैलेट पेपर से चुनाव कराने में क्यों कतरा रही है. उन्होंने कहा कि वह अंबेडकर के बताए रास्ते पर चलकर संघर्ष के लिए तैयार रहें. सन 2007 की तरह भाईचारा के आधार पर अपने जनाधार को व्यापक करें. इससे आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को सफलता मिल सके.

विधानसभा उपचुनाव अपने दम पर लड़ने की बात कही
मायावती ने अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है.उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को साफ निर्देश दिया है कि वह विधानसभा चुनाव और उपचुनाव के लिए पूरी तैयारी करें. इससे साफ है कि मायावती अब समाजवादी पार्टी के साथ आने वाले वर्षों में भी कोई गठबंधन करने के मूड में नहीं है.

Intro:लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने रविवार को पार्टी पदाधिकारियों के साथ ही बैठक में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला. उन्होंने समाजवादी पार्टी की करारी हार की वजह सपा सरकार के शासन में दलितों पर हुए अत्याचार को बताया और कहा अखिलेश ने ज्यादा मुसलमानों को टिकट देने से मना कर दिया था.


Body:लखनऊ में 12 फरवरी को मायावती ने जब बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन का ऐलान किया था तो समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की जमकर तारीफ की थी और भारतीय जनता पार्टी पर यह कहकर निशाना साधा था कि सपा बसपा गठबंधन से डरकर भारतीय जनता पार्टी अखिलेश यादव को खनन के झूठे मामले में फंसा रही है. लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन करने के दौरान उन्होंने यह भी ऐलान किया था कि यह गठबंधन 2022 में विधानसभा चुनाव तक बना रहेगा लेकिन लोकसभा चुनाव के परिणामों ने मायावती का अंदाज ही बदल दिया है चुनाव परिणाम आने के बाद मायावती ने जिस तरह से पहल करते हुए गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था उनका वही अंदाज रविवार को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में भी दिखाई दिया इस बैठक में अपने कैडर को समझाते हुए मायावती ने खुलकर कहा अखिलेश यादव कि समाजवादी पार्टी को दलितों का वोट इसलिए ट्रांसफर नहीं हुआ क्योंकि उनकी सरकार के दौरान दलितों पर बढ़-चढ़कर अत्याचार हुआ था जो दलित समाज भुला नहीं सकता उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि जब उन्होंने समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया तो उसके बाद से अखिलेश यादव ने उनसे कोई बात नहीं की बल्कि सतीश चंद्र मिश्र से संपर्क किया है मायावती ने अखिलेश यादव के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने की गरज से यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव ने ज्यादा मुसलमानों को टिकट देने से यह कहकर मना कर दिया था कि इससे ध्रुवीकरण होगा और फायदा भाजपा को मिलेगा उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कई जगह बसपा प्रत्याशियों को हराने का काम किया है समाजवादी पार्टी और उसके नेता अखिलेश यादव व संरक्षक मुलायम सिंह यादव पर हमलावर मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी के शासन में ही उनके ऊपर कई मामले दर्ज कराए गए जाहिर है वह शुगर मिल और स्मारक घोटाले की याद दिला रही थी जिसमें समाजवादी पार्टी ने ही उन्हें आरोपी बनाया है.

भाजपा पर भी साधा निशाना
मायावती ने भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व पर भी निशाना साधा और कहा कि एक देश एक चुनाव के जरिए भारतीय जनता पार्टी एक नया पाखंड कर रही है वास्तव में उसकी कोशिश चुनावी धांधली पर पर्दा डालने और बार बार चुनाव में गड़बड़ी करके जीतने से बचने का प्रयास है उन्होंने कहा कि भाजपा ईवीएम के द्वारा धांधली कर रही है इसलिए वह मतपत्र से चुनाव कराने के लिए तैयार नहीं है अगर सभी राज्यों में लोकसभा के साथ ही विधानसभा के चुनाव होंगे तो भाजपा एक ही बार धांधली कर पूरे देश में चुनाव जीत लेगी और विपक्ष मुक्त होकर देश अंधकार युग में चला जाएगा उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी को अपनी जीत में धांधली नहीं करनी है उसे जन्नत मिला हुआ है तो बैलेट पेपर से चुनाव कराने में क्यों कतरा रही है. करता हूं जो उन्होंने कहा कि वह अंबेडकर के बताए रास्ते पर चलकर संघर्ष के लिए तैयार रहें सन 2007 की तरह भाईचारा के आधार पर अपने जनाधार को व्यापक करें जिससे आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को सफलता मिल सके उन्होंने पार्टी के सांसदों से भी कहा कि वह जनता से जुड़े हुए मामलों को संसद में उठाएं.


Conclusion:मायावती ने जिस तरह अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है और पार्टी पदाधिकारियों को साफ निर्देश दिया है कि वह विधानसभा चुनाव और उपचुनाव के लिए पूरी तैयारी करें इससे साफ है कि मायावती अब समाजवादी पार्टी के साथ आने वाले वर्षों में भी कोई गठबंधन करने के मूड में नहीं है.


पीटीसी अखिलेश तिवारी
Last Updated : Jun 24, 2019, 12:18 AM IST
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