आगराः दुनिया के सात अजूबे में शामिल ताजमहल को देखने के लिए प्रतिदिन 20 से 25 हजार टूरिस्ट आते हैं. दुनिया के सबसे लोकप्रिय स्मारकों में से एक ताजमहल मुगल कालीन वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है. इसे यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स में भी शामिल किया गया है. सफेद संगमरमर से बने इस खूबसूरत स्मारक को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में 1631 से 1648 के बीच बनवाया था.
वीकेंड और वेकेशन पर ताजमहल देखने वाले टूरिस्टों का आंकड़ा 40 से 45 हजार हो जाता है. इनमें ऐसे पर्यटक भी शामिल है, जो दंपत्ति हाल में ही मां बाप बने हैं. ऐसे में जब ये टूरिस्ट ताजमहल निहारने आते हैं तो उनके शिशु को ब्रेस्ट फीडिंग कराने के लिए ताजमहल में कोई जगह नहीं मिलती है. ऐसे में उन्हें बहुत दिक्कत होती है.
ताजमहल देश का एकमात्र ऐसा मॉन्यूमेंट बन जाएगा, जहां पर महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग कराने की सुविधा दी जाएगी. उन्हें अब शिशु के भूख लगने पर एकांत नहीं खोजना पड़ेगा. भीड़-भाड़ में महिलाओं को अकसर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता था. इसके समाधान और बेहतर सुविधा देने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से यह सराहनीय कदम उठाया गया है. जिसके तहत अब महिला टूरिस्ट को ब्रेस्ट फीडिंग रुम की सुविधा दी जाएगी.
ताजमहल में ब्रेस्ट फीडिंग सेंटर बन रहा है तो बहुत अच्छी बात है. ताजमहल देखने आने वाली दूसरी महिलाओं को यह सुविधा मिलेगी तो उन्हें इधर-उधर एकांत तलाशना नहीं करनी पड़ेगी.
-रिप्सी कुशलानी ,टूरिस्ट
ताजमहल में ब्रेस्ट फीडिंग रूम को क्लीनचिट मिल गई है. रॉयल गेट के बाएं तरफ वीवीआईपी टॉयलेट के पास ब्रेस्ट फीडिंग रूम बनाया जा रहा है. ब्रेस्ट फीडिंग रूम में महिलाओं के बैठने के लिए गद्दा, पंखा, कुर्सी और लाइट की व्यवस्था की जाएगी.-वसंत कुमार स्वर्णकार, पुरातत्व अधीक्षक