कुशीनगर: प्रदेश में योगी सरकार के अस्तित्व में आने के बाद जिले में सरकारी राशन की कालाबाजारी पर लगाम लगाने का दावा किया जा रहा था, लेकिन गुरुवार सुबह हाटा तहसील स्थित नेशनल हाइवे पर अनाज का ट्रक पलटने के बाद इस दावे की पोल खुलकर सामने आ गई. राशन माफियाओं ने बड़ी चालाकी से सरकारी अनाज को ठिकाने लगाने की जुगत में थे.
मामला खुला तो अधिकारियों में में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में जांच की गई और पूरा खेल खुद सामने आ गया, लेकिन एसडीएम प्रमोद तिवारी ने किसी भी प्रकार से सरकारी अनाज की कालाबजारी से साफ मना कर दिया.
जानिए क्या है मामला
- बिहार सीमा से सटे कुशीनगर जिले में गरीबों के राशन की कालाबाजारी का खेल काफी पुराना है.
- प्रदेश में काफी सरकारें बदल गईं, लेकिन कालाबाजारी के खेल पर अंकुश नहीं लग पाया.
- पिछली सरकारों ने भी कालाबाजारी के खेल पर अंकुश लगाने के लिए काफी प्रयास किए.
- पिछली सरकारों ने कई खाद्यान्न माफियाओं को भी पकड़ा, लेकिन खेल साल दर साल बदस्तूर जारी रहा.
- योगी सरकार के अस्तित्व में आने के साथ ही बायोमेट्रिक प्रणाली के द्वारा राशन वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई.
- प्रदेश सरकार ने कई बार कालाबाजारी के खेल पर अंकुश लगने की बात भी कही लेकिन हकीकत कुछ और ही है.
- हाटा तहसील मुख्यालय पर गुरुवार सुबह वर्तमान सत्र 2018-19 के सरकारी बोरे में भरे गेंहूं से लदे ट्रक के अचानक पलटने से इस खेल की बात सामने आई.
- बोरे से सरकारी टैग हटाकर उसका वजन तो बदल दिया गया था, लेकिन वर्तमान सत्र के बोरों ने खेल का सारा राज खोल दिया
- माफियाओं ने प्रशासन की जांच से पहले मंडी परिषद की रसीद के साथ अपने को थोक विक्रेता बताते हुए कागज एसडीएम के सामने प्रस्तुत कर दिए.
जो सरकारी कोटे वाले लोग बोरे बेच देते है. वहीं बोरे पकड़े मिले है. संदेह के आधार पर जांच की गई, अनाज एक थोक व्यापारी का है.
- प्रमोद तिवारी, एसडीएम , हाटा, कुशीनगर