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इन प्रमुख सीटों पर प्रत्याशी उतारने में देरी बनी भाजपा नेताओं की खींचतान - bjp

भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में कई प्रमुख सीटों पर खींचतान की वजह से उम्मीदवारों का ऐलान नहीं कर पा रही है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय कहते हैं कि कुछ सीटों पर प्रत्याशी उतारने को लेकर चर्चा चल रही है. जल्द ही उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया जाएगा.

प्रत्याशी उतारने में देरी.
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Published : Apr 10, 2019, 3:10 AM IST

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी कई प्रमुख सीटों पर अपने नेताओं और प्रमुख दावेदारों की खींचतान की वजह से उम्मीदवारों का ऐलान नहीं कर पा रही है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद इन प्रमुख सीटों पर प्रत्याशी उतारने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी महामंत्री संगठन सुनील बंसल सहित अन्य कई लोगों से चर्चा की, फिर भी प्रत्याशी चयन में विलंब हो रहा है.

प्रत्याशी उतारने में देरी.

मुख्य रूप से योगी आदित्यनाथ की परंपरागत सीट रही गोरखपुर सीट से उपचुनाव में भाजपा हार गई थी. बदली हुई परिस्थितियों में गोरखपुर उपचुनाव में भाजपा को हराने वाले प्रवीण निषाद भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं. भाजपा से चुनाव लड़ने वाले प्रमुख दावेदार ऐसे में पार्टी चुनाव लड़ाए या नहीं, इसको लेकर पशोपेश में फंसी हुई है.

इसके साथ ही संतकबीर नगर सीट पर भी काफी खींचतान मची हुई है. इसके पीछे की वजह जूता कांड है. निवर्तमान सांसद शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच मारपीट की घटना से पार्टी शरद त्रिपाठी को दोबारा चुनाव मैदान पर नहीं उतारना चाहती है. संतकबीर नगर पार्टी किसी नए चेहरे को या फिर शरद त्रिपाठी के पिता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी को चुनाव लड़ाने की चर्चा हो रही है.

पार्टी के वरिष्ठ नेता केंद्रीय मंत्री रहे कलराज मिश्रा की सीट देवरिया पर भी स्थिति ठीक नहीं बताई जा रही है. कलराज मिश्रा के चुनाव न लड़ने के इनकार किए जाने के बाद पार्टी इस सीट पर किसी बड़े नेता को चुनाव मैदान पर उतारना चाहती है. हालांकि मीडिया से बीजेपी में आए शलभ मणि त्रिपाठी मुख्य दावेदार इस सीट पर बताए जा रहे हैं. इसके अलावा देवरिया से योगी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी चुनाव लड़ने को लेकर छटपटा रहे हैं. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि पार्टी संतकबीर नगर के सांसद शरद त्रिपाठी की सीट बदल कर उन्हें देवरिया से भी चुनाव लड़ा सकती है.

इसके अलावा निषाद पार्टी की तरफ से भदोही और गोरखपुर सीट पर डिमांड की जा रही है. घोसी सीट पर पार्टी ओमप्रकाश राजभर को चुनाव लड़ाए जाने पर अभी भी अंतिम फैसला नहीं कर पाई है. पार्टी की इच्छा है कि ओमप्रकाश राजभर खुद घोसी लोकसभा सीट पर चुनाव लड़े.

प्रतापगढ़ सीट पर पार्टी योगी सरकार के मंत्री मोती सिंह को चुनाव लड़ने के मूड में है. हालांकि मोती सिंह अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए पैरवी में जुटे हुए हैं. इसके अलावा जौनपुर सीट पर भी अभी पेंच फंसा हुआ है. यहां से पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला भी मुख्य दावेदार बताए जा रहे हैं. युवा चेहरा होने के चलते उन्हें भी टिकट मिलने की पूरी गुंजाइश बताई जा रही है.

जौनपुर सीट पर माफिया धनंजय सिंह बीजेपी के किसी भी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ना चाहते हैं. धनंजय सिंह लगातार इस कोशिश में लगे हुए हैं कि जौनपुर सीट निषाद पार्टी या फिर ओमप्रकाश राजभर की पार्टी को मिल जाए और वह चुनाव लड़ जाए, लेकिन बीजेपी धनंजय सिंह को चुनाव नहीं लड़ाने के मूड में दिख रही है.

यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय कहते हैं कि कुछ सीटों पर प्रत्याशी उतारने को लेकर चर्चा चल रही है. अतिशीघ्र उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया जाएगा. तमाम कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहते हैं. ऐसे में कुछ देरी जरूर हो रही है, लेकिन जल्द ही टिकटों का ऐलान हो जाएगा.

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी कई प्रमुख सीटों पर अपने नेताओं और प्रमुख दावेदारों की खींचतान की वजह से उम्मीदवारों का ऐलान नहीं कर पा रही है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद इन प्रमुख सीटों पर प्रत्याशी उतारने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी महामंत्री संगठन सुनील बंसल सहित अन्य कई लोगों से चर्चा की, फिर भी प्रत्याशी चयन में विलंब हो रहा है.

प्रत्याशी उतारने में देरी.

मुख्य रूप से योगी आदित्यनाथ की परंपरागत सीट रही गोरखपुर सीट से उपचुनाव में भाजपा हार गई थी. बदली हुई परिस्थितियों में गोरखपुर उपचुनाव में भाजपा को हराने वाले प्रवीण निषाद भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं. भाजपा से चुनाव लड़ने वाले प्रमुख दावेदार ऐसे में पार्टी चुनाव लड़ाए या नहीं, इसको लेकर पशोपेश में फंसी हुई है.

इसके साथ ही संतकबीर नगर सीट पर भी काफी खींचतान मची हुई है. इसके पीछे की वजह जूता कांड है. निवर्तमान सांसद शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच मारपीट की घटना से पार्टी शरद त्रिपाठी को दोबारा चुनाव मैदान पर नहीं उतारना चाहती है. संतकबीर नगर पार्टी किसी नए चेहरे को या फिर शरद त्रिपाठी के पिता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी को चुनाव लड़ाने की चर्चा हो रही है.

पार्टी के वरिष्ठ नेता केंद्रीय मंत्री रहे कलराज मिश्रा की सीट देवरिया पर भी स्थिति ठीक नहीं बताई जा रही है. कलराज मिश्रा के चुनाव न लड़ने के इनकार किए जाने के बाद पार्टी इस सीट पर किसी बड़े नेता को चुनाव मैदान पर उतारना चाहती है. हालांकि मीडिया से बीजेपी में आए शलभ मणि त्रिपाठी मुख्य दावेदार इस सीट पर बताए जा रहे हैं. इसके अलावा देवरिया से योगी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी चुनाव लड़ने को लेकर छटपटा रहे हैं. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि पार्टी संतकबीर नगर के सांसद शरद त्रिपाठी की सीट बदल कर उन्हें देवरिया से भी चुनाव लड़ा सकती है.

इसके अलावा निषाद पार्टी की तरफ से भदोही और गोरखपुर सीट पर डिमांड की जा रही है. घोसी सीट पर पार्टी ओमप्रकाश राजभर को चुनाव लड़ाए जाने पर अभी भी अंतिम फैसला नहीं कर पाई है. पार्टी की इच्छा है कि ओमप्रकाश राजभर खुद घोसी लोकसभा सीट पर चुनाव लड़े.

प्रतापगढ़ सीट पर पार्टी योगी सरकार के मंत्री मोती सिंह को चुनाव लड़ने के मूड में है. हालांकि मोती सिंह अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए पैरवी में जुटे हुए हैं. इसके अलावा जौनपुर सीट पर भी अभी पेंच फंसा हुआ है. यहां से पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला भी मुख्य दावेदार बताए जा रहे हैं. युवा चेहरा होने के चलते उन्हें भी टिकट मिलने की पूरी गुंजाइश बताई जा रही है.

जौनपुर सीट पर माफिया धनंजय सिंह बीजेपी के किसी भी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ना चाहते हैं. धनंजय सिंह लगातार इस कोशिश में लगे हुए हैं कि जौनपुर सीट निषाद पार्टी या फिर ओमप्रकाश राजभर की पार्टी को मिल जाए और वह चुनाव लड़ जाए, लेकिन बीजेपी धनंजय सिंह को चुनाव नहीं लड़ाने के मूड में दिख रही है.

यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय कहते हैं कि कुछ सीटों पर प्रत्याशी उतारने को लेकर चर्चा चल रही है. अतिशीघ्र उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया जाएगा. तमाम कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहते हैं. ऐसे में कुछ देरी जरूर हो रही है, लेकिन जल्द ही टिकटों का ऐलान हो जाएगा.

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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी कई प्रमुख सीटों पर अपने नेताओं और प्रमुख दावेदारों की खींचतान की वजह से उम्मीदवारों का ऐलान नहीं कर पा रही है भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद इन प्रमुख सीटों पर प्रत्याशी उतारने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह महामंत्री संगठन सुनील बंसल सहित अन्य कई लोगों से चर्चा की लेकिन फिर भी प्रत्याशी चयन में विलंब हो रहा है।



Body:मुख्य रूप से योगी आदित्यनाथ की परंपरागत सीट रही गोरखपुर सीट उपचुनाव में भाजपा हार गई थी बदली हुई परिस्थितियों में गोरखपुर उपचुनाव में भाजपा को हराने वाले प्रवीण निषाद भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं भाजपा से चुनाव लड़ने वाले प्रमुख दावेदार ऐसे में पार्टी चुनाव लड़ाए या ना लड़ा है इसको लेकर पशोपेश में फंसी हुई है इसके साथ ही संत कबीर नगर सीट पर भी काफी खींचतान मची हुई है इसके पीछे की वजह जूता कांड है निवर्तमान सांसद शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच मारपीट की घटना से पार्टी शरद त्रिपाठी को दोबारा चुनाव मैदान पर नहीं उतारना चाहती है संत कबीर नगर पार्टी किसी नए चेहरे को या फिर शरद त्रिपाठी के पिता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी को चुनाव लड़ाने की चर्चा हो रही है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता केंद्रीय मंत्री रहे कलराज मिश्रा की सीट देवरिया पर भी स्थिति ठीक नहीं बताई जा रही है कलराज मिश्रा के चुनाव ना लड़ने के इनकार किए जाने के बाद पार्टी इस सीट पर किसी बड़े नेता को चुनाव मैदान पर उतारना चाहती है हालांकि मीडिया से बीजेपी में आए शलभ मणि त्रिपाठीमुख्य दावेदार इस सीट पर बताए जा रहे हैं। इसके अलावा देवरिया से योगी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी चुनाव लड़ने को लेकर छटपटा रहे हैं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि पार्टी संत कबीर नगर के सांसद शरद त्रिपाठी की सीट बदल कर उन्हें देवरिया से भी चुनाव लड़ा सकती है।
इसके अलावा निषाद पार्टी की तरफ से भदोही और गोरखपुर सीट पर डिमांड की जा रही है घोसी सीटों पर पार्टी ओमप्रकाश राजभर को चुनाव लड़ आए जाने पर अभी भी अंतिम फैसला नहीं कर पाई है पार्टी की इच्छा है कि ओमप्रकाश राजभर खुद घोसी लोकसभा सीट पर चुनाव लड़े ओमप्रकाश राजभर चुनाव में चुनाव लड़ना चाहते हैं।
प्रतापगढ़ सीट पर पार्टी योगी सरकार के मंत्री मोती सिंह को चुनाव लड़ने के मूड में है हालांकि मोती सिंह अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए पैरवी में जुटे हुए हैं इसके अलावा जौनपुर सीट पर भी अभी पेंच फंसा हुआ है यहां से पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला भी मुख्य दावेदार बताए जा रहे हैं युवा चेहरा होने के चलते उन्हें भी टिकट मिलने की पूरी गुंजाइश बताई जा रही है।
हालांकि जौनपुर सीट पर माफिया धनंजय सिंह बीजेपी के किसी भी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ना चाहते हैं धनंजय सिंह लगातार इस कोशिश में लगे हुए हैं कि जौनपुर सीट निषाद पार्टी या फिर ओमप्रकाश राजभर की पार्टी को मिल जाए और वह चुनाव लड़ जाए लेकिन बीजेपी धनंजय सिंह को चुनाव नहीं लड़ाने के मूड में दिख रही है।

बाईट
यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे कहते हैं कि कुछ सीटों पर प्रत्याशी उतारने को लेकर चर्चा चल रही है अतिशीघ्र उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया जाएगा तमाम सारे कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहते हैं ऐसे में कुछ देरी जरूर हो रही है लेकिन जल्द ही टिकटों का एलान हो जाएगा।



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